लेखक और फिल्मकार जावेद अख्तर ने अफगानिस्तान के तालिबानी विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी के उत्तर प्रदेश के देवबंद में भव्य स्वागत पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है. अख्तर ने इस स्वागत को देखकर कहा, “मेरा सिर शर्म से झुक जाता है.”
जावेद अख्तर ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा कि तालिबान के प्रतिनिधि को जिस तरह सम्मान और रिसेप्शन दिया गया, वह उनके लिए बेहद चिंताजनक है. उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकवादी समूह के सदस्य को सम्मान देने वाली घटनाएं यह दर्शाती हैं कि समाज में किस तरह की प्राथमिकताएं बदल रही हैं.
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जावेद अख्तर ने सहारनपुर स्थित दारुल उलूम देवबंद को भी निशाने पर लिया. उन्होंने लिखा कि यह संस्था, जो हमेशा आतंकवाद और हिंसा के खिलाफ खड़े होने की मिसाल रही है, अपने “इस्लामी हीरो” को भव्य स्वागत दे रही है. उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि वही व्यक्ति जो लड़कियों की एजुकेशन को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर चुका है, उसे सम्मानित किया गया.
किसी ने किया समर्थन तो किसी ने की आलोचना
जावेद अख्तर ने अपने पोस्ट में अपने भारतीय भाइयों और बहनों से सवाल किया कि “हमारे साथ क्या हो रहा है.” इस घटना के बाद मीडिया और सोशल मीडिया पर भी बहस शुरू हो गई है. कई लोगों ने जावेद अख्तर के विचारों का समर्थन किया, जबकि कुछ ने स्वागत के पीछे की धार्मिक और राजनैतिक दृष्टि से तर्क पेश करने की कोशिश की.
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प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों पर रोक लगाने की बात
तालिबानी विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी की यह भारत यात्रा कई कारणों से चर्चा में रही. उनकी एजुकेशनल और महिला अधिकारों के प्रति नीतियों को लेकर कई देशों में आलोचना होती रही है. उनकी यात्रा के बीच खबर यह भी आई की उनके प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों की एंट्री बैन कर दी गई थी लेकिन बाद में सफाई भी आई कि ऐसा नहीं किया गया था.
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