उत्तर बंगाल के दार्जिलिंग में हालात बदतर हो गए हैं. लगातार बारिश के कारण हुए भूस्खलन, बाढ़ और पुल टूटने की घटनाओं ने इलाके में भीषण तबाही मचाई है. रविवार को हुई भारी बारिश के बाद दार्जिलिंग और आसपास के इलाकों में पिछले एक दशक के सबसे भयावह भूस्खलनों में से एक ने 23 लोगों की जान ले ली, जिसमें बच्चे भी शामिल हैं. सैकड़ों पर्यटक फंसे हुए हैं, गांव अलग-थलग पड़ गए हैं, सड़कें टूट गई हैं और घर मलबे में तब्दील हो गए हैं. वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज उत्तरी बंगाल का दौरा करेंगी
लगातार हो रही बारिश से दार्जिलिंग के मिरिक इलाके में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. रविवार को मिरिक के दुधिया में डुडिया आयरन ब्रिज के टूटने से 23 लोगों की मौत हो गई. ये पुल मिरिक को सिलीगुड़ी और कर्सियांग से जोड़ता था. मलबे में दबे लोगों के दर्दनाक तस्वीरें दिल दहला देने वाली है.
नॉर्थ बंगाल का दौरा करेंगी सीएम
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज उत्तरी बंगाल का दौरा करेंगी. वह भारी बारिश से हुई तबाही का आकलन करेंगी और राहत कार्यों का निरीक्षण करेंगी. मुख्यमंत्री के दौरे से पीड़ितों को तत्काल सहायता मिलने की उम्मीद है.
मिरिक में सबसे ज्यादा तबाही
नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (NDRF) के अनुसार, दार्जिलिंग में कुल 18 लोगों की मौत हुई है, जिसमें मिरिक में 11 और जोरबंग्लो, सुकिया पोखरी और सदर पुलिस स्टेशन क्षेत्रों में 7 लोगों की जान गई है. पास के जलपाईगुड़ी जिले के नागराकाटा में भूस्खलन के मलबे से 5 शव बरामद किए गए हैं.
एनडीआरएफ के एक अधिकारी ने बताया, ‘मिरिक, दार्जिलिंग और जलपाईगुड़ी में अब तक कुल 23 लोगों की मौत हो चुकी है.’
चिंताजनक है स्थिति
उत्तर बंगाल डेवलपमेंट मिनिस्टर उदयन गुहा ने स्थिति को चिंताजनक बताया है. उनका कहना है कि मरने वालों की संख्या 20 तक पहुंच चुकी है और इसमें बढ़ोतरी की आशंका है.
गोरखालैंड टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (GTA) के मुख्य कार्यकारी अनित थापा ने बताया कि दार्जिलिंग में 35 जगहों पर भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं. ये 2015 के बाद सबसे भयावह भूस्खलन है, जब करीब 40 लोगों की जान गई थी.
मिरिक, नागराकाटा, सुखानी और अंगरावास गांव बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं। हजारों बीघा खेत पानी में डूब गए हैं और कई घर पूरी तरह तबाह हो चुके हैं. जलपाईगुड़ी के मालबाजार में सड़कें और घर पानी से लबालब हैं. किसानों की साल भर की मेहनत बर्बाद हो गई है और टूटी झोपड़ियां तूफान की भयावहता को साफ बयां कर रही हैं.
राहत और बचाव कार्य जारी
NDRF और पुलिस की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं. कर्सियांग के एडिशनल एसपी अभिषेक रॉय ने बताया, ‘अब तक 23 शव मलबे से निकाले जा चुके हैं. दो और लोगों के शव निकालने की कोशिश जारी है. भूस्खलन के कारण दार्जिलिंग जाने वाला कर्सियांग रोड पूरी तरह बंद है. गौरिशंकर के पास रोहिणी रोड और पंखाबाड़ी रोड की हालत भी खराब है. फिलहाल टिंधरिया रोड चालू है और हम मिरिक में फंसे पर्यटकों को 3-4 घंटे में निकालने की कोशिश कर रहे हैं.’
IMD ने जारी किया अलर्ट
मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों के लिए भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है. कई नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई है.
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