उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सोमवार को लिव-इन रिलेशनशिप को “भारत की प्राचीन संस्कृति के लिए खतरा” करार देते हुए युवाओं से ऐसी “पतित प्रवृत्तियों” से दूर रहने का आग्रह किया, जो परिवारों और विशेष रूप से युवतियों को जोखिम में डालती हैं.
अयोध्या के डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के 30वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए पटेल ने युवाओं को चेतावनी दी कि लिव-इन रिलेशनशिप जैसी प्रवृत्तियां भारत जैसे प्राचीन संस्कृति वाले देश के लिए आघात हैं. यह परिवारों, समाज और विशेष रूप से बेटियों की जिंदगियों को खतरे में डालती है.
राज्यपाल के हवाले से राज भवन द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि, “राज्यपाल के रूप में नहीं, बल्कि एक महिला और दादी के रूप में, मैं आप सभी से इस इससे दूर रहने का आग्रह करती हूं. अपने माता-पिता और दादा-दादी के अनुभवों से सीखें. तभी आपका मार्ग प्रशस्त होगा,”
1,89,119 छात्रों को मिली डिग्री
दीक्षांत समारोह के दौरान 1,89,119 छात्रों को डिग्रियां प्रदान की गईं, जिनमें अधिकांश छात्राएं हैं. पटेल ने मेधावी छात्रों को बधाई दी और जीवन में सकारात्मकता, आत्मनिर्भरता और समाज सेवा को मार्गदर्शक मूल्यों के रूप में अपनाने का आग्रह किया. उन्होंने 25 नवंबर को होने वाले राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठान समारोह का उल्लेख करते हुए कहा कि यह 500 वर्ष पुराने सपने का पूरा होना है, जो असंख्य लोगों के बलिदानों से संभव हुआ. उन्होंने छात्रों से भगवान राम के कर्तव्य और धर्म के आदर्शों को आत्मसात करने की अपील की.
युवाओं में बढ़ते नशे की आदतों पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों में ऐसी आदतें चिंताजनक हो रही हैं और पंजाब का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा कि “यदि आप पढ़ना चाहते हैं, तो पूरे मन से करें. बुरी आदतों को पीछे छोड़ दें और अपने माता-पिता व समाज के लिए आदर्श बनें,”
पिछले सप्ताह राज्यपाल ने महिलाओं के खिलाफ बढ़ते हिंसा के मामलों पर इसी तरह की चिंता व्यक्त की थी और महिला छात्राओं से अपनी निजी जिंदगी में समझदारी भरे निर्णय लेने का आग्रह किया था, उन्होंने कहा था, “बेटियों को कोई भी निर्णय से सोच-समझकर लेना चाहिए और लिव-इन रिलेशनशिप जैसी परिस्थितियों से दूर रहना चाहिए, जो शोषण का कारण बन सकती हैं.”
किसानों के योगदान की सराहनी की
सोमवार के समारोह के दौरान पटेल ने विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया कि 75 प्रतिशत से कम उपस्थिति वाले छात्रों को परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी. उन्होंने विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए अपनी जमीन दान करने वाले किसानों का योगदान सराहा और कहा कि उत्तर प्रदेश के ग्रामीण शैक्षणिक संस्थान तेजी से प्रगति कर रहे हैं.
पर्यावरणीय क्षरण पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि शहरों का स्वास्थ्य बिगड़ रहा है और प्रदूषण तथा प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए अनुसंधान और सख्त कार्रवाई की जरूरत है. कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल ने अमेठी जिले के आंगनवाड़ी केंद्रों के सशक्तिकरण के लिए 300 आंगनवाड़ी किट वितरित किए और सर्वाइकल कैंसर रोकथाम के लिए 300 स्कूली लड़कियों के लिए एचपीवी टीकाकरण अभियान शुरू किया.
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