0

पाकिस्तान में आतंक और हिंसा में 46% की बढ़ोतरी… खैबर पख्तूनख्वा सबसे ज्यादा प्रभावित – pakistan violence q3 2025 khyber pakhtunkhwa ntc


पाकिस्तान में इस साल तीसरी तिमाही (Q3) में हिंसा और आतंकवाद में 46 प्रतिशत की भारी वृद्धि दर्ज की गई है. खैबर पख्तूनख्वा प्रांत सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र बना हुआ है. यह जानकारी सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज (CRSS) की ताजा रिपोर्ट में सामने आई है, जिसे मीडिया रिपोर्ट में साझा किया गया.

रिपोर्ट के अनुसार, तीसरी तिमाही में पाकिस्तान में कुल 329 हिंसक घटनाएं हुईं, जिनमें आतंकवादी हमले और सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई शामिल हैं. इन घटनाओं में कम से कम 901 लोग मारे गए और 599 घायल हुए. इसमें नागरिक, सुरक्षा बल और आतंकवादी शामिल हैं.

हाल ही में मंगलवार को क्वेटा में एफसी मुख्यालय के पास आत्मघाती हमले में कम से कम 11 लोग मारे गए, जिनमें दो एफसी जवान भी शामिल थे. इसके एक दिन पहले सुरक्षा बलों ने दो खुफिया आधारित ऑपरेशनों (IBOs) में 13 आतंकवादियों को ढेर किया.

अब तक 2414 लोगों की मौत

CRSS रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इस वर्ष की तीसरी तिमाही में दर्ज मौतों की संख्या लगभग पिछले साल की कुल संख्या के बराबर है. इस वर्ष अब तक 2,414 मौतें दर्ज की जा चुकी हैं, जबकि 2024 में कुल 2,546 मौतें हुई थीं. रिपोर्ट के अनुसार, चौथी तिमाही अभी बाकी है और मिलिटेंट हिंसा के बढ़ने और बढ़ी हुई काउंटर-टेरर ऑपरेशनों के कारण यह संख्या और बढ़ सकती है.

तीसरी तिमाही में हुई 901 मौतों में से 516 (57 प्रतिशत) अपराधियों की थीं, जबकि 385 नागरिक और सुरक्षा बलों के सदस्य मारे गए. नागरिक मौतें 219 (24 प्रतिशत) और सुरक्षा कर्मियों की 166 (18 प्रतिशत) थीं.

अपराधियों की मौत के मामले भी बढ़े

Q2 2025 की तुलना में अपराधियों की मौतों में लगभग 55 प्रतिशत, नागरिकों में 43 प्रतिशत और सुरक्षा कर्मियों में 28 प्रतिशत का इजाफा देखा गया. रिपोर्ट में कहा गया है कि भले ही अपराधियों की मौतें सबसे ज्यादा हुईं, लेकिन नागरिक सबसे अधिक लक्षित समूह बने.

जिला-wise आंकड़ों में खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान सबसे ज्यादा प्रभावित रहे. इन दोनों प्रांतों में देशभर की हिंसा का 96 प्रतिशत हिस्सा दर्ज किया गया. खैबर पख्तूनख्वा में कुल हिंसा से संबंधित मौतों का 71 प्रतिशत (638 मौतें) और घटनाओं का 67 प्रतिशत (221) हुआ, जबकि बलूचिस्तान में 25 प्रतिशत मौतें (230) और घटनाएं (85) हुईं.

सिंध में मौत के आंकड़े में बढ़ा उछाल

Q2 के आंकड़ों की तुलना में खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में मौतों में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई है. खैबर पख्तूनख्वा में 64 प्रतिशत और बलूचिस्तान में 21 प्रतिशत. सिंध में भी मौतों में 162 प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया गया, हालांकि संख्या कम रही—Q2 में 8 मौतें और Q3 में 21 मौतें हुईं.

रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि सुरक्षा बलों की सटीक काउंटर-टेरर ऑपरेशनों के कारण आतंकवादियों को कम नुकसान पहुंचा, लेकिन उनकी मौतों की संख्या नागरिकों और सुरक्षा कर्मियों की तुलना में अधिक रही.

—- समाप्त —-