लंदन के टेविस्टॉक स्क्वायर में स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के साथ की गई तोड़फोड़ की घटना को लेकर भारत ने कड़ी नाराजगी जताई है। ये घटना तब की है जब सोमवार को महात्मा गांधी की प्रतिमा के चबूतरे पर आपत्तिजनक भित्तिचित्र पाए गए, जिसे देखकर वहां मौजूद लोग और भारतीय समुदाय में गहरा आक्रोश फैल गया।
इसके बाद लंदन में भारत के उच्चायोग ने इस घटना पर कड़ी आपत्ति जताई। उच्चायोग ने सोशल मीडिया पर एक बयान जारी करते हुए कहा कि महात्मा गांधी की प्रतिमा के साथ किया गया यह शर्मनाक व्यवहार सिर्फ एक मूर्ति के साथ नहीं, बल्कि अहिंसा की भावना और गांधी जी की विरासत पर हमला है।
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उच्चायोग ने स्थानीय प्रशासन से की कार्रवाई की मांग
मामले में भारतीय उच्चायोग ने कहा कि उन्होंने यह इस घटना की बात को स्थानीय प्रशासन और मेट्रोपॉलिटन पुलिस के समक्ष उठाया है और तत्काल कार्रवाई की मांग की है। भारतीय अधिकारी मौके पर पहुंचकर प्रतिमा की मरम्मत और उसकी गरिमा बहाल करने के लिए काम कर रहे हैं। बता दें कि महात्मा गांधी के प्रतिमा के साथ तोड़फोड़ का ये मामला गांधी जयंती (2 अक्तूबर) से ठीक कुछ दिन पहले सामने आया है, जब हर साल इस स्थान पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी जाती है।
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1968 में स्थापित की गई थी ये प्रतिमा
गौरतलब है कि यह कांस्य प्रतिमा 1968 में भारत लीग के सहयोग से स्थापित की गई थी। महात्मा गांधी की यह प्रतिमा उन्हें ध्यान मुद्रा में बैठे हुए दर्शाती है और उनके लंदन प्रवास के दिनों की याद दिलाती है जब वे पास ही के यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में कानून की पढ़ाई कर रहे थे। गांधी जी के इस प्रतिमा के नीचे लिखा है कि महात्मा गांधी, 1869-1948। हर साल 2 अक्तूबर को यहां फूल अर्पित किए जाते हैं और गांधी जी के प्रिय भजन गाए जाते हैं। यह दिन संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।