दो महीने हंसी, खुशी, आंसू और जज्बे में बीते. जी टीवी के रियलिटी शो ‘छोरियां चली गांव’ को उसकी पहली विनर मिल चुकी है. ढोल-ताशों की गूंज के साथ अनीता हसनंदानी ने ये शो जीता है. वो सीजन की पहली विजेता घोषित की गई हैं. अनीता के लिए ये जर्नी काफी यूनिक रही है. इसके बारे में बात करते हुए वो थोड़ा इमोशनल भी नजर आईं.
ग्रैंड था शो का फिनाले
शो का ग्रैंड फिनाले काफी जबरदस्त रहा. इसमें शानदार परफॉर्मेंस और दिल को छू लेने वाले एक्ट्स शामिल रहे. फाइनल एपिसोड की शुरुआत शो की टॉप 5 फाइनलिस्ट्स के साथ हुई. सोशल मीडिया सेंसेशन उर्फी जावेद और कृष्णा श्रॉफ के बॉयफ्रेंड अजीम ने भी अपनी मौजूदगी से शाम को और यादगार बनाया. सिर्फ इतना ही नहीं, ‘छोरियों’ ने उन परिवारों की मदद की, जिन्होंने खुले दिल से उन्हें अपने घर में जगह दी थी.
डॉली जावेद ने किरण और उनकी मां के लिए 60 हजार रुपये और एक सिलाई मशीन दी. सुरभि मेहरा ने नमन नैतिक की एजुकेशन का पूरा जिम्मा लिया. अनीता हसनंदानी ने शगुना बाई के पोते की एजुकेशन की जिम्मेदारी ली. इसके अलावा एरिका पैकार्ड ने किरण राठौड़ के इकलौते बेटे की दो साल की पढ़ाई का खर्च उठाया, कृष्णा श्रॉफ ने मनीष को खेती के लिए एक लाख रुपये का सहयोग किया.
अनीता ने जाहिर की खुशी
अनीता ने शो जीतने के बाद खुशी जाहिर की. उन्होंने कहा- जब मैंने ‘छोरियां चली गांव’ का हिस्सा बनने के लिए हामी भरी थी, मुझे पता था कि यह मुझे मेरे कम्फर्ट जोन से बहुत आगे ले जाएगा. लेकिन मैंने नहीं सोचा था कि यह अनुभव मुझे इतना बदल देगा. पहले दिन से ही मैं खुद से कहती थी कि मुझे यह जीत आरव (बेटा) और रोहित (पति) के लिए चाहिए. वे मेरे सबसे बड़े सपोर्टर्स रहे हैं.
जब भी मुझे मुश्किल लगा या घर की याद आई, मैंने उनके बारे में सोचकर खुद को और मेहनत करने के लिए प्रेरित किया. आज जब मैं यह ट्रॉफी अपने हाथों में पकड़ रही हूं तो यह अहसास बेहद अविश्वसनीय है. यह सिर्फ मेरी नहीं, हमारे पूरे परिवार की जीत है. यह जर्नी मेरे लिए काफी सच्ची, भावनात्मक, शांत और अद्भुत रही है. मैं इससे मिली सीख को हमेशा साथ रखूंगी.
बता दें कि शो में अनीता हसनंदानी के अलावा कृष्णा श्रॉफ, ऐश्वर्या खरे, सुमुखी सुरेश, अंजुम फाकिह, रमीत संधू, रिहा सुखेजा, एरिका पैकार्ड, सुरभि मेहरा, समृद्धि मेहरा, डॉली जावेद और वाइल्डकार्ड एंट्री मायरा मिश्रा शामिल रहीं. सभी ने अपनी लग्जूरियस लाइफ छोड़कर गांव में दो महीने बिताए.
—- समाप्त —-