Dussehra 2025: हिंदू धर्म में विजयादशमी या दशहरा महापर्व का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है. ये दिन बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है. मान्यता है कि विजयादशमी के दिन ही राम ने लंकापति रावण का वध किया था. इसलिए हर साल विजयादशमी के दिन रावण ता पुतला फूंका जाता है. ऐसा माना जाता है कि रावण दहन के बाद उसकी राख को घर लाना शुभ होता है. आइए जानते हैं ऐसा क्यों है और इसके क्या लाभ बताए जाते हैं.
रावण दहन के बाद घर क्यों लाई जाती है राख?
रावण का पुतला जलाए जाने के बाद उसकी राख को घर लाने और विशेष स्थानों पर रखने की परंपरा है. ऐसी मान्यता है कि रावण दहन की राख को घर के मुख्य द्वार या कुछ विशेष स्थानों पर रखने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है. माना जाता है कि रावण दहन की राख नकारात्मक ऊर्जा, भय, बुरी नजर और दुर्भाग्य से घर की रक्षा करती है.
पूजा विधि और उपाय
रावण दहन के बाद राख को सफाई से इकट्ठा करें और उसे किसी साफ बर्तन में रखकर घर ले आएं. इसे घर के मुख्य द्वार, पूजा की जगह, लक्ष्मी और भगवान राम की प्रतिमा के पास रख दें. कुछ लोग रावण दहन की राख को कपड़े में बांधकर मुख्य द्वार की चौखट से बांध देते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश नहीं करती है. इसके बाद भगवान राम की विधिवत पूजा करें, दीपक जलाकर तुलसी की पत्तियां चढ़ाएं. इसके साथ रामायण का पाठ और उसकी चौपाइयां पढ़ें. यह पूजा-परिवार में सुख, शांति, और खुशहाली लाने के साथ-साथ सभी बुराइयों और बाधाओं को दूर करने का मार्ग बनती है.
विजयादशमी का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, इस साल आश्विन मास के शुक्लपक्ष की दशमी तिथि 1 अक्टूबर 2025 की शाम को 7 बजकर 1 मिनट से शुरू होकर आज शाम 2 अक्टूबर शाम 7 बजकर 10 मिनट तक रहेगा. हिंदू मान्यता के अनुसार रावण दहन प्रदोष काल यानी शाम के समय होता है. आज 2 अक्टूबर को सूर्यास्त शाम को 6:03 बजे होगा. ऐसे में सूर्यास्त से लेकर 7:10 बजे दशमी तिथि के समाप्त होने के बीच में रावण दहन किया जा सकेगा.
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