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बिहार के ‘सिंघम’ पूर्व IPS शिवदीप लांडे ने भी ठोकी ताल, इन दो सीटों से लड़ेंगे चुनाव – Former IPS officer Shivdeep Land contest bihar assembly election lclk


बिहार में कभी ‘सुपर कॉप’ और ‘सिंघम’ के नाम से मशहूर रहे पूर्व आईपीएस अधिकारी शिवदीप लांडे ने राजनीति में बड़ा दांव खेल दिया है. नौकरी से इस्तीफा देने के बाद अब लांडे ने विधानसभा चुनाव में बतौर निर्दलीय उम्मीदवार दो सीटों जमालपुर और अररिया  से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. अपने सख्त और ईमानदार छवि के लिए मशहूर लांडे अब राजनीति में बदलाव की शुरुआत करना चाहते हैं.

लांडे ने बनाई है हिंद सेना पार्टी

शिवदीप लांडे ने कुछ समय पहले ‘हिंद सेना पार्टी’ बनाई थी और इसके बैनर तले चुनाव लड़ने की योजना थी, लेकिन पार्टी का रजिस्ट्रेशन समय पर नहीं हो सका, जिसकी वजह से उन्हें निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में ही चुनाव मैदान में उतरना पड़ रहा है. लांडे ने बताया कि कई बड़े राजनीतिक दलों की ओर से उन्हें टिकट देने का ऑफर मिला था, लेकिन उन्होंने साफ कर दिया कि वो अपनी नीतियों और विचारधारा से कभी समझौता नहीं करेंगे.

भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई मकसद: लांडे

उन्होंने कहा कि उनकी राजनीति का मकसद जनता की सेवा करना और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ना है. पुलिस सेवा के दौरान उन्होंने बिहार के कई जिलों में काम करते हुए अपराध और माफियागिरी के खिलाफ कड़े कदम उठाए थे, जिसकी वजह से वो युवाओं में ‘सिंघम’ के तौर पर पहचाने जाते हैं. इस छवि को लेकर वो चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं.

जमालपुर और अररिया से लड़ेंगे विधानसभा चुनाव

लांडे ने अपनी राजनीतिक जमीन तलाशने के लिए जमालपुर और अररिया को इसलिए चुना है क्योंकि इन दोनों क्षेत्रों से उनका गहरा जुड़ाव है और वो सालों तक वहां ड्यूटी कर चुके हैं. उन्होंने इस फैसले को लेकर कहा कि ये इलाके विकास से कोसों दूर हैं और जनता आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रही है. उनके मुताबिक, यदि जनता उन्हें अवसर देती है तो वो शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और महिला सुरक्षा को प्राथमिकता देंगे.

महाराष्ट्र के रहने वाले हैं लांडे

हालांकि, राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर उनकी लोकप्रियता उन्हें वोट दिला सकती है. कुल मिलाकर, शिवदीप लांडे की एंट्री ने बिहार चुनाव को दिलचस्प जरूर बनाने दिया है. शिवदीप लांडे मूलतौर पर महाराष्ट्र के रहने वाले हैं लेकिन वो बिहार कैडर से आईपीएस अधिकारी चुने गए थे.
 

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