वेस्टइंडीज के खिलाफ दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में जारी टेस्ट मैच में भारतीय बल्लेबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया है. सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल (175 रन) और कप्तान शुभमन गिल (नाबाद 129 रन) के शतकों के दम पर भारतीय टीम ने अपनी पहली पारी 518/5 के स्कोर पर घोषित की.
जब भारतीय टीम गेंदबाजी करने आई तो स्पिनर रवींद्र जडेजा ने वेस्टइंडीज को 21 रनों के स्कोर पर ही पहला झटका दिया. आठवें ओवर में अपनी दूसरी गेंद पर बाएं हाथ के स्पिनर जडेजा ने सलामी बल्लेबाज जॉन कैम्पबेल को फॉरवर्ड शॉर्ट लेट (FSL) पर साई सुदर्शन के हाथों कैच आउट कराया. कैम्पबेल सिर्फ 10 रन बना सके.
हालांकि साई सुदर्शन कैच लपकने के दौरान इंजर्ड भी हो गए और उन्हें मैदान छोड़कर जाना पड़ा. कैम्पबेल ने ऑफ स्टम्प के बाहर डाली गई गेंद पर स्लॉग स्वीप खेलने की कोशिश की. फॉरवर्ड शॉर्ट लेट पर मौजूद सुदर्शन ने शुरुआत में गेंद से बचने के लिए सिर झुकाया. इस दौरान एक पल के लिए उनकी आंखें भी बंद हो गई थीं, लेकिन गेंद सुदर्शन के हेलमेट पर टकराने के बाद छाती पर लगी और फिर अचानक उनके हाथों में आई.
सुदर्शन की जगह किसने की फील्डिंग?
साई सुदर्शन ने यह सुनिश्चित किया कि गेंद बाहर न निकले, लेकिन इस कैच को पकड़ने में सुदर्शन को किस्मत का भी सहारा मिला. जॉन कैम्पबेल थोड़ी देर खड़े रहे, उन्हें समझ नहीं आया कि सुदर्शन ने गेंद कैसे पकड़ ली. खिलाड़ियों के साथ-साथ दर्शक भी हैरान थे. सुदर्शन ने जश्न भी नहीं मनाया क्योंकि वो दर्द में थे. सुदर्शन के दाएं हाथ की एक उंगली में चोट लग गई थी. जल्द ही, भारतीय फिजियो उनकी चोट का इलाज करने आए. बाद में वो फिजियो के साथ ही मैदान से बाहर चले गए. सुदर्शन की जगह देवदत्त पडिक्कल फील्डिंग करने मैदान पर उतरे.
भारतीय टीम मैनेजमेंट उम्मीद करेगी कि साई सुदर्शन की इंजरी ज्यादा गंभीर ना हो. भारत को वेस्टइंडीज के बाद साउथ अफ्रीका के खिलाफ भी दो मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी है. उस टेस्ट सीरीज में सुदर्शन का रोल अहम रहने वाला है. सुदर्शन ने वेस्टइंडीज के खिलाफ दिल्ली टेस्ट मैच की पहली पारी में शानदार 87 रन बनाए. ये सुदर्शन के टेस्ट करियर की दूसरी फिफ्टी रही.
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