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बॉलीवुड के ‘ऐब’ दूर करता साउथ… देसी हीरोज के साथ स्क्रीन पर लौटी देसी इंडियन बॉडी – kantara chapter 1 pushpa rrr south films bollywood six pack abs ntcpsm


‘कांतारा चैप्टर 1’ में ऋषभ शेट्टी जब एंट्री मारते हैं तो थिएटर में दर्शकों की तालियां-सीटियां-हूटिंग का शोर भर जाता है. फिल्म में एक आदिवासी समुदाय के लीडर का रोल कर रहे ऋषभ, एक मजबूत बेल से लटकते हुए, लगभग टार्जन स्टाइल में जमीन पर उतरते हुए फ्रेम में एंट्री मारते हैं. ये एंट्री उनके किरदार के बैकग्राउंड को पूरी तरह सूट भी करती है. और इस एंट्री में जो पहली चीज आप नोटिस करते हैं, वो है ऋषभ की बॉडी. 

चूंकि वो फ्रेम में ऊपर से नीचे की तरफ आ रहे हैं तो पहले उनके मजबूत पैर और जांघें दिखती हैं. फिर पेट और छाती से होते हुए उनका चेहरा फ्रेम में फिट हो जाता है. इस बॉडी में मसल्स इतने सघन हैं कि सामने खड़ा बड़े से बड़ा योद्धा भी एक बार अपने बल पर शंका करने लगे. उनकी जांघें और धड़, देसी अखाड़ों में घंटों मल्ल-कुश्ती करने वाले पहलवानों जैसे हैं. 

सीने और कंधे इतने मजबूत और चौड़े कि उनकी एक टक्कर से जब कोई टप्पा खाकर जमीन पर गिरता है तो हैरानी नहीं होती. फिल्म के निर्णायक मोड़ पर एक युद्ध में ऋषभ जब कूदकर आते दिख रहे हैं तो वो एक भयानक योद्धा के अवतार में हैं. इस बार उन्हें देखकर ही आपको आभास हो जाता है कि सामने आने वालों का क्या हश्र होगा… और होता भी वही है! हीरो की कद-काठी का सौंदर्यशास्त्र स्क्रीन पर उसके किरदार का बहुत बड़ा हिस्सा होता है. ‘कांतारा चैप्टर 1’ में ऋषभ की बॉडी, उनके किरदार की आधी पावर तो उनकी दमदार एक्टिंग में है. बाकी आधा हिस्सा, पूरी तरह उनकी मजबूत बॉडी की वजह से आया है. 

देसी पहलवानों की याद दिलाती है ‘कांतारा चैप्टर 1’ में ऋषभ की बॉडी (Photo: Instagram/hombalefilms)

पूरी फिल्म में आपका ध्यान इस बात पर जरूर जाएगा कि यहां ऋषभ की बॉडी जिम में मशीनों से तराशी हुई नहीं लगती, जिसके एक-कट और मांसपेशी आप गिन सकें. बल्कि ये कहना एकदम सही होगा कि उनकी बॉडी भारतीय पुरुष की पीक बॉडी है. वैसी बॉडी जो हमने दारा सिंह, गामा पहलवान या एक्टर धर्मेंद्र की तस्वीरों में देखी है. लेकिन पिछले कुछ दशकों में बड़े पर्दे पर ये ‘इंडियन मेल बॉडी’ कहीं गायब सी हो गई थी. 

नए मिलेनियम के साथ आया सिक्स-पैक ऐब्स का ट्रेंड 
बात बॉडी के इम्प्रेशन की है तो संजय दत्त, सुनील शेट्टी और सलमान खान 90s से ही स्क्रीन पर ऐसी तगड़ी बॉडी बनाकर आए जो लड़कों के लिए जिम जाने की इंस्पिरेशन बनी. मगर नई सदी के साथ जब बॉलीवुड का कैनवास खुला तो वैश्वीकरण और खुलते बाजार का असर फिल्मों में भी उतरा. कहानियां बदलीं, तस्वीरें बदलीं, फैशन बदला और बॉलीवुड में इस बदलाव का झंडा पकड़े एक नया लड़का आया— ऋतिक रोशन. 

