दिल्ली हाईकोर्ट ने एक 20 वर्षीय युवती की दहेज के लिए हुई मौत के मामले में बड़ा फैसला दिया है. अदालत ने आरोपी ससुर सुनील कुमार सिंह की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण मामला है, जहां एक युवती दहेज की लालच की शिकार हुई है.
मामला सोनम नाम की युवती की मौत से जुड़ा है, जिसने अपने पति पंकज से मार्च 2023 में सोशल मीडिया के जरिए पहचान के बाद शादी की थी. परिवार की मर्जी के खिलाफ हुए इस विवाह के बाद सोनम फरीदाबाद में अपने ससुराल में रहने लगी थी. अगस्त 2024 में रक्षाबंधन के दिन उसने एसिड पी लिया था.
20 वर्षीय युवती की दहेज के लिए मौत
प्रॉसिक्यूशन के अनुसार, सोनम को अस्पताल ले जाया गया लेकिन उसकी हालत लगातार बिगड़ती रही. दिसंबर 2024 में वह मायके लौट आई और 25 दिसंबर को उसकी मौत हो गई. मरने से एक दिन पहले आरएमएल अस्पताल में दिए गए बयान में सोनम ने कहा था कि ससुरालवालों ने दहेज के लिए उसे प्रताड़ित किया और बच्चे को मारने की धमकी देकर एसिड पीने पर मजबूर किया.
कोर्ट ने कहा कि भले ही पहले सोनम ने कहा था कि एसिड गलती से पी लिया, लेकिन वह बयान उसकी मजबूरी का नतीजा था क्योंकि वह ससुराल में रह रही थी और उसे परिवार का सहारा नहीं था. अदालत ने माना कि शुरुआती बयान की सच्चाई ट्रायल में ही सामने आ सकेगी.
कोर्ट ने ससुर की जमानत याचिका की खारिज
न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने कहा कि आरोपी द्वारा इलाज पर खर्च किए गए पैसों के सबूत भी पेश नहीं किए गए. अदालत ने कहा कि यह मामला दहेज अपराध कानून की आवश्यकता और उसकी प्रासंगिकता को दर्शाता है.
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