पिछले महीने पेपर लीक मामले में राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन के बाद, मुख्यमंत्री धामी 21 सितंबर को होने वाली यूकेएसएसएससी (UKSSSC)वीडीओ/वीपीडीओ परीक्षा रद्द करने की संभावना है. एसआईटी ने आज मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को रिपोर्ट सौंपी. पेपर लीक पर आजतक खबरदार की रिपोर्ट के बाद, मुख्यमंत्री धामी ने मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) द्वारा 21 सितंबर 2025 को आयोजित प्रतियोगी परीक्षा में पेपर लीक की जांच के लिए गठित एकल सदस्यीय जांच आयोग ने रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अपनी अंतरिम रिपोर्ट सौंपी.
परीक्षा रद्द करने का किया गया अनुरोध
इस आयोग की निगरानी सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति यू.सी. ध्यानी कर रहे थे. मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि आयोग ने कम समय में व्यापक जनसुनवाई कर अभ्यर्थियों और संबंधित पक्षों से सुझाव प्राप्त किए हैं और उसके आधार पर रिपोर्ट तैयार की है. माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 21 सितंबर को हुई परीक्षा को भी रद्द कर सकते हैं शुक्रवार को भाजपा के विधायकों ने मुख्यमंत्री से मिलकर परीक्षा रद्द करने का अनुरोध किया था.
रिपोर्ट के बाद होगी कार्रवाई
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक सरकार रिपोर्ट का परीक्षण कर अभ्यर्थियों के हित में आगे की कार्रवाई करेगी. इस प्रकरण की सीबीआई जांच की संस्तुति की जा चुकी है ताकि मामले की पूरी निष्पक्षता सुनिश्चित की जा सके. मुख्यमंत्री ने छात्रों को असश्वासन दिया था एसआईटी की रिपोर्ट के बाद ज़रूरी कार्रवाई भी की जाएगी. मुख्यमंत्री ने दावा किया है की राज्य सरकार परीक्षाओं की शुचिता, पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और भविष्य में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी भर्ती परीक्षा में अनियमितता की कोई संभावना न रहे. सरकार का उद्देश्य है कि अभ्यर्थियों और उनके अभिभावकों का भरोसा राज्य की परीक्षा प्रणाली पर कायम रहे.
राज्य सरकार करेगी रिपोर्ट की समीक्षा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आयोग ने व्यापक जनसुनवाई और अभ्यर्थियों व संबंधित पक्षों से सुझाव एकत्र करने के बाद, अत्यंत कम समय में रिपोर्ट प्रस्तुत की है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार रिपोर्ट की समीक्षा करेगी और अभ्यर्थियों के हित में निर्णय लेगी. उन्होंने आगे बताया कि मामले में पूर्ण निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए सीबीआई जांच की सिफारिश पहले ही की जा चुकी है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार भर्ती परीक्षाओं की सत्यनिष्ठा, पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. उन्होंने आगे कहा कि आगे भी यह सुनिश्चित करने का हर संभव प्रयास किया जाएगा कि किसी भी भर्ती प्रक्रिया में कोई अनियमितता न हो, ताकि अभ्यर्थियों और उनके परिवारों का राज्य की परीक्षा प्रणाली में पूर्ण विश्वास बना रहे.
—- समाप्त —-