झारखंड के गुमला ज़िले में एक महीने से भी कम उम्र के दो नवजात शिशुओं को बेच दिए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. हालांकि बाद में पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए उन दोनों बच्चों को सुरक्षित बरामद कर लिया. इस वारदात के बारे में पुलिस ने बुधवार को जानकारी दी.
पुलिस ने बताया कि इस अवैध कृत्य में शामिल होने के आरोप में सात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. पांच की पहचान हो गई है, जबकि दो अज्ञात लोग शामिल हैं. उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित ने अधिकारियों को रविवार को सामने आए मामले की जांच के निर्देश दिए हैं.
जिल के रायडीह थाने के प्रभारी निरीक्षक संदीप कुमार यादव ने पीटीआई को बताया कि दोनों नवजात शिशुओं को दो पक्षों को बेचा गया था. बाद में पुलिस ने एक बच्चा रांची से और दूसरा गुमला से बरामद किया है.
इंस्पेक्टर संदीप कुमार यादव ने बताया कि प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि मामला अवैध गोद लेने से संबंधित है, क्योंकि गोद लेने के कानून के तहत निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया था और स्वास्थ्य अधिकारियों ने कथित तौर पर माता-पिता को शिशुओं को सौंपने के लिए राजी किया था.
पुलिस अधिकारी ने कहा कि नवजात शिशुओं की खरीद-फरोख्त में कथित रूप से शामिल सात लोगों के खिलाफ मंगलवार को प्राथमिकी दर्ज की गई है. उन्होंने बताया कि उनमें से पांच की पहचान हो गई है और दो लोग अज्ञात हैं. एसएचओ यादव ने कहा कि पुलिस ने पूरे मामले जांच शुरू कर दी है.
गुमला के सिविल सर्जन शंभू नाथ चौधरी ने बताया कि जांच में रायडीह के बांसडीह की सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी, शंख मोड़ की सहिया पार्वती देवी और ब्लॉक टीम ट्रेनर (बीटीटी-ग्रामीण) सुमन कुजूर की संलिप्तता सामने आई है.
उन्होंने आगे कहा कि प्रत्येक मामले में उनके और संबंधित पक्षों के बीच एक-एक लाख रुपये का लेन-देन पाया गया. उप-मंडल अधिकारी की अध्यक्षता वाली एक समिति के समक्ष अपनी संलिप्तता स्वीकार करने के बाद तीनों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. चौधरी ने बताया कि शिशुओं को गुमला स्थित बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) को सौंप दिया गया है.
सिविल सर्जन शंभू नाथ चौधरी ने दावा करते हुए बताया कि एक शिशु का जन्म गुमला के रायडीह स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हुआ, जबकि दूसरे शिशु का जन्म छत्तीसगढ़ के लोरो घाटी स्थित एक निजी अस्पताल में एक अविवाहित महिला से हुआ. बाद में मां ने ब्लॉक आदिवासी कल्याण अधिकारी से संपर्क किया और शिशु को बेच दिया.
सीडब्ल्यूसी की अध्यक्ष नेम्हंती तिग्गा ने बताया कि दोनों नवजात शिशु चिकित्सकीय रूप से स्वस्थ हैं. उन्होंने कहा कि सीडब्ल्यूसी द्वारा परिवार के सदस्यों को आमंत्रित किया जाएगा और कानून के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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