जिम में सलमान से ही ट्रेनिंग पाया हुआ ये लड़का अपनी पहली ही फिल्म ‘कहो ना प्यार है’ में उस नए स्टाइल की बॉडी के साथ आया था, जिसका फोकस ऐब्स थे. ऋतिक के साथ हर फिल्म में उनके ऐब्स का स्क्रीन टाइम भी तय था. बॉडी तो सलमान की भी होती थी, मगर ये ऐब्स वाला मामला अलग था. ऐसा लगता था कि मूर्तिकार ने पत्थर में ये 6 छोटे बॉक्स तराशे हैं. ऋतिक के पीछे-पीछे डीनो मोरेया, जॉन अब्राहम, शाहिद कपूर जैसे हीरो आते चले गए. हीरो के डिज़ाइन में सिक्स-पैक, न्यू-नॉर्मल बनता चला गया. 

लड़कियां इन नए हीरोज, नए स्टाइल, नई बॉडी के लिए क्रेजी थीं. लड़कियों के इस क्रेज का कांटा अपनी तरफ घुमाने के लिए लड़कों ने इस न्यू हीरो की तरह बॉडी बनाने की मशक्कत शुरू कर दी. पुराने हीरोज को शायद पीछे छूट जाने का डर लगा तो वो भी अपने पेट में ऐब्स तलाशने चल पड़े. 

सिक्स पैक ऐब्स के लिए यंग ही नहीं सीनियर स्टार्स ने भी की खूब मेहनत (Photo: IMDB)

शाहरुख ‘ओम शांति ओम’ में सिक्स पैक निकाल लाए, तो गजनी में आमिर के ऐब्स और ज्यादा गहरे थे. अक्षय और सलमान जैसे पुराने फिटनेस आइकॉन्स ने भी पर्दे पर शर्ट उतारने की फ्रीक्वेंसी बढ़ा दी. अजय देवगन ‘सिंघम’ के टाइटल ट्रैक में जब पानी के अंदर से ऐब्स के साथ निकले तो अति ही हो गई. 

ये सब सिर्फ फिल्मों में ही नहीं हो रहा था, एक्टर्स ने जिम में ऐब्स बनाने की ट्रेनिंग के वीडियो शेयर करने शुरू कर दिए. एक्टर्स के ट्रांसफॉर्मेशन वीडियोज का क्रेज तो अलग ही लेवल पर रहा. लोग इनसे इंस्पायर होकर अपने ऐब्स तराशने में लग गए. ऐब्स के इस क्रेज ने जो नया फिटनेस ट्रेंड शुरू किया वो आजतक बरकरार है. मगर इसके अपने नुकसान भी खूब हैं. 

ऐब्स के ऐब!
पिछले 10 सालों में तमाम न्यूज आर्टिकल्स, रिपोर्ट्स और वीडियोज में ट्रेनर्स ने इस बात पर खूब जोर दिया है कि सिक्स-पैक ऐब्स पाने की चाहत कितनी गंभीर समस्याएं पैदा कर सकती हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में, मिस्टर इंडिया रनर-अप राहुल राजाशेखरन ने कहा था, ‘लोग फिट होने के लिए नहीं, फिट दिखने के लिए ऑब्सेस्ड हैं और ये नहीं जानते कि कहां रुक जाना चाहिए. हम मॉडल्स और एक्टर्स भी इसके लिए दोषी हैं.’ 

उन्होंने आगे बताया था कि ऐब्स के लिए शरीर में 5% से ज्यादा बॉडी फैट नहीं होना चाहिए. जबकि इंटरनल ऑर्गन्स को नॉर्मल फंक्शन करने के लिए (पुरुषों में) 7% से 11% तक फैट चाहिए होता है. इसलिए लंबे समय तक शरीर को जरूरत से ज्यादा कम फैट पर रखना लीवर वगैरह के लिए नुक्सानदायक हो सकता है. 

तमाम रिपोर्ट्स हाईलाइट करती रही हैं कि ऐब्स बनाने की धुन में एक्सट्रीम डाइट और ट्रेनिंग पर जाना इम्युनिटी सिस्टम, मसल रिकवरी, हॉर्मोन्स को डैमेज कर सकता है. तमिल इंडस्ट्री में सिक्स पैक ऐब्स का ट्रेंड स्टार्ट करने वाले एक्टर सूर्या ने कई साल पहले एक इंटरव्यू में चौंकाने वाला खुलासा किया था. उन्होंने बताया था कि ‘सिंघम 2’ में सिक्स-पैक ऐब्स के लिए उन्होंने बॉडी फैट बहुत कम कर लिया था जिससे उनके मसूड़े कमजोर होने लगे थे. उन्होंने ये भी शेयर किया था कि लगातार ट्रेनिंग मोड में रहने से उनकी नींद भी अनियमित हो गई थी. 

