अमेरिका की मध्यस्थता में तैयार पीस प्लान का पहला फेज अब इजरायल और हमास दोनों ने मंजूर कर लिया है. इससे उम्मीद जगी है कि गाजा में दो साल से चल रहा खूनी युद्ध अब खत्म हो सकता है. ये वही युद्ध है जो हमास के हमले में दक्षिण इजरायल में करीब 1200 लोगों की मौत के बाद शुरू हुआ था.
ये शुरुआती डी-एस्केलेशन (तनाव घटाने) का दौर डोनाल्ड ट्रंप की 20 पॉइंट वाली शांति योजना का हिस्सा है. इजरायल ने इस प्लान को पूरा स्वीकार कर लिया जबकि हमास ने कुछ हिस्सों पर ही हामी भरी है. इसलिए फिलहाल ये साफ नहीं है कि दोनों के बीच किन पॉइंट्स पर सहमति बनी है और किन पर नहीं.
पहले फेज में क्या होगा?
सबसे पहले बंधकों की रिहाई और इजरायली सेना की वापसी तय की गई है. हमास 20 जीवित इजरायली बंधकों को छोड़ने पर राजी हो गया है. ये प्रक्रिया सोमवार से शुरू होने की संभावना है. अभी भी लगभग 48 इजरायली बंधक गाजा में कैद हैं.
इजरायली विदेश मंत्रालय के अनुसार पिछले दो सालों में हमास ने कुल 251 लोगों को बंधक बनाया था. इनमें से 148 लोगों को पहले ही छोड़ दिया गया या बचाया गया जबकि 57 के शव बरामद हुए हैं.
इजरायल प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक जैसे ही कैबिनेट इस समझौते पर साइन करेगा 72 घंटे का काउंटडाउन शुरू होगा यानी हमास को बंधक छोड़ने होंगे. ट्रंप की योजना के तहत गाजा में रोज 600 ट्रकों की मानवीय सहायता भेजी जाएगी.
बंधकों की रिहाई के बाद इजरायली सेना येलो लाइन तक पीछे हटेगी यानी गाजा सिटी और नेतजारिम कॉरिडोर से वापसी होगी लेकिन गाजा पट्टी के करीब 53% हिस्से पर नियंत्रण रहेगा. इसके बदले में इजरायल 250 आजीवन कारावास वाले फिलिस्तीनियों और 1700 अन्य बंदियों को छोड़ेगा.
यह समझौता उन लाखों फिलिस्तीनियों के लिए राहत लाएगा जो गाजा के केवल 20% हिस्से में ठुसे हुए हैं. महीनों से जारी बमबारी ने गाजा को मलबे में तब्दील कर दिया है.
अब गाजा पर राज कौन करेगा?
योजना के तहत, हमास की सरकार को हटाकर एक टेक्नोक्रेटिक, अपॉलिटिकल (गैर-राजनीतिक) फिलिस्तीनी कमेटी बनाई जाएगी. इसके साथ एक अंतरराष्ट्रीय एक्सपर्ट्स की बॉडी भी काम करेगी, दोनों बोर्ड ऑफ पीस की निगरानी में होंगी. बाद में फिलिस्तीनी अथॉरिटी को धीरे-धीरे सत्ता सौंपी जाएगी.
ये बोर्ड अमेरिकी राष्ट्रपति की अध्यक्षता में बनेगा और इसमें कई बड़े नेता शामिल होंगे जैसे ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर.
व्हाइट हाउस के प्रस्ताव के मुताबिक गाज़ा को आतंक-मुक्त और शांतिपूर्ण जोन बनाया जाएगा जो अपने पड़ोसियों के लिए खतरा नहीं होगा. इसे गाजा के लोगों की भलाई के लिए फिर से बनाया जाएगा. ऐसे में जो लोग गाजा छोड़ना चाहेंगे, वे जा सकेंगे और जो रहना चाहेंगे, उन्हें रहने दिया जाएगा.
गाजा का पुनर्निर्माण कैसे होगा?
बोर्ड गाजा के री-डेवलपमेंट (पुनर्निर्माण) की रूपरेखा तय करेगा. वो इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने और अर्थव्यवस्था खड़ी करने के लिए एक स्पेशल इकोनॉमिक जोन तैयार करेगा जहां मध्य-पूर्व के अमीर देश निवेश करेंगे.
योजना के मुताबिक युद्धविराम के तुरंत बाद इंटरनेशनल स्टेबलाइज़ेशन फोर्स (ISF) गाज़ा में तैनात की जाएगी. इसमें जॉर्डन मिस्र और दूसरे अरब देश शामिल होंगे जो हमास के समझौते का पालन सुनिश्चित करेंगे. ये फोर्स गाजा की पुलिस को ट्रेनिंग और सपोर्ट देगी और सीमाओं की सुरक्षा में इजरायल और मिस्र के साथ काम करेगी.
क्या इजरायल गाजा पर कब्जा करेगा?
नहीं, शांति योजना में साफ लिखा है कि इजरायल गाजा पर कब्जा या विलय नहीं करेगा. वो अपनी सेना को मानकों, माइलस्टोन्स और तय समयसीमा के अनुसार धीरे-धीरे हटाएगा. ये प्रक्रिया गाजा के पूर्ण रूप से हथियारमुक्त होने से जुड़ी होगी.
अभी भी कई सवाल बाकी हैं
अब सबसे बड़ा सवाल है कि हमास के हथियारों का क्या होगा? ट्रंप की योजना में हमास के निरस्त्रीकरण (disarmament) का जिक्र है लेकिन इस पर कोई विवरण जारी नहीं किया गया.
हमास पहले भी कह चुका है कि वह हथियार तभी छोड़ेगा जब एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य बनेगा. दूसरी ओर, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू फिलिस्तीनी अथॉरिटी की भूमिका पर आपत्ति जता चुके हैं, भले ही उन्होंने ट्रंप का प्लान स्वीकार कर लिया हो. वहीं, हमास का कहना है कि वह गाजा के शासन में किसी न किसी रूप में शामिल रहना चाहता है.
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