कर्नाटक में एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है. राज्य के ग्रामीण विकास और IT मंत्री प्रियांक खरगे ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पत्र लिखकर सरकारी परिसरों में RSS की गतिविधियों पर तरह से बैन लगाने की मांग की है.
प्रियांक खड़गे ने अपने कड़े शब्दों वाले पत्र में आरोप लगाया है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) सरकारी स्कूलों, खेल के मैदानों और मंदिरों में शाखाएं और सभाएं आयोजित करके बच्चों और युवाओं के बीच विभाजनकारी विचार फैला रहा है. मंत्री खड़गे का कहना है कि ऐसी गतिविधियां संविधान की भावना और राष्ट्रीय एकता के खिलाफ है.
इस पत्र में मुख्यमंत्री से आग्रह किया गया है कि वे सरकारी और सहायता प्राप्त संस्थानों में RSS के सभी कार्यक्रमों पर संपूर्ण प्रतिबंध लगाएं। यह मांग राज्य में एक बड़े राजनीतिक तूफान का कारण बन सकती है, क्योंकि अपेक्षा की जा रही है कि BJP इसका कड़ा जवाब देगी.
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अनुरोध पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं और इसे मुख्य सचिव के पास जांच और आवश्यक कार्रवाई के लिए भेज दिया है. यह कदम दिखाता है कि राज्य सरकार इस मुद्दे पर विचार करने को तैयार है.
RSS एक हिंदू राष्ट्रवादी संगठन है जो 1925 से सक्रिय है और BJP का वैचारिक संगठन माना जाता है. इसकी शाखाओं में योग, खेल और राष्ट्रवादी शिक्षा दी जाती है. यदि सरकार इस मांग को मान लेती है तो यह निश्चित रूप से एक बड़े राजनीतिक विवाद को जन्म देगा.
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विपक्षी पार्टी BJP ने इसे धर्मनिरपेक्षता के नाम पर हिंदू विरोध बताने और वोट बैंक की राजनीति का आरोप लगाया है.
बीजेपी नेता जगदीश शेट्टार ने क्या कहा?
प्रियांक खरगे के RSS पर बैन की मांग पर BJP सांसद जगदीश शेट्टार ने जमकर वार किया है. उन्होंने साफ कहा है कि RSS की आलोचना करना कांग्रेस की पुरानी आदत है.
शेट्टार ने कहा, ‘RSS की वजह से हिंदू समुदाय एक साथ खड़ा है. कांग्रेस चाहती है कि हिंदू बंटे रहें ताकि वे इसका फायदा उठा सकें. कांग्रेस केवल प्रचार कर रही है लेकिन लोग उनकी बातों पर भरोसा नहीं करते. आज युवा RSS से जुड़ रहे हैं.’
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