ऐब्स के ऑब्सेशन के तमाम नुक्सान सामने आने के बावजूद वी-शेप और फिट बॉडी पाने का चस्का युवाओं में इसलिए बना रहता है क्योंकि वो किसी एक्टर की तरह बॉडी पाना चाहते हैं. फिटनेस एक्सपर्ट्स इस बात को भी हाईलाइट करते रहे हैं कि ड्रीम बॉडी ना होना बहुत लोगों के लिए बॉडी-नेगेटिविटी की भी वजह बन जाता है. इससे उनका कॉन्फिडेंस टूटता जाता है. यानी बॉलीवुड हीरोज ने ऐब्स बनाने की जो मुहीम शुरू की, उसका क्रेज कोई बहुत अच्छी चीज नहीं है. ऐसे में साउथ के हीरोज की पॉपुलैरिटी इस ट्रेंड को तोड़कर, एक पॉजिटिव माहौल बनाने का दम रखती है. 

इंडियन पुरुषों के लिए बहुत ज्यादा रिलेटेबल है साउथ के हीरोज की बॉडी (Photo: IMDB)

साउथ के हीरोज की नेचुरल ‘इंडियन’ बॉडी
‘RRR’ में राजामौली जब जूनियर एनटीआर को भीम के किरदार में इंट्रोड्यूस करते हैं, तो कैमरा बड़ी खूबसूरती से एक इंडियन पुरुष की बॉडी की मजबूती को कैप्चर करता है. एक नोट करने वाली बात ये है कि ये इंट्रो शॉट एनटीआर की पीठ से शुरू होता है, ऐब्स से नहीं. कैमरा आपको भीम की मजबूत कद-काठी दिखाने के लिए उनके मजबूत सीने, चौड़े कन्धों और बलशाली हाथों पर फोकस करता है, मगर ऐब्स पर फोकस नहीं करता. 

इसके उलट बॉलीवुड में ऐब्स का ऑब्सेशन ऐसा है कि अक्सर दर्शकों ने एक्टर्स की बॉडी पर ग्राफिक्स से बने हुए ऐब्स पर्दे पर पकड़ लिए हैं. कई बार हीरोज की बॉडी पर CGI से ऐब्स दिखाने की कोशिश बॉलीवुड फिल्मों में नजर आई है. 

बलशाली हीरोज के मामले में ‘बाहुबली’ सीरीज के प्रभास और राणा दग्गुबाती का उदाहरण बहुत तगड़ा है. दोनों हीरोज ने तीन साल मेहनत करके वो बॉडी बनाई थी जो उनके किरदारों के लिए परफेक्ट थी. मगर यहां भी फोकस सिर्फ ऐब्स पर नहीं था. ‘बाहुबली’ से आपको प्रभास और राणा के कई बॉडी शॉट्स मिल सकते हैं, मगर फोकस कहीं भी ऐब्स पर नहीं मिलेगा. 

‘KGF’ के रॉकी भाई (यश) से बड़ा गैंगस्टर एक्शन हीरो पिछले 10 साल में बॉलीवुड क्या, किसी फिल्म इंडस्ट्री से नहीं निकला है. लेकिन क्या आपको इस सीरीज की दोनों फिल्में मिलाकर, एक भी ऐसा शॉट याद आता है जब रॉकी भाई को भौकाल बनाने के लिए शर्ट उतारने की जरूरत पड़ी हो?! या हीरो आकर हंसिया-तलवार से उनकी शर्ट काट दें और स्क्रीन पर उनकी ऐब्स उभर आएं?! क्या आपको ‘पुष्पा’ फिल्म के पुष्पराज डॉन (अल्लू अर्जुन) का कहीं भी बॉडी चमकाने का सीन याद आता है? जबकि ‘पुष्पा 2’ जैसी पॉपुलैरिटी पिछले कई सालों में शायद ही किसी फिल्म को मिली हो. 

ज्यादा से ज्यादा साउथ फिल्मों और साउथ के हीरोज की पॉपुलैरिटी, ऐब्स के बॉलीवुडिया ऑब्सेशन का भी तोड़ लेकर आ रही है. इन फिल्मों के हीरोज ऐसी बॉडी के साथ आते हैं जिनसे इंडियन पुरुष रिलेट कर सकता है. इस हीरो को दमदार दिखने के लिए ऐब्स चमकाने की जरूरत नहीं है. भौकाल बनाने का काम उसके एक्सप्रेशन, आंखों और एटिट्यूड से हो जाता है. उम्मीद है कि इन हीरोज की पॉपुलैरिटी फिटनेस के नाम पर, केवल ऐब्स बनाने की जिद को तोड़ने का काम करेगी. 

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