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राजस्थान में बढ़ रही पढ़े-लिखे बेरोजगारों की संख्या, लाइब्रेरियन परीक्षा के पद बढ़ाने के लिए प्रदर्शन – rajasthan jobs educated unemployed youth job crisis 2025 pvpw


राजस्थान में पढ़े-लिखे बेरोज़गारों की संख्या बढ़ती जा रही है. 21 लाख बेरोज़गारों ने बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन किया है. हर नौजवान जो नौकरी की तलाश में है, वो बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन कर रहा है. सरकार महज़ एक लाख 90 हजार को भत्ता दे पा रही है, वह भी आठ से दस महीने की देरी से मिल रहा है. राजस्थान में निकलने वाली हर नौकरी में पद बढ़ाने के लिए विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.

जयपुर में प्रदर्शन कर रहे बेरोजगार

ये बेरोजगार जयपुर के शहीद स्मारक पर प्रदर्शन कर रहे हैं . लाइब्रेरियन की परीक्षा में पद बढ़ाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं. इनका कहना है कि 548 पद के लिए एक लाख बेरोज़गारों ने आवेदन किया है. राज्य में फ़िलहाल 19 हज़ार स्कूलों में 3000 पद ही लाइब्रेरियन के लिए हैं. ये चाहते हैं कि कम से कम सरकार 500 पद और बढ़ा दे. इन्होंने सरकार की युवा संबल योजना, जिसे बेरोजगारी भत्ते के लिए भी आवेदन कर रखे हैं, उसमें मगर 2019 में शुरू हुई इस योजना में अबतक 2019-21 के बेरोज़गारों का नंबर नहीं आ रहा है. बीए की पढ़ाई करने के बाद गिरिराज मीणा ने 2019 में 4000 बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन किया था और कुमार सैनी ने 2022 में आवेदन किया था. इस बीच लाइब्रेरियन का कोर्स भी कर लिया लेकिन न तो नौकरी मिल रही है और न ही बेरोजगारी भत्ता मिल रहा है.

राजस्थान में पिछली कांग्रेस सरकार ने ग्रेजुएशन कर चुके बेरोज़गारों में महिलाओं के लिए साढ़े चार हजार और पुरुषों के लिए चार हज़ार बेरोजगारी भत्ता शुरू किया था. यह दो लाख बेरोज़गारों को अधिकतम दो साल तक के लिए मिलता है ताकि ग़रीब छात्र अपनी पढ़ाई कर सकें. आवेदन की संख्या ज़्यादा होने पर चार घंटे की इंटर्नशिप यानी सरकारी दफ़्तर में काम करने का प्रावधान किया गया ताकि संख्या कम हो, लेकिन संख्या बढ़ती जा रही है. रोज़गार कार्यालय में बेंच पर बैठे गोपाल शर्मा और संगीता शर्मा बीएड करने के बाद टीचर परीक्षा की तैयारी के लिए जयपुर में रहने के लिए बेरोजगारी भत्ता चाहते हैं. 2019 में अप्लाई किया था, मगर आया नहीं तो अब पता करने दफ़्तर में आए हैं.

शालू वर्मा जमवारामगढ़ से आई हैं और विजेंद्र सैनी माली हॉस्टल से रोजगार कार्यालय में बेरोजगारी भत्ते के लिए आए हैं. 2021 से अप्लाई कर रखा है लेकिन मिला नहीं है. चाहते हैं मिल जाए तो आगे की पढ़ाई कर सकें. राजस्थान में 21 लाख बेरोज़गारों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है, जिसमें 14 लाख 33 हजार 757 बेरोजगार ग्रेजुएट हैं जो बेरोजगारी भत्ते के योग्य हैं. अबतक 8 लाख 54 हजार 504 बेरोज़गारों को मिल पाया है. बीजेपी सरकार आने के बाद एक साल बाद अप्रैल 2025 में 2024 के पैसे मिले हैं. कई जिलों में अभी तक पिछले साल के भी बकाया हैं. सरकार का कहना है कि कोशिश कर रहे हैं, जैसे-जैसे पैसे आ रहे हैं, पेंडेंसी ख़त्म कर रहे हैं. कुछ लोगों का कहना है कि इनके पास पैसे ही नहीं हैं.

राजस्थान सरकार ने पांच साल में चार लाख सरकारी नौकरी देने का वादा किया है, मगर बेरोज़गारों की फौज इससे कहीं ज़्यादा लंबी है. जो नौकरियां निकल रही हैं, उन सब में पद बढ़ाने के लिए आंदोलन हो रहे हैं. अबतक सात नौकरियों में सरकार को पद बढ़ाने पड़े हैं. बेरोजगारी भत्ता पढ़ाई की तैयारी कर रहे ग़रीब छात्रों के लिए बड़ा संबल होता है.

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