चीफ जस्टिस पर हमले की कोशिश के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने बीआर गवई से बात की है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘मैंने भारत के मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई से बात की. आज सुप्रीम कोर्ट परिसर में उन पर हुआ हमला हर भारतीय को क्रोधित कर गया है. हमारे समाज में ऐसे निंदनीय कृत्यों के लिए कोई जगह नहीं है. यह बेहद शर्मनाक है.
पीएम मोदी ने कहा- मैं न्यायमूर्ति गवई द्वारा ऐसी स्थिति में दिखाई गई शांति और संयम की सराहना करता हूं. यह न्याय के मूल्यों और हमारे संविधान की भावना को मजबूत करने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बीआर गवई के सामने कोर्ट में आज एक वकील ने हंगामा करने की कोशिश की. आरोप है कि वकील ने CJI की तरफ जूता फेंकने का प्रयास भी किया. घटना के तुरंत बाद पुलिस ने आरोपी वकील को हिरासत में ले लिया गया था. इस बीच, पूरे घटनाक्रम के दौरान जस्टिस गवई शांत बने रहे और कोर्ट में सुनवाई यथावत जारी रही. उन्होंने कहा कि इन चीजों से ‘मुझे फर्क नहीं पड़ता.’
जूता निकालकर फेंकने की हुई कोशिश
बताया जा रहा है कि वकील डेस्क के पास गया और जूता निकालकर जज की तरफ फेंकने की कोशिश की लेकिन कोर्ट में मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने समय रहते हस्तक्षेप किया और वकील को बाहर ले गए. बाहर जाते समय वकील यह कहते सुना गया, ‘सनातन का अपमान नहीं सहेंगे.’ आरोपी वकील का नाम राकेश किशोर है. सुप्रीम कोर्ट बार में उनका रजिस्ट्रेशन 2011 में हुआ था.
CJI इस घटना से प्रभावित नहीं हुए और कोर्ट में मौजूद अन्य वकीलों से कहा कि अपने तर्क जारी रखें. उन्होंने कहा, “इस सब पर ध्यान मत दें. हम प्रभावित नहीं हैं. ये बातें मुझे प्रभावित नहीं करतीं.” हालांकि कुछ देर बाद पुलिस ने वकील को छोड़ दिया. मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत कार्रवाई की और कोर्ट परिसर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
सीजेआई की तरफ जूता फेंक कर क्या बोला वकील?
एक वकील के मुताबिक, जिस वकील ने हमला किया, उसने चीफ जस्टिस की ओर कोई वस्तु फेंकी. वह चीज लगभग जस्टिस विनोद चंद्रन को लगते-लगते बची. इसके बाद उस वकील ने जस्टिस चंद्रन से माफी मांगी और कहा कि उसका निशाना चीफ जस्टिस थे. तभी सुरक्षा कर्मियों ने उसे पकड़ लिया और अदालत से बाहर ले गए.
इस घटना के बाद वकीलों के संगठन ने चीफ जस्टिस पर हुए हमले की निंदा की है. सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड (AoR) एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट से इस घटना पर स्वतः संज्ञान लेने और उस वकील के खिलाफ कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई करने की मांग की है.
वकील का लाइसेंस कैंसिल
गौरतलब है कि हमले की कोशिश करने वाले वकील राकेश किशोर को बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. निलंबन के दौरान उन्हें किसी भी न्यायालय, ट्रिब्यूनल या अधिकरण में पेश होने, वकालत करने या पैरवी करने की अनुमति नहीं होगी. BCI ने आरोपी वकील का लाइसेंस रद्द कर दिया है.
वकील के खिलाफ होगी अनुशासनात्मक कार्रवाई
BCI ने बताया कि इस मामले में वकील के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाएगी. इसके तहत उन्हें 15 दिन के भीतर यह बताने का नोटिस (शो कॉज़ नोटिस) जारी किया जाएगा कि क्यों यह कार्रवाई जारी नहीं रखी जानी चाहिए. नोटिस के जवाब और मामले की जांच के आधार पर काउंसिल उचित और आवश्यक आदेश पारित करेगी.
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