पाकिस्तान की सरकार और सुरक्षा एजेंसियां मुरीदके में तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) के खिलाफ सीरियस ऑपरेशन चला रही है. मुरीदके रण क्षेत्र बना हुआ है. खबरों के अनुसार TLP चीफ साद रिजवी को गोली लगी है. उसके सर्जरी की तैयारी चल रही है. यहां टीएलपी सपोर्टर हंगामा, हिंसा और आगजनी पर उतर आए हैं. सूत्रों के अनुसार साद रिजवी और अन्स रिजवी मुरीदके इलाके में छिपे हुए हैं. TLP की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार इस संगठन का फोकस “निज़ाम-ए-मुस्तफा” (इस्लामी शासन) लागू करना है.
डॉन के अनुसार पाकिस्तान रेंजर्स और पांच जिलों की पुलिस की बड़ी टुकड़ियों सहित और एजेंसियों को रविवार तड़के मुरीदके भेजा गया है. इन एजेंसियों ने तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के कैंप को घेर लिया है. माना जा रहा है कि पाकिस्तान सरकार टीएलपी के खिलाफ बड़े ऑपरेशन की तैयारी कर रही है.
पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों ने TLP के सदस्यों को शहर की ओर बढ़ने की कोशिशों को भी फेल कर दिया है. अधिकारियों ने TLP दस्ते के इस्लामाबाद की ओर मार्च को रोकने के लिए खाइयां खोदी थीं और रास्ते सील कर दिए थे.
बता दें कि मुरीदके वही जगह है जहां ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने हवाई हमला किया था.
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने रविवार को देश की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए बैठक की. लाहौर से शहर के 85 पुलिस थानों में से प्रत्येक के 10 अधिकारियों को अपने-अपने एसएचओ के नेतृत्व में मुरीदके जाने का निर्देश दिया गया है.
लाहौर के डीआईजी ऑपरेशन फैसल कामरान और कई एसपी भी पुलिस बल की निगरानी के लिए इलाके में पहुंच गए हैं. शेखपुरा, गुजरांवाला, सियालकोट और गुजरात पुलिस ने भी इसी तरह के कदम उठाए. लाहौर पुलिस के अतिरिक्त जवान रविवार को मुरीदके पहुंच गए हैं.
क्यों सड़कों पर है TLP
पाकिस्तान में TLP का प्रदर्शन 10 अक्तूबर को शुरू हुआ है. यह प्रदर्शन मुख्य रूप से फीलिस्तीन और गाजा के समर्थन में हो रहा है, जहां TLP ने अमेरिकी दूतावास के बाहर विरोध जुलूस निकालने का ऐलान किया था. लेकिन पुलिस ने इसकी इजाजत नहीं दी.
TLP ने लब्बैक या अक्शा मिलियन मार्च का ऐलान किया है. यह मार्च इजरायल-हमास युद्ध में गाजा में कथित हत्याकांडों के खिलाफ है. यह जुलूस इस्लामाबाद के डिप्लोमैटिक एंक्लेव में US Embassy तक पहुंचना था, क्योंकि TLP अमेरिका को इजरायल का समर्थक मानता है. यह प्रदर्शन 10 अक्टूबर को शुरू हुआ, जब दुनिया में इजरायल-हमास सीजफायर की चर्चा हो रही थी.
हिंसा का ट्रिगर
8 अक्टूबर को पंजाब पुलिस ने लाहौर में TLP मुख्यालय पर छापा मारा, जहां नेता साद रिजवी को गिरफ्तार करने की कोशिश हुई. इसके बाद 9-10 अक्टूबर को लाहौर में झड़पें हुईं, जहां TLP कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर पेट्रोल बम, पथराव और हथियारों से हमला किया. मुरीदके में 13 अक्टूबर को फिर हिंसा भड़की, जहां एक SHO मारा गया है, 48 पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं और 4 नागरिक मारे गए हैं. TLP पाकिस्तान पुलिस को “इजरायली गुंडे” का नाम दे रही है.
कौन है साद रिजवी
साद हुसैन रिजवी पाकिस्तानी का कट्टरपंथी इस्लामी नेता है. वह 2015 में स्थापित TLP के संस्थापक खादिम हुसैन रिजवी का बेटा है. खादिम हुसैन रिजवी की 2020 में मौत हो गई थी. साद रिजवी ने 2021 से संगठन की कमान संभाली. साद रिजवी ही लाहौर से जुलूस का नेतृत्व कर रहे था. सूत्रों के अनुसार साद रिजवी को गोली मार दी गई है.
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