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dussehra 2025: ‘इस काम में कभी न करें देर…’ प्राण त्यागने से पहले रावण ने लक्ष्मण को बताई थीं ये 3 बातें – dussehra 2025 date ravana gave three important lessons to lakshman before death tvisc


Dussehra 2025: इस साल दशहरे का त्योहार 2 अक्टूबर को मनाया जाएगा. हिंदू धर्म में दशहरा का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है, इसलिए दशहरा को विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था. हालांकि रावण को केवल एक राक्षस राजा के रूप में ही नहीं देखा जाता है, बल्कि वह वेद-शास्त्रों का महान ज्ञाता और अपार विद्या का धनी भी माना जाता था. यही कारण है कि राम ने लक्ष्मण को रावण की मृत्यु से पहले जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण सबक सीखने के लिए भेजा था.

रामायण में वर्णन है कि जब रावण अपनी अंतिम सांसें गिन रहा था, तब भगवान राम ने अपने छोटे भाई लक्ष्मण से कहा कि रावण जैसा विद्वान व्यक्ति संसार में दूसरा नहीं है. उसके पास नीति, शक्ति और ज्ञान का अथाह भंडार है. इसलिए तुम्हें उसके पास जाकर जीवन से जुड़ी शिक्षाएं लेनी चाहिए. लक्ष्मण ने राम की आज्ञा का पालन किया और रावण के पास बैठ गए. तब रावण ने उन्हें जीवन की तीन गहरी और अनमोल बातें बताईं, जो आज भी हर इंसान के लिए प्रेरणा का स्रोत हो सकती हैं.

पहली सीख- शुभ कार्य को टालना नहीं चाहिए

रावण ने लक्ष्मण से कहा कि जब भी जीवन में कोई अच्छा काम करना हो, उसे तुरंत कर लेना चाहिए. अच्छे कामों को टालने से लाभ के अवसर हाथ से निकल जाते हैं. इंसान को कभी नहीं पता होता कि उसकी उम्र कब खत्म हो जाएगी. इसलिए पुण्यदायी और लाभकारी कार्यों को तुरंत करना ही बुद्धिमानी है. इसके विपरीत, बुरे और गलत कामों को जितना टाला जा सकें, उतना ही जीवन के लिए अच्छा है.

दूसरी सीख – शत्रु को कभी कमजोर मत समझो

रावण ने लक्ष्मण को दूसरा बड़ा ज्ञान यह दिया कि जीवन में चाहे दुश्मन कितना भी छोटा क्यों न हो और बीमारी कितनी भी मामूली क्यों न लगे, उन्हें कभी हल्के में नहीं लेना चाहिए. छोटी-सी चिंगारी भी बड़ा अग्निकांड बन सकती है. रावण ने भी भगवान राम, लक्ष्मण और वानर सेना को कमजोर समझने की भूल की थी. यही उसकी सबसे बड़ी गलती साबित हुई और उसके अंत का कारण बनी.

तीसरी सीख – अपने रहस्यों को गुप्त रखना चाहिए

रावण ने लक्ष्मण को तीसरी शिक्षा यह दी कि जीवन से जुड़े गहरे राज और उपदेशों को हमेशा छिपाकर रखना चाहिए. चाहे सामने वाला कितना ही अपना क्यों न हो, लेकिन हर बात साझा करना नुकसानदेह हो सकता है. जब यह रहस्य शत्रु के सामने आ गया, तभी रावण का वध संभव हो पाया.

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