भारतीय सेना के प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बीकानेर मिलिट्री स्टेशन सहित सीमावर्ती इलाकों का दौरा किया. यहां उन्होंने सैनिकों की तत्परता की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान को सख्त चेतावनी दी कि ऑपरेशन सिंदूर 1.0 में दिखाया गया संयम अब दोहराया नहीं जाएगा.
जनरल द्विवेदी ने कहा कि इस बार हम कुछ ऐसा करेंगे कि पाकिस्तान को सोचना पड़ेगा कि क्या वह नक्शे में बने रहना चाहता है या नहीं. अगर पाकिस्तान नक्शे में बने रहना चाहता है, तो उसे राज्य प्रायोजित आतंकवाद बंद करना होगा. यह बयान राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा संदेश है.
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दौरे का मुख्य उद्देश्य: सैनिकों की तैयारी की जांच
जनरल उपेंद्र द्विवेदी बीकानेर पहुंचे तो सबसे पहले फॉरवर्ड एरिया का दौरा किया. यहां उन्होंने सैनिकों की ऑपरेशनल रेडीनेस चेक की. रेगिस्तानी और अर्ध-रेगिस्तानी इलाके में काम करने वाले सैनिकों की मुश्किलें जानकर वे प्रभावित हुए. उन्होंने वरिष्ठ सैन्य नेतृत्व, पूर्व सैनिकों, सिविल अधिकारियों और जवानों से बात की.
बातचीत में उन्होंने सेना के आधुनिकीकरण, युद्ध की तैयारी, तकनीकी क्षमताओं को मजबूत करने और ऑपरेशनल उत्कृष्टता पर जोर दिया. जनरल ने कहा कि आज का युद्ध तेजी से बदल रहा है. इसलिए सेना यूएएस (अनमैन्ड एरियल सिस्टम) और काउंटर-यूएएस तकनीकों को अपनाने पर काम कर रही है.
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यह तकनीकें हर स्तर पर इस्तेमाल होंगी, ताकि नई चुनौतियों का सामना आसानी से हो सके. उन्होंने सभी रैंकों के सैनिकों से कहा कि तकनीक को अपनाओ, ताकि हम हमेशा तैयार रहें.
पाकिस्तान को चेतावनी: आतंकवाद पर कोई नरमी नहीं
दौरे के दौरान जनरल द्विवेदी ने पाकिस्तान को खुली चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर 1.0 में भारत ने बहुत संयम दिखाया था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. इस बार हमारा जवाब ऐसा होगा कि पाकिस्तान को अपनी अस्तित्व पर सवाल उठाना पड़ेगा. अगर वह नक्शे में बने रहना चाहता है, तो आतंकवाद तुरंत बंद करे. यह बयान सीमा पर तनाव को देखते हुए बहुत महत्वपूर्ण है. जनरल ने जोर देकर कहा कि भारत शांति चाहता है, लेकिन आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस है.
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पूर्व सैनिकों को सम्मान: राष्ट्र निर्माण में योगदान की सराहना
जनरल द्विवेदी ने बीकानेर के पूर्व सैनिकों को भी सम्मानित किया. उन्होंने लेफ्टिनेंट कर्नल के. हेम सिंह शेखावत (रिटायर्ड), लेफ्टिनेंट कर्नल बीरबल बिश्नोई (रिटायर्ड), रिसालदार भंवर सिंह (रिटायर्ड) और हवलदार नाकत सिंह (रिटायर्ड) को राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान के लिए बधाई दी. उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिक देश की रक्षा तैयारियों को मजबूत करते हैं. युद्धक्षेत्र में वर्चस्व बनाए रखने में मदद करते हैं.
सभी रैंकों के साथ बातचीत में जनरल ने सैनिकों की समर्पण, कर्तव्य निष्ठा और मल्टी-एजेंसी कोऑर्डिनेशन की तारीफ की. रेगिस्तानी इलाके में काम करना आसान नहीं, लेकिन सैनिकों ने इसे बखूबी निभाया. उन्होंने कहा कि आपकी मेहनत से देश सुरक्षित है.
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राष्ट्रीय दृष्टिकोण: सबका सहयोग जरूरी
जनरल द्विवेदी ने जोर दिया कि आज का जटिल सुरक्षा माहौल सेनाओं, सरकारी एजेंसियों, उद्योग, अकादमी और समाज के बीच तालमेल की मांग करता है. उन्होंने ‘होल ऑफ नेशन अप्रोच’ की बात की, यानी पूरे देश को रक्षा तैयारी में शामिल करना. मिलिट्री-सिविल फ्यूजन की अहमियत बताई. इसका मतलब है कि सेना और सिविलियन क्षेत्र मिलकर काम करें. पूर्व सैनिकों के योगदान को सराहते हुए कहा कि वे भारत की रक्षा को मजबूत बनाते हैं.
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