राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आर्थिक सलाहकारों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकारी शटडाउन लंबा खिंचता है तो इसके गंभीर आर्थिक नतीजे हो सकते हैं. POLITICO को मिली व्हाइट हाउस की एक मेमो में कहा गया है कि हर हफ्ते शटडाउन जारी रहने पर अमेरिका की जीडीपी को 15 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है.
अगर शटडाउन एक महीने तक चला तो 43,000 लोग और बेरोजगार हो जाएंगे. इसमें उन 19 लाख संघीय कर्मचारियों का नुकसान शामिल नहीं है, जो या तो बिना वेतन काम कर रहे हैं या फिर छुट्टी पर भेजे गए हैं. इनमें से 80 प्रतिशत वॉशिंगटन में रहते हैं.
स्वास्थ्य बीमा सब्सिडी की फंडिंग को लेकर हुआ विवाद
व्हाइट हाउस के सहयोगियों का कहना है कि यह दस्तावेज रिपब्लिकन सांसदों को भेजा जाएगा ताकि वे शटडाउन पर अपनी राजनीतिक रणनीति तय कर सकें. कांग्रेस इस समय ओबामाकेयर स्वास्थ्य बीमा सब्सिडी की फंडिंग को लेकर बंटी हुई है. ट्रंप प्रशासन का दावा है कि ये सब्सिडी अवैध प्रवासियों को मिलेगी.
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता कुश देसाई ने बयान में कहा, ‘सरकारी शटडाउन के असली आर्थिक नतीजों की जिम्मेदारी पूरी तरह से सीनेट डेमोक्रेट्स पर है, जो संघीय सरकार, अर्थव्यवस्था और देश को बंधक बना रहे हैं ताकि अवैध प्रवासियों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवा दिला सकें.’
रिपब्लिकन सांसदों को दोष दे रही जनता
व्हाइट हाउस इस समय हर स्तर पर रिपब्लिकन नेताओं को एकजुट करने और शटडाउन के लिए डेमोक्रेट्स को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश कर रहा है. हालांकि हालिया सर्वे बताते हैं कि फिलहाल जनता ज्यादा दोष रिपब्लिकन्स को दे रही है, लेकिन बड़ी संख्या में लोग दोनों पार्टियों को जिम्मेदार मानते हैं.
सवालों के घेरे में ट्रंप की टैरिफ नीतियां
यह विवाद ऐसे समय में बढ़ा है जब ट्रंप की टैरिफ नीतियों के आर्थिक असर पर भी सवाल उठ रहे हैं. बुधवार को पेरोल कंपनी एडीपी की ओर से जारी आंकड़ों में दिखाया गया कि सितंबर में अमेरिका ने 32,000 प्राइवेट सेक्टर की नौकरियां गंवा दीं.
काउंसिल ऑफ इकोनॉमिक एडवाइजर्स की चार पन्नों की रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर शटडाउन एक महीने तक चलता है तो उपभोक्ता खर्च 30 अरब डॉलर कम हो जाएगा. इसमें आधा असर सीधे संघीय कर्मचारियों पर पड़ेगा और बाकी असर दूसरे क्षेत्रों में फैलेगा.
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