वनडे वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ रविवार को हुए मुकाबले में 22 साल की क्रांति गौड़ ने शानदार प्रदर्शन करते हुए प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब जीता. इस जीत ने न केवल देशभर में उनका नाम रोशन कर दिया बल्कि उनके परिवार की मेहनत और संघर्ष की कहानी भी उजागर कर दी.
पुलिस कॉलोनी के छोटे सरकारी घर में रहता है परिवार
क्रांति गौड़ मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के घुवारा ग्राम की रहने वाली हैं. वह एक मध्यम वर्गीय परिवार से आती हैं. उनके पिता मुन्ना गौड़ पुलिस आरक्षक हैं और माता नीलम गौड़ हाउसवाइफ हैं. परिवार आज भी पुलिस कॉलोनी के छोटे सरकारी घर में रहता है. छोटी उम्र से ही क्रांति का मन खेलों में बहुत लगता था और गांव में जब भी वह खेला करती, तो उनके परिवार ने हमेशा उनका उत्साह बढ़ाया.
पिता सस्पेंड हुए, माता ने गहने गिरवी रखे
क्रांति की बहन रौशनी कहती हैं कि पहले कभी यह सोचा भी नहीं था कि क्रांति इतनी ऊंचाई तक पहुंचेगी और अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश का नाम रोशन करेगी. जब उनका चयन भारतीय टीम में हुआ, उस समय परिवार की स्थिति और भी कठिन हो गई थी. पिता नौकरी के दौरान सस्पेंड हो गए थे, और घर की जिम्मेदारी भाइयों ने मेहनत-मजदूरी करके उठाई. माता ने तो अपने गहने गिरवी रखकर भी क्रांति की मदद की.
इन संघर्षों और परिवार की मेहनत की बदौलत क्रांति आज विश्व स्तर पर देश का नाम गर्व से बढ़ा रही हैं. उनका परिवार अब सरकार से मदद की उम्मीद रखता है. वे चाहते हैं कि उनके पिता की नौकरी बहाल हो जाए ताकि परिवार का भरण-पोषण ठीक से चल सके.
क्रांति का यह सफर यह दिखाता है कि कितनी भी कठिनाइयां क्यों न हों, परिवार का सहयोग और आत्म-विश्वास किसी भी व्यक्ति को ऊंचाइयों तक पहुंचा सकता है. आज उनका नाम देशभर में चर्चा का विषय है, लेकिन उनके पीछे का संघर्ष और परिवार की मेहनत वह कहानी है, जो हर किसी को प्रेरणा देती है.
यह कहानी सिर्फ खेल में सफलता नहीं, बल्कि परिवार, संघर्ष और मेहनत की जीत भी है. क्रांति गौड़ की यह उपलब्धि उनके परिवार की मेहनत और सपोर्ट का भी परिणाम है.
क्रांति गौड़ ने पाकिस्तान के खिलाफ की धमाकेदार गेंदबाजी
वनडे विश्व कप मुकाबले में 22 साल की क्रांति गौड़ ने अपनी शानदार गेंदबाजी से सबका ध्यान अपनी ओर खींचा. क्रांति ने 10 ओवर में मात्र 20 रन देकर 3 विकेट चटकाए. उनके इस प्रदर्शन ने पाकिस्तान के टॉप ऑर्डर को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया और भारत की टूर्नामेंट में अजेय रिकॉर्ड को बनाए रखा. भारत ने इस मैच में पाकिस्तान को 88 रन से हराया.
‘मेरे लिए गर्व की बात’
क्रांति ने मैच के बाद कहा, ‘जब मैंने इंग्लैंड में छह विकेट लिए थे और हरमन दी (हरमनप्रीत कौर) ने मुझे प्लेयर ऑफ द मैच का अवॉर्ड साझा किया था, तो वह भी गर्व का पल था. लेकिन अब विश्व कप में प्लेयर ऑफ द मैच बनना एक बहुत ही खास और गर्व का अनुभव है. यह किसी भी खिलाड़ी के लिए छोटा काम नहीं है.’
ऊबड़-खाबड़ जमीन पर प्रैक्टिस
क्रांति सूखी और ऊबड़-खाबड़ जमीन पर प्रैक्टिस किया करती थीं. उसके पास न तो जूते थे, न ही क्रिकेट किट, लेकिन था तो सिर्फ हौसला और जुनून. क्रांति गौड़ की शुरुआत टेनिस बॉल क्रिकेट से हुई थी. शुरुआत में उन्हें क्रिकेट की कोई खास जानकारी नहीं थी, लेकिन दिल में बस एक जुनून था.
क्रांति गौड़ की यह शानदार गेंदबाजी भारतीय टीम को पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक जीत दिलाने में अहम रही. क्रांति छह भाई-बहनों में एक हैं.
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