दुनिया के 57 इस्लामिक देशों को लीड करने का सपना देखने वाले पाकिस्तान में मार्केट की हालत ऐसी है कि बहुराष्ट्रीय कंपनियां अब इस देश में अपना ऑपरेशन बंद कर रही हैं. बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने पाकिस्तान में बिजनेस को चुनौतीपूर्ण कहा है और यहां अपने प्लांट बंद कर रही हैं. शैम्पू, साबुन और रेजर बनाने वाली दुनिया की दिग्गज कंपनी प्रॉक्टर एंड गैंबल (P&G) ने पाकिस्तान में अपना बिजनेस बंद कर दिया है.
अमेरिकी कंपनी P&G ने इसे अपनी ग्लोबल रिस्ट्रक्चरिंग प्रोग्राम का हिस्सा बताया है. P&G ने अप्रैल 2025 में ग्लोबल स्तर पर रिस्ट्रक्चरिंग की घोषणा की थी, जिसमें चुनौतीपूर्ण मार्केट्स से बाहर निकलना शामिल है. पाकिस्तान को ऐसे ही एक मार्केट के रूप में चुना गया.
सुरक्षा के मोर्चे पर डींगे हांकने वाले पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने शुक्रवार को ही संसद में कहा है कि दुनिया के कई इस्लामिक देशों ने पाकिस्तान-सऊदी अरब के सुरक्षा समझौते से जुड़ने की इच्छा जताई है और अगर ऐसा हुआ तो पाकिस्तान दुनिया के 57 इस्लामिक मुल्कों को लीड करेगा.
पाकिस्तान की आर्थिक हालत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस देश का व्यापार घाटा सितंबर 2025 में बढ़कर 3.34 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया, जो पिछले साल की तुलना में लगभग 46 प्रतिशत की बढ़ोतरी को दर्शाता है. पाकिस्तान में आयात में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और निर्यात गिरता ही जा रहा है.
P&G पाकिस्तान मार्केट से बाहर आई
P&G ने पाकिस्तान में सभी प्रोडक्शन, कमर्शियल एक्टिविटी बंद कर दिया है. इसमें पाकिस्तान का रेजर डिवीजन जिलेट पाकिस्तान भी शामिल है.
इस घटनाक्रम के बाद कई पाकिस्तानियों ने सोशल मीडिया पर साबुन और पर्सनल केयर जैसी जरूरी चीजों की कमी को लेकर अपनी चिंता ज़ाहिर की है.
क्रिकेट, बिजनेस में फिसड्डी हो रहे पाकिस्तानियों को अब लगता है कि P&G के इस कदम का असर उनकी ग्रूमिंग और लाइफ केयर इंडस्ट्री पर भी पड़ सकता है.
साबुन, डिटर्जेंट और शेविंग क्रीम की जरूरत है
इस घटना से निराश लाहौर के एक यूजर ने लिखा, “मुझे P&G का ये मूव समझ में नहीं आ रहा है. 24 करोड़ पाकिस्तानियों को अभी भी साबुन, डिटर्जेंट और शेविंग क्रीम की जरूरत है. अरे यार, इसका कोई मतलब नहीं है.”
प्रॉक्टर एंड गैंबल ने 1991 में पाकिस्तानी बाजार में एंट्री की थी और जल्द ही पाकिस्तान की टॉप कंज्युमर गुड्स कंपनियों में से एक बन गई. प्रॉक्टर एंड गैंबल के प्रोडक्ट अपने किफायती और व्यापक उत्पाद रेंज से उपभोक्ताओं को आकर्षित करने लगी.
शीघ्र ही हेड एंड शोल्डर्स, पैंटीन, टाइड, ओरल-बी, जिलेट, ओल्ड स्पाइस, एरियल जैसे ब्रांड घरेलू नाम बन गए.
पाकिस्तानियों का मेल्टडाउन
बहुराष्ट्रीय कंपनियों के अचानक पाकिस्तान मार्केट से बाहर निकलने से पाकिस्तानी इस बात से परेशान हैं कि बाजार में सस्ते और घटिया विकल्पों की बाढ़ आ जाएगी.
इस्लामाबाद के एक इंजीनियर जावेद इकबाल ने दुख जताया कि पिछले तीन महीनों से उन्हें बाजार में अपना पसंदीदा जिलेट रेजर नहीं मिल रहा है.
इकबाल ने ट्वीट किया, “मैं हमेशा शेविंग के लिए जिलेट ब्लू 3 रेजर का इस्तेमाल करता रहा हूं, लेकिन पिछले तीन महीनों से मैं इसे बाजार (इस्लामाबाद) में नहीं ढूंढ पा रहा हूं. यह अच्छी क्वालिटी का है और इसका एकमात्र विकल्प ट्रीट कंपनी का है, जो इसकी तुलना में बहुत खराब है.”
एक अन्य यूजर ने बताया कि पाकिस्तान में चीनी उत्पादों की एंट्री ने जिलेट, पैम्पर्स, साबुन और पी एंड जी के ब्यूटी प्रोडक्ट को पूरी तरह से खत्म कर दिया है.
हिना सफी ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी निकाली. उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी नागरिक पी एंड जी द्वारा बेचे जाने वाले सामान्य घरेलू उत्पादों को कैसे प्राप्त कर पाएंगे.
क्या एरियल और विक्स भी इंपोर्ट करेंगे
उन्होंने एक्स पर लिखा, “तो क्या अब हम एरियल, सेफगार्ड, विक्स, पैम्पर्स, ऑलवेज, पैंटीन और यहां तक कि हेड एंड शोल्डर्स को भी इंपोर्ट करेंगे, क्योंकि पी एंड जी पाकिस्तान छोड़ रही है?”
एक अन्य यूज़र ने पाकिस्तानियों की बेबसी का मजाक उड़ाया. इस शख्स ने पोस्ट में लिखा था, “प्रॉक्टर एंड गैंबल के प्रवक्ता: पाकिस्तानी नहाते नहीं, कपड़े कम धोते हैं और इस वजह से व्यापार प्रभावित हो रहा है!”
हालांकि P&G जाते-जाते पाकिस्तानियों के लिए अस्थायी इंतजाम कर गई है. पीएंडजी ने कहा है कि उसके कुछ उत्पाद तीसरे पक्ष के डिस्ट्रीब्यूटर्स के माध्यम से उपलब्ध कराए जाएंगे.
जिलेट पाकिस्तान के पूर्व एक्जीक्यूटिव साद अमानुल्लाह खान ने ब्लूमबर्ग को बताया, “मुझे उम्मीद है कि इस तरह के पलायन से हुक्मरानों को एहसास होगा कि सब कुछ ठीक नहीं है.” उन्होंने बताया कि पाकिस्तान से बहुराष्ट्रीय कंपनियों के जाने के पीछे बिजली की ऊंची लागत, कमजोर बुनियादी ढांचा और आर्थिक चुनौतियां हैं.
पिछले दो वर्षों में शेल, फाइजर, टोटल एनर्जी, माइक्रोसॉफ्ट और टेलीनॉर जैसी शीर्ष कम्पनियों ने पाकिस्तान से अपने कदम पीछे खींच लिए हैं.
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