योगेश नोएडा में एक प्राइवेट फर्म में कार्यरत हैं और लंबे समय से रॉयल एनफील्ड बुलेट खरीदना चाहते थें. वो जब भी अपनी पसंदीदा बाइक खरीदने की प्लानिंग करते तो बज़ट उनके आड़े आ जाता. लेकिन बीते दिनों गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) में हुए तगड़े रिफॉर्म ने उन्हें ड्रीम बाइक खरीदने में बड़ी मदद की. हाल ही में उन्होंने अपने पसंद की नई रॉयल एनफील्ड बुलेट 350 खरीदी है, और नवरात्री के बीच की गई इस खरीदारी में उन्होंने मोटी बचत की है.
अब सोचिए, वही बाइक, जिसके लिए वो लंबे समय से प्लानिंग कर रहे थें, अब उनके गैरेज में खड़ी है. उनकी खुशी ऐसी कि पूछिए मत! और इस खरीदारी का एक्सपीरिएंस? वो भी एकदम आसान और स्ट्रेस-फ्री. बज़ट की टेंशन गई, सपनों ने सीट पकड़ ली. तो आइये जानें कैसा रहा उनकी ड्रीम बाइक का बाइंग एक्सपीरिएंस.
जीवन में दो बाइक खरीदता इंसान
योगेश का कहना है कि, जब उन्होंने बाइक खरीदने की सोची था तो वो एक कम्यूटर सेग्मेंट (100-125 सीसी) की मोटरसाइकिल या स्कूटर खरीदने का प्लान कर रहे थें. क्योंकि ये उनके बज़ट में थी और इनका मेंटनेंस भी किफायती होता है. लेकिन उन्होंने जब इस बाता का जिक्र अपने दोस्तों के बीच किया तो लोगों ने उन्हें कम्यूटर के बजाय किसी बेहतर और हैवी परफॉर्मेंस वाली बाइक लेने की सलाह दी.
बकौल योगेश “एक मध्यम वर्गीय परिवार से आने वाला व्यक्तिक अपने जीवन में अधिकतम एक या दो बार बाइक खरीदता है. युवा अवस्था के शुरुआती दिनों में एक बाइक की औसतन उम्र तकरीबन 10 साल तक होती है. इसके वो वो व्यक्ति इतना समर्थ हो जाता है कि, वो चारपहिया में अपग्रेड करे. इसके बाद अपने बच्चों के लिए मोटरसाइकिल खरीदता है.”
एक सिंबल है बुलेट: कुछ अचीव करने की चाहत
योगेश बताते हैं कि, नोएडा में नौकरी की शुरुआत के बाद वो अपने लिए कुछ ऐसा करना चाहते थें जो केवल जरूरत की पूर्ति से बढ़कर हो. वो एक ऐसी खरीदारी की तलाश में थे, जिसके बाद लोग कहें कि, उन्होंने कुछ अचीव किया. इस मामले में दोस्तों की सलाह और बुलेट की लेगेसी दोनों ने उन्हें रॉयल एनफील्ड की तरफ मुखर होने के लिए प्रेरित किया.”
एक होती है बाइक और दूसरी होती है बुलेट
70 साल पुरानी लिगेसी आज भी देश की सड़कों पर फर्राटा भर रही है. रॉयल एनफील्ड ने साल 1955 में पहली बार Bullet 350 को भारत में लॉन्च किया था. शुरुआत में इसका रॉयल हैंडल भारतीय सेना ने थामा, आगे चलकर ये आम नागरिकों के लिए भी उपलब्ध हुई. 7 दशकों के बाद आज भी बुलेट की दिवानगी, जस की तस बरकरार है. योगेश कहते हैं कि, “मेरा मानना है कि, दो तरह की दोपहिया होती है. एक होती है बाइक और दूसरी होती है बुलेट.”
GST की छूट… आम स्कूटर-बाइक छोड़ थामी बुलेट
इधर बीच केंद्र सरकार ने गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) स्ट्रक्चर में बदलाव कर एक आम आदमी को एक बड़ी राहत देने का ऐलान किया. 350 सीसी से कम इंजन क्षमता वाली बाइक्स पर 28% जीएसटी घटाकर केवल 18% कर दी गई. जिससे रॉयल एनफील्ड के पोर्टफोलियो में शामिल तमाम बाइक्स के दाम में भी बंपर कटौती हुई.
योगेश का कहना है कि, “लोगों की सलाह और जीएसटी छूट के बाद उन्होंने बुलेट खरीदने का मन बनाया. वो सालों से रॉयल एनफील्ड की शाही सवारी करना चाहते थें.” उनके जेहन में कुछ पुरानी यादें गोता लगा रही थीं, जिनमें वो अपने किसी जानने वाले की बुलेट दौड़ा चुके थें. और वो कोई आम कम्यूटर बाइक खरीद कर बाद में अपने दिल में कोई कसक नहीं रखना चाहते थें.
