बेंगलुरु में रहने वाली एक रूसी महिला यूलिया असलमोवा ने बताया कि अब बेंगलुरु में रहना पहले जितना सस्ता नहीं रहा. उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि 11 साल पहले जब वह काम के सिलसिले में बेंगलुरु आई थीं, तब यहां का खर्च बहुत कम था. उन्होंने बताया कि उस वक्त HSR लेआउट में एक अच्छी सोसाइटी में 2BHK फ्लैट ₹25,000 में किराए पर मिल जाता था और एयरपोर्ट तक कैब का किराया सिर्फ ₹700 था. लेकिन अब हालात बदल गए हैं- बेंगलुरु में रहना स्पेन, पुर्तगाल, ग्रीस या रूस के सेंट पीटर्सबर्ग जैसे यूरोपीय शहरों जितना महंगा हो गया है.
रूसी महिला ने शेयर किया खर्च का डिटेल
बेंगलुरु में रहने वाली एक रूसी महिला ने शहर में अपने रहने के खर्च का डिटेल शेयर किया है. महिला ने उसकी तुलना यूरोप के कुछ हिस्सों में रहने के खर्च से करके, व्यापक चर्चा छेड़ दी है। यूलिया असलमोवा नाम की इस महिला ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया है, जिसके साथ एक लंबा कैप्शन भी है, जिसमें उन्होंने भारत की तकनीकी राजधानी में अपने एक दशक लंबे अनुभव को दिखाया है.
यूलिया असलमोवा ने बताया कि बेंगलुरु में तीन लोगों के परिवार को ठीक तरह से जीने के लिए हर महीने कम से कम ₹2.5 लाख की जरूरत होती है. उन्होंने कहा कि सुना है, गुड़गांव और मुंबई में खर्च इससे भी ज्यादा है. यूलिया कहती हैं कि उन्हें मेहनत करना और जिंदगी को पूरी तरह जीना पसंद है- “मैं पैसा कमाती हूं, खर्च करती हूं और नई चीजें सीखती हूं. मैं खुद को भाग्यशाली मानती हूं कि 2025 में भारत जैसे अवसरों से भरे देश में रह रही हूं.”
अपने वीडियो में उन्होंने बताया कि उनके परिवार का मासिक खर्च कुछ इस तरह है —
किराया: ₹1,25,000
स्कूल फीस: ₹30,000
खाना और घरेलू खर्च: ₹75,000
घर की मेड की सैलरी ( House Help): ₹45,000 (कई लोगों का पेमेंट शामिल)
स्वास्थ्य और फिटनेस: ₹30,000
पेट्रोल: ₹5,000
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल
यह वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो गया है. इसे करीब 3 लाख बार देखा जा चुका है. लोगों की इस पर मिली-जुली प्रतिक्रिया आई हैं. एक यूजर ने लिखा, “आप घरेलू सहायिका को ₹45,000 दे रही हैं, ये बहुत ज्यादा है. इससे बाकी लोगों के लिए दिक्कत होगी.” दूसरे यूजर ने कहा, “मैं बेंगलुरु में 20 साल से रह रहा हूं, लेकिन मैंने कभी एक महीने में इतना खर्च नहीं किया.”वहीं, कुछ लोगों ने यूलिया की बात से सहमति जताई. एक ने लिखा, “हां, यह सच है. गुड़गांव में खर्च बेंगलुरु से भी ज्यादा है, लेकिन वहां सड़कें बेहतर हैं.” एक अन्य ने लिखा, “यह खर्च नीदरलैंड के बराबर है, बल्कि कभी-कभी उससे भी ज्यादा.”
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