नोएडा अथॉरिटी की एक महत्वपूर्ण बोर्ड बैठक 3 अक्टूबर को हो रही है. इस बैठक में 20 से अधिक प्रस्तावों पर चर्चा होगी, जिसमें आवंटन, भुगतान और मंज़ूरी से जुड़ी एकीकृत नीति की समीक्षा करना सबसे अहम है, एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस बैठक के दौरान बोर्ड रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स को तय समय पर पूरा करने की स्थिति का भी जायज़ा लेगा.
इस बैठक में कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा हो सकती है, जैसे कि एक नए कचरा प्रबंधन प्लांट को मंज़ूरी देना, पानी के मीटर शुल्क को तय करना, और आने वाले जेवर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए बजटीय आवंटन पर विचार करना. इस बैठक की अध्यक्षता औद्योगिक विकास आयुक्त और अथॉरिटी चेयरमैन दीपक कुमार करेंगे.
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बिल्डरों के प्रोजेक्ट पर भी चर्चा
बोर्ड बिल्डरों द्वारा नियमों के अनुपालन और प्रोजेक्ट डिलीवरी की स्थिति की भी समीक्षा करेगा. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों ने बताया कि अमिताभ कांत समिति के तहत जमा किए गए फंड का रिकॉर्ड, साथ ही फ्लैट खरीदारों की रजिस्ट्री भी पेश की जाएगी. वहीं समय पर प्रोजेक्ट पूरा हो और होमबायर्स के हितों की रक्षा हो, यह सुनिश्चित करने के लिए चूक करने वाले बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई पर भी मार्गदर्शन मांगा जा सकता है.
सबसे अहम एजेंडा में से एक एकीकृत नीति (unified policy) की समीक्षा करना है. यह नीति तीनों प्राधिकरणों में आवंटन, भुगतान शेड्यूल और मंज़ूरी जैसे महत्वपूर्ण मामलों को नियंत्रित करती है. वर्तमान में, भुगतान की समय-सीमा में भिन्नता है. कुछ योजनाओं के लिए 60 दिनों के भीतर भुगतान आवश्यक है, जबकि अन्य के लिए यह समय-सीमा 90 दिनों की है. यह अंतर डेवलपर्स और खरीदारों दोनों के लिए भ्रम की स्थिति पैदा करता है. रिपोर्ट के मुताबिक, बोर्ड से उम्मीद की जा रही है कि वह इन सभी समय-सीमाओं को एक समान करने और पूरी प्रक्रिया को सरल बनाने पर विचार करेगा.
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