आपको मेघालय का पूर्वी खासी हिल्स जिला याद होगा, जो एक हाई प्रोफाइल मर्डर केस की वजह से सुर्खियों में आया था. वो मामला था इंदौर के कारोबारी राजा रघुवंशी का मर्डर. वही राजा जिसे हनीमून पर उसकी नई नवेली पत्नी सोनम रघुवंशी ने अपने मददगारों के साथ मिलकर बेरहमी से मार डाला था और उसकी लाश सोहरा के एक झरने के पास गहरी खाई में फेंक दी थी. अब सूबे का वही पूर्वी खासी हिल्स जिला एक बार फिर से चर्चाओं में है. इस बार वजह है एक मासूम बच्चे का कत्ल.
जी हां, मेघालय की राजधानी शिलांग से करीब 8 किलोमीटर दूर मावपत इलाके में मौजूद जंगल से गुरुवार सुबह सात साल के एक बच्चे की लाश मिलने के बाद सनसनी फैल गई. मौके पर पहुंची पुलिस ने लाश को कब्जे में लिया और वहां आस-पास तमाम सबूत और सुराग जमा करने की कवायद की. पुलिस खुद इस वारदात को कत्ल का मामला मान कर चल रही है.
पूर्वी खासी हिल्स के पुलिस अधीक्षक (SP) विवेक सियेम ने पीटीआई को बताया कि सात वर्षीय बच्चे की हत्या की गई है. क्योंकि मौका-ए-वारदात पर हालात और सभी संकेत हत्या की ओर इशारा करते हैं. बच्चे की लाश को पोस्टमार्टमके लिए भेजा गया है. रिपोर्ट से चोट के प्रकार की स्पष्ट तस्वीर सामने आएगी.
पुलिस अधीक्षक (SP) विवेक सियेम ने कहा कि इस अपराध की प्रकृति को देखते हुए जल्द ही एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन होने की संभावना है. उन्होंने आगे कहा कि यह मामला एक एसआईटी की आवश्यकता को दर्शाता है, क्योंकि इसमें एक बच्चे की ‘हत्या’ शामिल है.
पुलिस के मुताबिक, प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि लड़के की लाश जिस जगह मिली है, वो एक सुनसान सड़क का किनारा है. लाश को वहां अंदर की तरफ जंगल में फेंका गया था. पुलिस अधिकारी ने बताया कि नॉन्गराह इलाके में जहां ये 7 साल का लड़का रहता था, वहां यह इस तरह का दूसरा मामला सामने आया है.
पिछले महीने, चार साल की बच्ची इंसाफिरा लिंगदोह मावनाइ की मौत के सिलसिले में एक 13 वर्षीय लड़के को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया गया था. इंसाफिरा की लाश उसके लापता होने के एक दिन बाद एक निर्माण स्थल पर मिली थी.
पुलिस अधीक्षक (SP) विवेक सियेम ने कहा कि दोनों घटनाओं को जोड़ना अभी जल्दबाजी होगी, लेकिन उन्होंने आश्वासन दिया कि सभी पहलुओं की जांच की जाएगी. उन्होंने नागरिकों से सतर्क रहने को कहा.
सियेम ने लोगों को सीसीटीवी कैमरे लगाने, सड़कों पर उचित रोशनी सुनिश्चित करने और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना पुलिस के आपातकालीन नंबर 112 पर देने की अपील भी की है.
मावपट और आसपास के इलाकों में इस घटना के बाद लोग डरे हुए हैं. लोगों ने पुलिस से सड़कों पर गश्त बढ़ाने और रात में पेट्रोलिंग कराने की मांग की है. कई अभिभावकों ने अपने बच्चों को स्कूल जाने से रोक दिया है. स्थानीय निवासियों ने कहा कि पिछले एक महीने में दो बच्चों की संदिग्ध मौत ने उनकी नींद उड़ा दी है. अब हर कोई यह जानना चाहता है कि बच्चों की हत्या के पीछे आखिर कौन है और क्यों?
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