कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी के दक्षिण अमेरिका दौरे कोलंबिया, ब्राजील सहित चार देशों की यात्रा के आयोजनों को लेकर उत्साहित नजर नहीं आ रही हैं. राहुल गांधी के व्यक्तिगत हैंडल @RahulGandhi पर इस यात्रा से संबंधित कोई पोस्ट नहीं है. हालांकि एक पोस्ट जरूर दिख रही है जिसमें उन्होंने विदेशी धरती पार भारत की मोटरसाइकिलों को देखकर भारतीय पूंजीपतियों की तारीफ की है. पर कांग्रेस या उनके किसी प्रवक्ता ने उनकी यात्रा और उनके स्पीच से संबंधित कोई पोस्ट नहीं की है. जबकि आम तौर पर ऐसा नहीं होता रहा है.
आधिकारिक कांग्रेस हैंडल @INCIndia से भी कोई विस्तृत अपडेट या उत्साहपूर्ण संदेश नहीं मिले, केवल न्यूनतम जानकारी ही साझा की गई है. प्रवक्ता पवन खेड़ा के हैंडल @Pawankhera से एक संक्षिप्त पोस्ट आई, जिसमें यात्रा का बुनियादी विवरण दिया गया कि राहुल गांधी राजनीतिक नेताओं, छात्रों और व्यापारियों से संवाद करेंगे. लेकिन उसके बाद कोई फॉलो-अप या प्रचार नहीं किया गया. जबकि राहुल गांधी के विदेश में होने वाले आयोजनों और भाषणों को पार्टी खूब प्रमोट करती रही है. पर इस बार ऐसा क्यों नहीं हो रहा है? आइये देखते हैं कि वो कौन से कारण हो सकते हैं जिसके चलते इस बार कांग्रेस पार्टी अपने सबसे बड़े नेता के विदेश में होने वाले आयोजनों को तवज्जो नहीं दे रही है.
बिहार विधानसभा चुनाव
कांग्रेस की यह उदासीनता कई कारकों से उपजी है. सबसे पहले, पार्टी हाल के चुनावी नतीजों से जूझ रही है. 2024 लोकसभा चुनावों में भले ही इंडिया गठबंधन ने सफलता पाई हो, लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर फोकस जरूरी है. राहुल गांधी का दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब पार्टी को स्थानीय स्तर पर संगठन मजबूत करने की जरूरत है. पर वे अपनी इस जिम्मेदारी को निभाने के बजाय विदेश में हैं. X पर एक यूजर लिखता है कि इसे गुप्त छुट्टी या अनुपस्थिति करार दिया, जो पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा सकता है. जाहिर है कि पार्टी इस बात का संदेश आम लोगों तक नहीं पहुंचाना चाहती है कि उनके नेता इस महत्वपूर्ण मौके पर विदेश घूम रहे हैं.
विदेश में राहुल के ताजा बयान कहीं चुनाव में भारी न पड़ जाएं
राहुल गांधी ने अपने एक मात्र पोस्ट में भारतीय कंपनियों की तारीफ करते हुए देखे जा रहे हैं. दरअसल उन्हें कोलंबिया में भारी मात्रा में भारत में बनी मोटरसाइकिलें देखने को मिलीं. इस पर राहुल गांधी अपने ऑफिशियल एक्स हैंडल से एक तस्वीर पोस्ट की है. इस तस्वीर में राहुल गांधी के पीछे बाजाज पल्सर खड़ी दिख रही है. उन्होंने यह तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि बजाज, हीरो और टीवीएस को कोलंबिया में अच्छा प्रदर्शन करते देखकर गर्व हो रहा है.राहुल गांधी ने अपनी पोस्ट में तंज भी किया. उन्होंने आगे लिखा कि भारतीय कंपनियां इनोवेशन से जीत सकती हैं, जुगाड़ और भाई-भतीजावाद से नहीं.
