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बांग्लादेश बॉर्डर पर पशु तस्करों का धारदार हथियारों से हमला, BSF के इंस्पेक्टर की संदिग्ध मौत – west bengal bsf inspector died cattle smuggling Bangladesh border opnm2


पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में बांग्लादेश से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पशु तस्करी रोकने की कोशिश में सीमा सुरक्षा बल के इंस्पेक्टर कपिल देव सिंह (59) की मौत हो गई. ये घटना 4 अक्टूबर की आधी रात की है, जब बीएसएफ की आगरा सीमा चौकी के पास एक ऑपरेशन के दौरान इंस्पेक्टर अपने दल का नेतृत्व कर रहे थे.

एक अधिकारी ने बताया कि बीएसएफ की टीम बांग्लादेश की ओर जाने वाले पशु तस्करों पर नजर रख रही थी. जैसे ही तस्कर भैंसों को नदी पार कर ले जाने लगे, जवान उनको रोकने की कोशिश करने लगे. हालात बेकाबू होते देख बीएसएफ ने अपनी पंप एक्शन गन से तीन गैर-घातक गोलियां चलाईं. तस्करों ने भी हमला बोल दिया.

पशु तस्करों के पास दाह जैसे धारदार हथियार और लाठियां थीं. उन्होंने अचानक पास आकर जवानों पर हमला कर दिया. इसी झड़प के दौरान इंस्पेक्टर कपिल देव सिंह अपने साथियों के साथ तस्करों का पीछा करते हुए दलदली और जलभराव वाले इलाके में पहुंच गए. वहां वो फिसलकर जमीन पर गिर पड़े. उनकी टीम के जवानों ने उठाया.

उन्हें आनन-फानन में नजदीकी अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. उनके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है, लेकिन अभी तक रिपोर्ट नहीं आई है. शुरुआती जांच में उनके शरीर पर कोई बाहरी चोट के निशान नहीं मिले हैं. लेकिन मौत के सही कारणों का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है.

बीएसएफ ने पूरी घटना की गहन जांच के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के आदेश दिए हैं. यह पता किया जा रहा है कि ऑपरेशन में क्या मानक प्रक्रिया का पालन हुआ और क्या दलदली इलाके में सुरक्षा के इंतजाम पर्याप्त थे. इस क्षेत्र में अपराधियों के खिलाफ पहले गैर घातक हथियारों के इस्तेमाल की नीति ने सुरक्षा बलों को खतरे में डाला है. 

वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि जब तक जवानों को आत्मरक्षा में घातक बल प्रयोग की अनुमति नहीं होगी, तब तक ऐसे हमले होते रहेंगे. मालदा जिला बांग्लादेश सीमा से सटा है. यहां लंबे समय से पशु तस्करी की जाती रही है. इसी इलाके में पहले भी कई बार पशु तस्करों और बीएसएफ के बीच झड़पें हो चुकी हैं. लेकिन इस घटना ने सवाल खड़ा कर दिया है.

बीएसएफ के एक अधिकारी ने कहा, “इंस्पेक्टर कपिल देव सिंह जैसे वरिष्ठ अधिकारी का इस तरह ऑपरेशन में गिरना और मौत होना सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि सिस्टम की खामियों का नतीजा है.” फिलहाल, सुरक्षा बलों ने सभी स्तरों पर जांच शुरू कर दी है. लेकिन एक बार फिर यह बहस छिड़ गई है कि सीमा पर जवानों को क्या पर्याप्त सुरक्षा है?

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