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दिल को हेल्दी रखने के लिए नहीं लगाने पड़ेंगे हॉस्पिटल के चक्कर! हार्ट अटैक से बचने के लिए घर पर ही करें ये 3 काम – heart health easy ways to check blockage at home pulse stair test apps tips avoid heart attack tvist


दिल हमारे शरीर के सबसे अहम अंगों में से एक है. अगर आपका दिल रुक जाता है तो आप सेकेंडों में अपनी जान गंवा सकते हैं. ये लगातार काम करता है, ब्लड पंप करता है और पूरे शरीर के हर हिस्से तक ऑक्सीजन और जरूरी पोषक तत्व पहुंचाता है. ऐसे में दिल को हेल्दी रखना और इसका ख्याल रखना बहुत जरूरी है.

जब भी बात दिल की हेल्थ को बेहतर बनाने या इसका ध्यान रखने की आती है तो अक्सर लोग सोचते हैं कि इसके लिए किसी एक्सपर्ट की जरूरत पड़ती है. माना जाता है कि दिल की जांच के लिए हमेशा डॉक्टर के पास जाना ही जरूरी होता है. लेकिन ऐसा नहीं है. हैरान ना हों क्योंकि ये बात बिल्कुल सच है. दिल की सेहत पर ध्यान रखना और उसका देखभाल करना आप घर पर भी आसानी से कर सकते हैं. इससे दिल की किसी भी समस्या का जल्दी पता चल सकता है और समय रहते सही कदम उठाकर हार्ट अटैक के खतरे को कम किया जा सकता है. अब सवाल ये है कि आखिर घर पर दिल की जांच कैसे की जाए? तो आज हम आपको तीन आसान तरीके बता रहे हैं, जिनसे आप अपने दिल की कंडीशन का घर पर ही पता लगा सकते हैं और इसे मजबूत बनाए रख सकते हैं.

1. दिल की धड़कन मापें: आपको जल्दी-जल्दी अपने दिल की धड़कन मापनी चाहिए. दिल की धड़कन (पल्स) बताती है कि एक मिनट में आपका दिल कितनी बार धड़कता है. आम तौर पर रेस्टिंग स्टेट में आपका दिल एक मिनट में 60 से 100 बार धड़कता है. कभी-कभी, दिल की धीमी धड़कन भी आपके अच्छी हेल्थ का संकेत होती है.

धड़कन मापने का तरीका:

1. अपनी इंडेक्स और मिडिल फिंगर्स (उंगलियों) को अपनी कलाई के अंदरूनी हिस्से पर, अंगूठे के ठीक नीचे रखें.
2. स्टॉपवॉच या घड़ी का इस्तेमाल करके 10 सेकंड तक धड़कनों को गिनें.
3. गिनी हुई संख्या को 6 से मल्टिप्लाई करें, ताकि पता चले कि एक मिनट में कितनी बार आपका दिल धड़क रहा है.

अगर आपकी धड़कन 100 बीपीएम से ज्यादा या 60 बीपीएम से कम है, तो ये स्ट्रेस या दिल से जुड़ी किसी समस्या का संकेत हो सकता है. नियमित रूप से पल्स मापने से आप अपने दिल में समय के साथ होने वाले बदलाव को नोट कर सकते हैं.

2. स्टेयर (सीढ़ी) टेस्ट करें: सीढ़ियों वाला टेस्ट करना ये देखने का एक आसान तरीका है कि एक्सरसाइज करते वक्त आपका दिल और लंग्स कितनी अच्छी तरह काम कर रहे हैं.

कैसे करें टेस्ट? 
नॉर्मल स्पीड से लगभग चार फ्लोर की सीढ़ियां या 60 सीढ़ियां चढ़ें. अपनी स्पीड और सांस लेने पर ध्यान दें.

नॉर्मल कंडीशन: माना जाता है कि एक नॉर्मल व्यक्ति को बिना चक्कर आए या सांस फूले 90 सेकंड से भी कम समय में सीढ़ियां चढ़ लेनी चाहिए.

वॉर्निंग साइन: अगर आपको समय ज्यादा लगता है, सीने में दर्द, चक्कर या सांस लेने में मुश्किल होती है, तो डॉक्टर से सलाह लें. इस टेस्ट को नियमित रूप से करने से दिल की समस्याओं का जल्दी पता लगाया जा सकता है.

3. दिल का ध्यान रखने के लिए ऐप्स और डिवाइस का इस्तेमाल करें: तकनीक की मदद से दिल की सेहत पर नजर रखना आसान हो गया है. स्मार्टफोन और स्मार्टवॉच में लगे सेंसर दिल की धड़कन माप सकते हैं. कुछ एडवांस डिवाइस अनियमित/इर्रेगुलर दिल की धड़कन (जैसे एट्रियल फिब्रिलेशन) का भी पता लगा सकते हैं, जो स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा सकता है.

कैसे करें इस्तेमाल?
ऐप्स में ब्लड प्रेशर, वजन, एक्सरसाइज और दवाइयों का रिकॉर्ड रखें. अपने डेटा को डॉक्टर के साथ शेयर करें, ताकि वे आपकी दिल की कंडीशन को बेहतर समझ सकें.

इस बात का ध्यान हमेशा रखें कि ये डिवाइस सिर्फ ध्यान रखने के लिए हैं. ये डॉक्टर की टेस्टिंग का ऑप्शन नहीं हैं. अगर आपको आपकी रीडिंग्स में कुछ गड़बड़ दिखे या कोई लक्षण महसूस हों, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें.

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