यूपी के कौशांबी जिले में गैंगरेप का झूठा मुकदमा दर्ज करने वाली महिला व जिला पंचायत सदस्य समेत चार लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इस मामले में पुलिस ने दो बेगुनाहों को जेल जाने बचा लिया. एसपी ने प्रेसवार्ता कर घटना का सनसनी खेज खुलासा किया है. उन्होंने कहा अब फर्जी मुकदमा दर्ज करने वाले जेल जाएंगे.
आपको बता दें कि 27 सितंबर को दर्ज हुआ यह मामला पूरी तरह से फर्जी निकला. जमीन और पुरानी रंजिश के चलते दो निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए यह षड्यंत्र रचा गया था. पुलिस ने झूठा मुकदमा दर्ज कराने वाली महिला हीरामनी सरोज और षड्यंत्रकर्ता जिला पंचायत सदस्य समेत 4 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. पुलिस ने चेतावनी दी है कि फर्जी केस करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी.
एसपी राजेश कुमार ने बताया कि सैनी थाना में एक महिला ने जुबैर और पप्पू के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था. जांच के दौरान मामला संदिग्ध लगा. सर्विलांस टीम की सहायता से जुबैर की मोबाइल लोकेशन निकाली गई, जो सिराथू स्थित एक अस्पताल की निकली, जहां वह अपने 5 साल के बच्चे का इलाज करा रहा था. मामला फर्जी पाए जाने पर जिला पंचायत सदस्य शेर मोहम्मद उर्फ शेरू का नाम षड्यंत्रकारी के रूप में सामने आया.
गुन्ना बाबा और शेरू की थी पुरानी रंजिश
पुलिस पूछताछ में पता चला कि इस षड्यंत्र में फकीर बख्श उर्फ गुन्ना बाबा और उसके दो बेटे मोहम्मद हसन, मोहम्मद हुसैन के साथ-साथ महिला का भतीजा अर्जुन भी शामिल था. मजार में पूजा पाठ करने वाले गुन्ना बाबा की जुबैर से पुरानी रंजिश थी, क्योंकि जुबैर ने एक बार उसकी शिकायत की थी. वहीं, जिला पंचायत सदस्य शेरू की भी पप्पू से पुरानी रंजिश थी. इन रंजिशों के चलते महिला को लालच देकर (साढ़े आठ लाख, पांच लाख और जमीन) झूठा मुकदमा दर्ज कराया गया था.
झूठा केस दर्ज कराने वाली महिला समेत 4 जेल
पुलिस ने षड्यंत्रकारी महिला हीरामनी सरोज, जिला पंचायत सदस्य शेर मोहम्मद उर्फ शेरू, मोहम्मद हसन और अर्जुन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. एसपी ने चेतावनी दी है कि यदि कोई व्यक्ति किसी पर फर्जी मुकदमा दर्ज कराता है, जिसमें आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है, और वह फर्जी पाया जाता है, तो उस व्यक्ति को भी उन्हीं धाराओं में जेल भेजा जाएगा. अन्य आरोपियों की तलाश जारी है.
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