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‘उसने सबसे कठिन टेस्ट पास किया, हमने उसे गहरे समुद्र में फेंका था’, गिल के आलोचकों को गंभीर का जवाब – Gautam Gambhir says he will protect Shubman Gill unfair things have been said about him ntc


टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर ने शुभमन गिल के आलोचकों को करारा जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि वह गिल का तब तक पूरा समर्थन करेंगे, जब तक यह युवा कप्तान अपना काम ठीक से करता रहेगा. उन्होंने शुभमन गिल की कप्तानी की प्रशंसा की. गंभीर ने इस साल की शुरुआत में भारत के इंग्लैंड दौरे से पहले टेस्ट कप्तान नियुक्त किए जाने के बाद गिल के साथ अपनी पहली बातचीत को याद किया.

टीम इंडिया के हेड कोच ने कहा कि इस युवा खिलाड़ी ने अपने सबसे कठिन टेस्ट में से एक को अच्छे अंकों के साथ पास किया. भारत और वेस्टइंडीज के बीच दिल्ली के फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट के दौरान स्टार स्पोर्ट्स से बातचीत  में गौतम गंभीर ने कहा कि टेस्ट कप्तान नियुक्त किए जाने के बाद शुभमन गिल को अनुचित आलोचना का सामना करना पड़ा था, लेकिन उन्होंने इंग्लैंड में पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के दौरान अविश्वसनीय धैर्य दिखाते हुए अपने आलोचकों को चुप करा दिया था, जिसे भारत ने 2-2 से ड्रॉ कराया था.

शुभमन गिल को मिली वनडे टीम की भी कमान

गिल को अब रोहित शर्मा की जगह वनडे टीम की कप्तानी भी सौंप दी गई है. वह इस अक्टूबर में ऑस्ट्रेलिया में तीन मैचों की सीरीज से टीम इंडिया के वनडे कप्तान के रूप में अपनी पारी शुरू करेंगे. बीसीसीआई शुभमन को साउथ अफ्रीका में 2027 में होने वाले वनडे विश्व कप के लिए बतौर कप्तान तैयार कर रहा है. गिल ने टेस्ट टीम की कमान उस दौर में संभाली थी, जब विराट कोहली और रोहित शर्मा ने आईपीएल के बीच में ही टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया था. ऑस्ट्रेलिया से उसकी सरजमीं पर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉपी हारने और न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में 0-3 से व्हाइट वॉश होने के बाद, इंग्लैंड दौरे पर टीम इंडिया काफी प्रेशर में थी.

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हेड कोच गौतम गंभीर ने स्टार स्पोर्ट्स से बातचीत में कहा, ‘मुझे याद है, पूरी बातचीत याद है. एक 25 साल के युवा को टेस्ट टीम की कप्तानी सौंपते हुए, मैंने उससे एक बात साफ-साफ कह दी थी- हमने तुम्हें गहरे समुद्र में फेंक दिया है. यहां से, सिर्फ दो ही रास्ते हैं- या तो तुम डूब जाओगे या फिर एक विश्वस्तरीय तैराक बन जाओगे. मेरे लिए, इंग्लैंड में शुभमन गिल के बनाए गए 750 रन उतने मायने नहीं रखते. यह मायने रखता है कि एक 25 साल के युवा ने कप्तान के तौर पर अपनी पहली टेस्ट सीरीज में खुद को, टीम को और प्रेशर को कितनी बखूबी से संभाला.’

गिल सबसे कठिन परीक्षा में अच्छे अंकों से पास

हेड कोच गौतम गंभीर ने ओवल टेस्ट में जीत के साथ टीम इंडिया द्वारा 5 मैचों की टेस्ट सीरीज 2-2 से बराबर करने के बाद गिल के साथ अपनी बातचीत को याद किया. उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि गिल को अपने करियर में इससे कठिन परीक्षा से गुजरना पड़ेगा. चाहे वह 10 साल, 15 साल या 2 साल कप्तानी करें, लेकिन उनके लिए इंग्लैंड दौरे पर वह दो महीने का समय सबसे चुनौतीपूर्ण था. इंग्लैंड की बैटिंग यूनिट बेहद खतरनाक थी, और हमारी टीम अनुभवहीन. लेकिन शुभमन ने प्रेशर को बखूबी हैंडल किया. उसके लिए वह एक बड़ी परीक्षा थी. मुझे याद है ओवल टेस्ट के बाद, मैंने उनसे कहा था- तुम अपनी सबसे कठिन परीक्षा पास कर चुके हो. बदलाव का दौर खत्म हो गया है. अब से, चीजें आसान हो जाएंगी.’

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गौतम गंभीर ने आगे कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि उसके लिए अब चीजें आसान हो जाएंगी, क्योंकि वह इसका हकदार है. उसने बहुत आलोचना झेली है; लोगों ने उसके बारे में कई बातें कही हैं, और उनमें से कुछ अनुचित भी थीं. कभी-कभी आप किसी खिलाड़ी को उसकी क्षमता के आधार पर चुनते हैं. आप किसी 24 साल के खिलाड़ी से हमेशा 50 का औसत या दुनिया भर में लगातार रन बनाने की उम्मीद नहीं कर सकते- यह समय के साथ होता है. उसकी क्षमता को देखते हुए, मुझे इस बात पर कोई आश्चर्य नहीं हुआ कि उसने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 750 रन बना डाले.’

गिल को पूरी तरह प्रोटेक्ट करने को तैयार: गंभीर

टीम इंडिया के हेड कोच ने कहा, ‘लेकिन उससे भी ज्यादा, मैं उनके टीम की कप्तानी करने के तरीके से प्रभावित हुआ. इंग्लैंड सीरीज के दौरान, मैं दबाव में था, सपोर्ट स्टाफ दबाव में था, लेकिन सबसे ज्यादा प्रेशर गिल पर था. उन 25 दिनों में, एक पल भी ऐसा नहीं आया जब उन्होंने निराशा या तनाव दिखाया हो. उन्होंने 25 दिनों के कड़े क्रिकेट में मुस्कुराते हुए टीम का नेतृत्व किया. वह इस सफलता के हकदार हैं, और ड्रेसिंग रूम में मौजूद हर खिलाड़ी इसका हकदार है. मैं बस ये देखना चाहता हूं कि जब चीजें उनके पक्ष में नहीं होंगी या फिर बुरा समय होगा तो वह कैसे रिएक्ट करेंगे. मैं हमेशा उनका सपोर्ट करता हूं, बैक करता हूं. मैं उनको प्रोटेक्ट करने के लिए पूरी तरह से तैयार हूं. जब तक वह सारी चीजें ठीक नहीं कर लेते, मैं उनके साथ आलोचनाओं को सहने के लिए भी तैयार हूं.’

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