यूपी में अब आधार कार्ड बनवाने या अपडेट कराने के लिए ज्यादा दूर तक चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा फैसला लेते हुए निर्देश दिया है कि हर ग्राम सचिवालय में अब आधार सेवा केंद्र खोले जाएंगे, जहां लोग नया आधार कार्ड बनवा सकेंगे, पुराने में सुधार कर सकेंगे और बायोमेट्रिक अपडेट भी करवा पाएंगे.
गांव में ही डिजिटल सुविधा
अब तक गांव के लोगों को आधार से जुड़ा कोई भी काम करवाने के लिए शहर या तहसील मुख्यालय जाना पड़ता था. कई बार यह सफर 20-30 किलोमीटर तक का होता था, जिससे समय और पैसा दोनों खर्च होते थे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गांव का नागरिक अब अपने ही पंचायत भवन से यह सुविधा प्राप्त कर सकेगा. इससे लोगों को राहत मिलेगी और पंचायतों को अतिरिक्त आय का स्रोत मिलेगा. इन केंद्रों पर आधार कार्ड बनवाने, नाम या पते में सुधार, फिंगरप्रिंट या आईरिस स्कैन अपडेट और बच्चों के बायोमेट्रिक रजिस्ट्रेशन जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी.
पंचायतें होंगी आधुनिक और पारदर्शी
लखनऊ में हुई पंचायती राज विभाग की समीक्षा बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ ने साफ कहा कि पंचायतें अब पुराने ढर्रे पर नहीं चलेंगी. उन्होंने कहा कि पंचायतें मात्र प्रशासनिक इकाइयां नहीं, बल्कि ग्रामीण विकास की आत्मा हैं. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पंचायतों के संचालन में पारदर्शिता और तकनीक का अधिकतम उपयोग किया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक तकनीक गांव तक नहीं पहुंचेगी, तब तक असली विकास अधूरा रहेगा.
ऑनलाइन टैक्स वसूली और डिजिटल व्यवस्था से बढ़ेगी विश्वसनीयता
बैठक में प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, पंचायतों की वित्तीय क्षमता बढ़ाने के लिए स्थानीय कर और उपयोगकर्ता शुल्क की वसूली को पूरी तरह ऑनलाइन किया गया है. इससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा और आम लोगों को भी आसानी से डिजिटल भुगतान की सुविधा मिलेगी. पंचायतों को अपने राजस्व में बढ़ोतरी के लिए नई योजनाओं और नवाचारों पर काम करने का निर्देश भी दिया गया है.
हर जिले में इंजीनियर या आर्किटेक्ट होंगे तैनात
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विकास प्राधिकरणों की तरह जिला पंचायतों में भी सिविल इंजीनियर या आर्किटेक्ट की तैनाती का आदेश दिया है. उन्होंने कहा कि गांवों में भवन मानचित्र स्वीकृति की प्रक्रिया अब और पारदर्शी होनी चाहिए. इसके लिए तकनीकी विशेषज्ञों की मौजूदगी जरूरी है ताकि निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और पारदर्शिता बनी रहे. इस कदम से गांवों में सरकारी और निजी निर्माण कार्यों की निगरानी भी अधिक प्रभावी ढंग से हो सकेगी.
तालाबों का होगा सूचीकरण, जल संरक्षण पर विशेष फोकस
बैठक में बताया गया कि पंचायती राज विभाग अब राज्य भर में तालाबों की सूचीकरण और उपयोग नीति पर काम कर रहा है. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि पंचायतों और जिला पंचायतों के अधीन तालाबों को समय पर पट्टे पर दिया जाए, और उससे प्राप्त आय को केवल हर घर नल योजना, जल संरक्षण और ग्रामीण कल्याण कार्यों में ही लगाया जाए. सीएम योगी ने कहा कि तालाब गांव का जीवन हैं. जहां तालाब हैं, वहां पानी, हरियाली और समृद्धि तीनों हैं.
तकनीक से गांवों की तस्वीर बदलेगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में ग्राम पंचायतें तकनीक आधारित शासन की मिसाल बनेंगी. उन्होंने निर्देश दिया कि पंचायतों में डिजिटल रिकॉर्ड, ऑनलाइन भुगतान, टैक्स वसूली और सेवा वितरण को पूरी तरह पारदर्शी बनाया जाए. उन्होंने कहा, अब हर पंचायत एक मिनी गवर्नेंस सेंटर बनेगी, जहां जनता को सुविधा भी मिलेगी और सरकार की योजनाओं की निगरानी भी होगी.
सेवा, स्वच्छता और स्वाभिमान- नया पंचायत मॉडल
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत और स्वच्छ भारत मिशन को जोड़ते हुए कहा कि पंचायतों को अब सेवा, स्वच्छता और स्वाभिमान का केंद्र बनाना है. उन्होंने कहा कि जब गांव स्वच्छ, आत्मनिर्भर और डिजिटल रूप से सक्षम होगा, तभी असली ग्रामीण क्रांति संभव है. हमें हर पंचायत को मॉडल पंचायत बनाना है, जहां सेवा भाव, पारदर्शिता और तकनीक तीनों का संतुलन हो.
लोग बोले – अब सबकुछ यहीं मिलेगा
ग्राम प्रधान रीता सिंह कहती हैं कि पहले आधार कार्ड बनवाने के लिए लोग पूरे दिन शहर में भटकते थे, अब पंचायत भवन में ही काम हो जाएगा. महिलाओं, बुजुर्गों और विद्यार्थियों को इससे सबसे ज़्यादा राहत मिलेगी. वहीं, पंचायत सचिव संजय यादव का कहना है कि यह सिर्फ एक सुविधा नहीं, बल्कि पंचायतों की आत्मनिर्भरता का रास्ता है. जो पंचायत खुद कमाएगी, वही अपने गांव के विकास में निवेश करेगी.
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