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Diwali 2025 Calender: कब है दिवाली, छोटी दिवाली? यहां जानें सभी 5 दिवसीय त्योहारों की सही तिथि – Diwali 2025 calender know date deepawali choti Diwali Govardhan pujan bhai dooj tvisg


Diwali 2025 Calender: दिवाली को दीपावली के नाम से भी जाना जाता है, जो हिंदूओं का सबसे प्रमुख पर्व माना जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, दिवाली का त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है. इस शुभ त्योहार पर लोग अपने घरों में रंगोली बनाते हैं, दीए जलाते हैं और रंग बिरंगी लाइट्स से घरों को सजाते हैं. दिवाली का पंच दिवसीय त्योहार धनतेरस से शुरू हो जाता है. तो चलिए यहां जानते हैं कि 5 दिवसीय दिवाली के सभी त्योहारों की सही तिथि क्या रहने वाली है. 

दिवाली 2025 पूरा कैलेंडर (Diwali 2025 Full Calender)

हर वर्ष दिवाली का पर्व 5 दिनों तक मनाया जाता है, जिसकी शुरुआत धनतेरस, नरक चतुर्दशी (छोटी दिवाली), दिवाली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज तक समापन होता है. 

18 अक्टूबर 2025, शनिवार धनतेरस
19 अक्टूबर 2025, रविवार छोटी दिवाली
20 अक्टूबर 2025, सोमवार दिवाली
22 अक्टूबर 2025, बुधवार गोवर्धन पूजा
23 अक्टूबर 2025, गुरुवार भाई दूज

पहला दिन- धनतेरस (Dhanteras 2025)

दिवाली के त्योहार की शुरुआत धनतेरस से होती है. इस दिन मां लक्ष्मी, कुबेर देवता और भगवान धन्वंतरि की पूजा-उपासना की जाती है, जो कि सुख-समृद्धि से जुड़ी हर इच्छा पूरी करते हैं. इस दिन नई चीजों की खरीदारी, सोना और चांदी खरीदना भी शुभ माना जाता है. 

धनतेरस पर खरीदारी का पहला मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 01 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा. उसके बाद दूसरा मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 51 मिनट से लेकर दोपहर 3 बजकर 18 मिनट तक रहेगा और तीसरा मुहूर्त उसके बाद शाम 6 बजकर 11 बजकर से लेकर 8 बजकर 41 मिनट तक रहेगा. 

दूसरा दिन- छोटी दिवाली (नरक चतुर्दशी) (Choti Diwali 2025)

छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था. 

तीसरा दिन- दिवाली यानी दीपावली (Diwali 2025)

पौराणिक मान्यतानुसार, इस दिन भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण जी लंका से अयोध्या लौटे थे. उनके आगमन और बुराई पर अच्छाई की जीत की खुशी में अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर और रंगोली बनाकर पूरी अयोध्या को सजाया था. साथ ही, इस दिन शाम यानी प्रदोष काल में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है. 

इस वर्ष अमावस्या तिथि की शुरुआत 20 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 44 मिनट पर होगी और तिथि का समापन 21 अक्टूबर की रात 9 बजकर 03 मिनट पर होगा. 20 अक्टूबर के दिन लक्ष्मी-गणेश पूजन का सबसे शुभ समय शाम 7 बजकर 08 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 18 मिनट तक रहेगा. इस अवधि को प्रदोष काल और स्थिर लग्न का संयोग कहा गया है, जो मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने के लिए उत्तम माना जा रहा है. यानी लोगों को पूजा के लिए करीब 1 घंटा 11 मिनट का समय मिलेगा.

चौथा दिन- गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja 2025)

दिवाली के चौथे दिन होती है गोवर्धन पूजा. गोवर्धन पूजा के दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यह त्योहार भगवान श्रीकृष्ण की उस लीला की याद में मनाया जाता है जब उन्होंने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाकर ब्रजवासियों को इंद्र के प्रकोप से बचाया था. 

गोवर्धन पूजा का पहला मुहूर्त 22 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 26 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 42 मिनट तक रहेगा. इस दिन शाम की पूजा का मुहूर्त दोपहर 3 बजकर 29 मिनट से लेकर शाम 5 बजकर 44 मिनट तक रहेगा. 

पांचवा दिन- भाई दूज (Bhai Dooj 2025)

दिवाली का आखिरी दिन होता है भाई दूज. भाई दूज को भाऊ बीज के नाम से जाना जाता है. यह त्योहार भाई और बहन के अटूट रिश्ते का प्रतीक माना जाता है. 

इस दिन भाई को टीका करने का मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 13 मिनट से लेकर दोपहर 3 बजकर 28 मिनट तक रहेगा. 

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