पर वही राहुल गांधी जब कोलंबिया स्थित EIA यूनिवर्सिटी में छात्रों से संवाद करते हैं तो केंद्र सरकार पर भारतीय लोकतंत्र पर बड़े हमले करने का आरोप लगाते हैं. यूनिवर्सिटी में छात्रों से बातचीत करते हुए राहुल कहते हैं कि भारत में सबसे बड़ा खतरा लोकतंत्र पर हो रहा हमला है. जाहिर है अपने इस बयान को अपने किसी हैंडल पर नहीं डालते हैं. मतलब साफ है कि वो अपने देश के लोगों से अपने इस बयान को छुपाना चाहते हैं. जाहिर है कि कांग्रेस भी ऐसा ही चाहेगी. लेकिन, इंटरनेट के दौर में कोई बात कहां छुपती है. राहुल भारत के बारे में बहुत कुछ ऐसा कह गए हैं, जो कि हो सकता है कि बिहार में वोटर का मन उनके प्रति खट्टा कर दे. और राहुल की यहीं बातें बीजेपी आईटी सेल जमकर प्रचारित कर रहा है.
विदेशों में राहुल गांधी के विवादास्पद बयान
राहुल गांधी के पिछले विदेश दौरों से जुड़े विवादों का डर भी कांग्रेस को सता रहा है. राहुल गांधी के यूरोप, अमेरिका और अन्य यात्राओं में भारत विरोधी बयान के आरोप लगे. जैसे कोलंबिया में लोकतंत्र पर खतरे की टिप्पणी करके वो एक बार फिर नए विवादों को आमंत्रित कर चुके हैं. पर कांग्रेस ने इस बयान पर चुप्पी साधे हुए है.
पार्टी को पता है कि राहुल गांधी अपने पिछले विदेश दौरों में कई बार ऐसी बातें की हैं जिन पर खूब विवाद हुआ है. आम तौर पर ऐसी यात्राओं में राहुल गांधी पर हमेशा भारत-विरोधी बयान के आरोप लगते रहे हैं. यूरोप, अमेरिका और अन्य यात्राओं में उनकी टिप्पणियां भाजपा की नजरों में देश की छवि खराब करने का हथियार बनीं हैं.
2024 में अमेरिका यात्रा के दौरान राहुल ने सिख समुदाय पर सवाल उठाते हुए कहा कि भारत में सिखों को पगड़ी पहनने की आजादी नहीं, जो भाजपा ने तथ्यों की अनदेखी और देश को बदनाम करने का आरोप लगाया. उन्होंने RSS-BJP पर राजनीतिक संस्थाओं को कंट्रोल करने का आरोप लगाया, जिसे अनुराग ठाकुर ने देश का अपमान बताया था.
साथ ही, इल्हान उमर जैसे विवादास्पद अमेरिकी सांसद से मुलाकात ने कथित भारत-विरोधी तत्वों से जुड़ने के आरोप लगाए. इसी तरह लंदन में राहुल ने लोकतंत्र पर हमले की बात कही, जो भाजपा ने विदेशी हस्तक्षेप की मांग करार दिया.
हालिया कोलंबिया दौरे में EIA यूनिवर्सिटी पर भारतीय लोकतंत्र पर थोक हमले की टिप्पणी ने फिर विवाद भड़काया है. भाजपा ने उन्हें प्रोपगैंडा लीडर कहा और विदेशी मिट्टी पर भारत के अपमान का आरोप लगाया. शायद यही कारण है कि कांग्रेस ने ऐसे विवादों से बचने के लिए राहुल की इस बार यात्रा का प्रचार कम किया है.
यात्रा को निजी बताना
राहुल के हैंडल से कोई पोस्ट न होने से लगता है कि यात्रा को निजी या कम महत्वपूर्ण माना जा रहा है. सोशल मीडिया पर प्रचार की बेहद कमी देखी गई है. कांग्रेस के हैंडल से भी केवल बेसिक जानकारी, बिना फोटो, वीडियो या लाइव अपडेट के. पवन खेड़ा की पोस्ट भी रक्षात्मक लगी, जहां यात्रा को संवाद बताया गया लेकिन उत्साह नहीं दिखा. X पर सुप्रिया श्रीनेत ने सुरक्षा के मुद्दे पर सफाई दी, लेकिन प्रचार पर नहीं .यह कमी पार्टी की रणनीति को दर्शाती है, जहां घरेलू मुद्दों जैसे बिहार चुनाव पर फोकस ज्यादा है.
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