विकेटकीपर-बल्लेबाज संजू सैमसन CEAT क्रिकेट रेटिंग अवॉर्ड्स 2025 में न केवल अपनी खेल प्रतिभा के लिए सम्मानित हुए, बल्कि भावनाओं में डूबकर अपने संघर्ष और मेहनत की कहानी भी सुनाई. इस मौके पर उन्हें ‘टी20 क्रिकेटर ऑफ द ईयर’ का पुरस्कार मिला. हंसते-हंसते उन्होंने अपने करियर की चुनौतियों, चोटों और टीम से बाहर रहकर झेले गए कठिन पलों को साझा किया. उनके शब्दों से यह साफ हो गया कि संजू के पीछे सिर्फ आंकड़े नहीं, बल्कि वर्षों का संघर्ष, अनुभव और देश के लिए अपार समर्पण भी छिपा हुआ है.
सैमसन ने कहा, ‘जब आप भारतीय जर्सी पहनते हैं, तो किसी भी चीज के लिए ‘ना’ कहना संभव नहीं होता. मैंने इसे हासिल करने के लिए बहुत मेहनत की है और देश के लिए अपना काम करने में मुझे गर्व महसूस होता है. चाहे मुझे नंबर 9 पर बल्लेबाजी करनी पड़े या लेफ्ट-आर्म स्पिन गेंदबाजी करनी पड़े, मैं हमेशा टीम की जरूरत के हिसाब से तैयार हूं.’
30 साल के संजू ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के 10 साल पूरे होने का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, ‘हाल ही में मैंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 10 साल पूरे किए हैं, लेकिन इस दौरान सिर्फ 40 मैच ही खेल पाए. आंकड़े छोटे लग सकते हैं, लेकिन इन वर्षों में मुझे जो चुनौतियां पार करनी पड़ीं और जिस इंसान के रूप में मैं बना, उस पर मुझे गर्व है.’
दरअसल, इंटरव्यू के दौरान संजू सैमसन भावुक नजर आए और 10 साल में केवल 40 मैच खेलने की अपनी कहानी साझा की. उनका यह बयान दर्शाता है कि उन्हें और अधिक मौके मिलने चाहिए थे. 2015 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने के बाद से संजू ने अब तक कुल 65 मैचों (16 ODI और 49 T20I) में भारत का प्रतिनिधित्व किया है.
VIDEO | Mumbai, Maharashtra: Wicketkeeper-batter Sanju Samson, speaking at the CEAT Cricket Rating Awards 2025, says, “When you wear the Indian jersey, you can’t say no to anything. I’ve worked really hard to earn it, and I take great pride in doing my job for the country. Even… pic.twitter.com/SEUN4e1MeH
— Press Trust of India (@PTI_News) October 7, 2025
अवॉर्ड समारोह में अपने पुरस्कार के समय संजू ने बताया कि चोटें, टीम से बाहर रहना और दबाव में प्रदर्शन न कर पाना उनके करियर का हिस्सा रहे हैं, लेकिन इन्हीं कठिन अनुभवों ने उन्हें मजबूत बनाया. संजू ने साझा किया, ‘खेल में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं. कभी चोट, कभी टीम से बाहर होना, कभी प्रदर्शन न कर पाना- ऐसे कई पल आए. लेकिन यही समय आपको बेहतर बनाता है और आपके अंदर सीखने की ताकत पैदा करता है.’
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संजू सैमसन ने हमेशा अपनी टीम को प्राथमिकता दी है. चाहे बड़े मैचों में दबाव का सामना करना हो या टीम के युवा खिलाड़ियों को मार्गदर्शन देना, उन्होंने हर चुनौती को खुले दिल से स्वीकार किया है. उनका कहना है कि भारतीय जर्सी पहनना केवल खेलने का अवसर नहीं, बल्कि एक बड़ी जिम्मेदारी है. संजू ने भावुक होते हुए कहा, ‘जब आप भारत के लिए खेलते हैं, तो आपको किसी भी स्थिति में देश के लिए तैयार रहना चाहिए. यह मेरे लिए हमेशा सम्मान की बात रही है.’
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