रायबरेली जिले के ऊंचाहार इलाके में एक दलित व्यक्ति की ग्रामीणों द्वारा चोर समझकर पीट-पीटकर हत्या करने के मामले में पुलिस ने चार और लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ सख्त गैंगस्टर एक्ट और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाया जाएगा. साथ ही, उन्होंने घटना को जातिवादी रंग देने की कोशिशों के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा कि आरोपियों को पीड़ित की जाति के बारे में जानकारी नहीं थी.
आपको बता दें कि मंगलवार को ऊंचाहार के गांव में हरिओम वाल्मीकि (40) की पीट-पीटकर हत्या के मामले में पुलिस ने चार और आरोपियों को गिरफ्तार किया है. अब तक कुल 9 गिरफ्तारियां हुई हैं. रायबरेली के एसपी डॉ. यशवीर सिंह ने बताया कि वीडियो में दिखे अन्य लोगों और उन्हें पनाह देने वालों की भी पहचान की गई है. सोशल मीडिया पर जातिगत टिप्पणी करने वालों पर भी सख्त कार्रवाई होगी.
दरअसल, 2 अक्टूबर की रात ऊंचाहार के जमुनापुर गांव में ग्रामीणों ने हरिओम को चोर समझकर पीट-पीटकर मार डाला था. ग्रामीणों के बीच यह अफवाह थी कि एक गिरोह घरों पर डकैती के लिए ड्रोन से निगरानी कर रहा है, जिसमें उन्हें हरिओम के भी शामिल होने का शक था. इसी के चलते उसे घेर लिया गया और बेरहमी से पीटा गया.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, एसपी ने कहा, “पीड़ित ग्रामीणों के लिए अज्ञात था और इसमें शामिल लोग विभिन्न समुदायों के हैं. पुलिस गलत सूचना फैलाने या सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करेगी.”
इस घटना के तुरंत बाद हत्या के आरोप में वैभव सिंह, विजय कुमार, सहदेव पासी, विजय मौर्य और सुरेश कुमार मौर्य- 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया. बीते दिन यानि मंगलवार को चार और लोगों को अरेस्ट किया गया. इस तरह कुल 9 लोग पुलिस की गिरफ्त में आ चुके हैं. अन्य आरोपियों की पहचान की जा रही है.
एसपी ने बताया कि वीडियो साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने 10 से 15 और संदिग्धों की पहचान की है और आगे भी गिरफ्तारियां होने की संभावना है. इन लोगों ने घटना रोकने या पुलिस को सूचना देने का अपना कर्तव्य पूरा नहीं किया. इन सभी की गिरफ्तारी के बाद आरोप पत्र दायर किया जाएगा. इससे पहले लापरवाही बरतने पर पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया था.
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