करीब 1000 दिन जेल में बिताने के बाद जमानत पर बाहर आए पूर्व सपा विधायक इरफान सोलंकी ने ‘आजतक’ पर आपबीती बयां की. एक तरफ उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बताया, तो दूसरी तरफ सीसामऊ से चुनाव लड़ने के सवाल पर भी रिएक्ट किया. अभी सीसामऊ से उनकी पत्नी नसीम सोलंकी विधायक हैं. सपा ने नसीम को इरफान के जेल जाने के बाद मैदान में उतारा था.
अगला चुनाव नसीम सोलंकी लड़ेंगी या आप खुद, इसके जवाब में इरफान ने मजाकिया अंदाज में कहा- एक बार जो कुर्सी पर बैठ जाता है वो कहां कुर्सी छोड़ता है. हाथ-पैर दबा के मनाने की कोशिश करूंगा कि कुर्सी पर बैठने दो. इनको कुर्सी ज्यादा प्यारी होगी तो नहीं बैठने देंगी.
इरफान के कहा कि आने वाले समय में कानपुर शहर से ही सोलंकी परिवार के दो विधायक होंगे. एक मैं और दूसरी मेरी पत्नी. इरफान सोलंकी ने कहा कि जब जेल गया था तो 4 एमएम की पथरी थी. इलाज ना मिलने के कारण आज 24 एमएम की हो गई है. बहुत तकलीफ सहा है.
बकौल इरफान- जिस अधिकारी ने मेरे ऊपर एक्शन लिया (तत्कालीन जॉइंट कमिश्नर) दरअसल उनका प्लान सीसामऊ कब्जाना था. उन्हें खुद विधायक बनना था. जैसे कानपुर के पहले कमिश्नर असीम अरुण ने VRS लेकर किया.
पूर्व सपा विधायक ने कहा- मेरे घर मे दबिश के दौरान पत्नी की अलमारी के दराज खोल गए, जिसमें हमारा निजी समान होता है. ऐसा करके हमें जलील करा गया. महाराजगंज जेल में रहते हुए जिस तरह की चीजें चल रही थीं उसको लेकर अधिकारियों के खिलाफ राष्ट्रपति से लेकर तमाम जगह चिट्ठी लिखने का प्लान है.
इरफान ने आगे कहा कि जिस महिला के घर को जलाने के आरोप में जेल भेजा गया, उसमें सीसीटीवी स्पष्ट बताता है कि कैसे पटाखे से आग लगी थी. फिर भी मुझे सरकार के इशारे पर इसलिए भेजा गया क्योंकि इस सीट पर मुझे हरा नहीं पाए थे.
एनकाउंटर की बात पर इरफान ने कहा कि यह कानपुर है, हादसों का शहर, कभी भी हादसा हो सकता है, मेरे छोटे-छोटे बच्चे हैं, परिवार हैं. हालांकि, ऊपर वाले करम है मेरे ऊपर, सकुशल हूं. जनता के बीच हूं. अपने के बीच हूं. जिस तरीके से स्वागत में लोग उमड़ पड़े वो दिखाता है जनता मुझे प्यार करती है.
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