अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी इन दिनों भारत के दौरे पर हैं. मुत्तकी से आज जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने मुलाकात की. इसके बाद अरशद मदनी ने कहा कि भारत और अफगानिस्तान के रिश्ते सिर्फ धार्मिक या शैक्षणिक नहीं, बल्कि ऐतिहासिक हैं.उन्होंने कहा कि मैंने उन्हें बताया कि हमारा रिश्ता सिर्फ मदरसों या तालीम तक सीमित नहीं है. अफगानिस्तान ने भारत की आज़ादी में योगदान दिया था. हमारे बुजुर्गों ने भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई में अफगान की भूमि को चुना था.
मौलाना अरशद मदनी ने आगे कहा कि जैसे भारत ने ब्रिटिश हुकूमत को हराया था, वैसे ही अफगानिस्तान ने अमेरिका और रूस जैसी ताकतों को परास्त किया. उन्होंने कहा कि आपने हमसे सीखा कि आज़ादी कैसे हासिल की जाती है. उन्होंने बताया कि अफगान के विदेश मंत्री मुत्तकी से यह मुलाकात भारतीय मुसलमानों और दारुल उलूम देवबंद के अफगानिस्तान से गहरे संबंधों का प्रतीक है.
समाचार एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, अरशद मदनी ने कहा कि दुनिया के सभी देशों में धर्म से ऊपर उठकर सौहार्द और शांति होनी चाहिए. हमारी बातचीत में कोई राजनीतिक मुद्दा शामिल नहीं था, बल्कि आपसी संबंध मजबूत करने पर जोर दिया गया.
मदनी ने यह भी कहा कि भारत की यह शिकायत रही है कि अफगानिस्तान से आतंकवादी भारत भेजे जाते हैं, लेकिन इस बैठक के बाद यह साफ हो गया है कि अब अफगानिस्तान की ओर से भारत में कोई आतंकवादी नहीं आएगा.
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