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Shani Pradosh Vrat 2025: शनि प्रदोष व्रत कल, इस दिन भूलकर भी न करें ये 5 गलतियां – shani pradosh vrat 2025 date avoid five dangerous mistakes bring problems tvisu


Shani Pradosh Vrat 2025: न्याय और दंड के अधिपति शनि देव स्वयं भगवान शिव के शिष्य हैं. वो शिवजी ही थे जिन्होंने शनि को न्याय और दंड विधान का अधिकार सौंपा था. इसलिए कहा भी जाता है कि यदि भगवान शिव की आराधना की जाए तो शनि द्वारा दिए जाने वाले कष्टों से स्वत: ही मुक्ति मिल जाती है. 4 अक्टूबर यानी कल आश्विन मास का आखिरी प्रदोष व्रत है. इस दिन भगवान शिव और शनि देवी की विधिवत उपासना बेहद लाभकारी हो सकती है. लेकिन इस दिन 5 गलतियां भूलकर भी न करें.

शनि प्रदोष पूजा के विशेष लाभ
संतान संबंधी समस्याओं से निजात पाने के लिए यह पूजा अत्यंत लाभकारी मानी जाती है. शनि की दशा या अन्य पीड़ा से जूझ रहे व्यक्तियों को भी इस दिन पूजा से बड़ा लाभ मिलता है. यदि आप शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या के प्रभाव में हैं, तो इस दिन विधिवत पूजा से आपकी समस्या दूर हो सकती है. धनधान्य से जुड़ी समस्या को भी दूर किया जा सकता है.

सरल पूजा विधि
शनि प्रदोष के दिन सुबह स्नानादि के बाद भगवान शिव की पूजा आरंभ करें. शिवलिंग पर जल व बेलपत्र अर्पित करें. “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें. इसके बाद पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक प्रज्ज्वलित करें. फिर शनि देव के मूल मंत्र “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का 108 बार जाप करें. इसके बाद किसी गरीब आदमी को खाने या इस्तेमाल की जाने वाली वस्तु का दान करें.

शनि प्रदोष में न करें ये गलतियां

1. शनि प्रदोष के दिन पवित्रता और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें. इस दिन घर के मुख्य द्वार और मंदिर के आस-पास साफ-सफाई रखें.

2. इस दिन घर की सफाई के साथ-साथ मन की सफाई पर भी ध्यान दें. अपने मन में किसी भी प्रकार के गलत विचार न आने दें.

3. घर में सभी सदस्यों से आदरपूर्वक बात करें. बड़ों का अपमान न करें. दूसरों के प्रति मन में घृणा या द्वेष बिल्कुल न रखें.

4. पेड़-पौधों को तोड़ने से बचें. जीव-जन्तुओं को हानि न पहुंचाएं. ऐसा करने वालों से शनि देव रुष्ट हो सकते हैं.

5. इस दिन नाखून या बाल कटवाने से बचें. मांस-मदिरा का सेवन न करें. सात्विकता का पूर्ण ख्याल रखें
 

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