1.90 लाख रुपये की पड़ी… 2.10 लाख वाली बाइक
योगेश का कहना है कि, जीएसटी लागू होने के पहले भी वो रॉयल एनफील्ड के शोरूम का चक्कर लगा चुके थें. उस वक्त उन्हें बुलेट की ऑनरोड कीमत तकरीबन 2.10 लाख रुपये तक बताई गई. लेकिन इस जीएसटी रिफॉर्म के बाद उन्हें अपनी नई बुलेट कुल 1.90 लाख रुपये (आन-रोड) पड़ी. इस खरीदारी के दौरान उन्होंने अच्छी बचत की और अपने ड्रीम बाइक को घर लाने में सफल हुए.
बेस प्राइस और GST का कैलकुलेशन, कैसे हुई बचत?
योगेश ने खुद के लिए बुलेट बटालियन ब्लैक वेरिएंट चुना है. जिसकी एक्स-शोरूम कीमत 1.66 लाख रुपये है. इसके बाद आरटीओ, इंश्योरेंस और अन्य चार्जेज मिलाकर बाइक की ऑनरोड कीमत 1.90 लाख रुपये तक पहुंच गई. अगर बाइक के बेस प्राइस की बात करें तो दस्तावेज बताते हैं कि, बुलेट 350 का बेस प्राइस 1,37,424 रुपये है. इसमें 18% जीएसटी (24,736) जोड़ने के बाद इसकी कुल एक्स-शोरूम कीमत 1,62,161 रुपये हो जाती है.
बता दें कि, पहले जब इसी बाइक पर 28% जीएसटी लागू होती थी, जो बेस प्राइस के बाद इसकी कीमत में जीएसटी के नाम पर 38,478 रुपये जोड़े जाते थें. जिसके बाद इसकी एक्स-शोरूम कीमत तकरीबन 1,75,902 रुपये हुआ करती थी. खरीदारी के बाद इसमें आरटीओ और इंश्योरेंस और जोड़ा जाता है, जिससे बाइक की कीमत और भी बढ़ जाती है.
कैसी है Royal Enfield Bullet 350
रॉयल एनफील्ड बुलेट में 349cc का सिंगल-सिलेंडर, एयर-कूल्ड इंजन मिलता है जो स्मूद राइडिंग और भरोसेमंद परफॉर्मेंस देता है. 5-स्पीड गियरबॉक्स और बेहतर टॉर्क इसे हाईवे और शहर दोनों जगहों पर आरामदायक सवारी का अनुभव कराता है. ये इंजन 20.2 बीएचपी की पावर और 28 न्यूटन मीटर (Nm) का टॉर्क जेनरेट करता है.
बुलेट 350 की सबसे बड़ी खासियत है इसका एवरग्रीन डिज़ाइन. राउंड शेप हेडलाइट, लंबे फ्यूल टैंक पर हैंड-पेंटेड पिनस्ट्राइप्स और क्लासिक पोस्चर जैसी पोज़िशनिंग इसे बाकियों से अलग करती है. हालांकि, इसका नया J-सीरीज इंजन अपडेट के बाद अपने पुराने थंप (एग्जॉस्ट नोट, इंजन से आने वाली आवाज) से थोड़ा अलग हुआ है. जो कुछ लोगों को उतनी पसंद नहीं आती है.
चेसिस, सस्पेंशन और ब्रेक्स
- आगे टेलीस्कोपिक फ्रंट फॉर्क्स
- पीछे ड्यूल शॉक एब्जॉर्बर्स (6-स्टेप एडजस्टेबल प्रीलोड वेरिएंट में)
- सामने डिस्क ब्रेक (300 मिमी)
- पीछे वेरिएंट अनुसार डिस्क या ड्रम ब्रेक (कुछ वेरिएंट में ड्रम)
- सिंगल-चैनल ABS (कुछ वेरिएंट में)
195 किग्रा वजनी इस बाइक में डिजिटल-एनालॉग इंस्ट्रमेंट कल्स्टर दिया गया है. जो मॉर्डन-क्लॉसिक टच देता है. इसके सीट की उंचाई 805 मिमी है. इसमें 13 लीटर का फ्यूल टैंक और USB चार्जिंग पोर्ट भी दिया गया है. आमतौर पर यह बाइक लगभग 35 से 40 किमी प्रतिलीटर तक माइलेज देती है. ध्यान दें कि असल माइलेज बहुत हद तक आपके राइडिंग स्टाइल, ट्रैफिक परिस्थितियां, मेंटनेंस और रोड कंडिशन पर निर्भर करता है.
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