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अब वजन घटाना कोई ड्रीम नहीं! नई जेनरेशन के लिए आ गया GLP-1 का जमाना, जान‍िए- इससे क्या बदलेगा – India Today Conclave Mumbai Living With GLP one Redefining human Lives ntcpmm


देखा जाए तो मोटापा अब सिर्फ लाइफस्टाइल का मसला नहीं रहा बल्कि एक बीमारी बन चुका है. हरेक के दिमाग में किसी ऐसी दवा की कल्पना आती है जो आसानी से मोटापा घटा दे. ऐसे में GLP-1 है आखिर? आइए जानते हैं कि ये हमारे शरीर में क्या करता है? और शायद आप जानते भी नहीं होंगे, लेकिन जो लोग नहीं जानते वो भी इतिहास में GLP-1 जेनरेशन के रूप में याद किए जाएंगे. अगर आप अभी इसका एहसास नहीं कर रहे तो इस सेशन में आए डॉक्टरों और मरीजों की चर्चा के बारे में जानकर यकीन कर लेंगे. 

इंडिया टुडे की हेल्थ एंड वेलनेस एडिटर सोनम मल्होत्रा कपूर की मॉडरेशन में मुंबई कॉनक्लेव में आयोजित सेशन ‘Living With GLP-1: Redefining Lives Beyond the Shot’ में डॉक्टरों सीन‍ियर एंडोक्रोनोलॉजिस्ट डॉ शशांक जोशी, रिलायंस फाउंडेशन हॉस्प‍िटल के मिन‍िमल एक्सेस सर्ज‍िकल साइंसेज के डायरेक्टर डॉ मुफ्फजल लकड़ावाला के साथ फार्मा इंडस्ट्री से एली लिली इंड‍िया के विंसेलो टकर ने अपने पक्ष रखे. यहां मरीजों ने भी अपनी वेट लॉस जर्नी साझा की. 

क्यों GLP-1 सिर्फ दवा नहीं जनरेशन चेंजर?

डॉ. शशांक जोशी ने कहा कि हम आज GLP-1 जनरेशन में जी रहे हैं. ये दवाएं सिर्फ वजन घटाने वाली दवाएं नहीं हैं बल्कि ये obesity जैसी बीमारी को डायरेक्ट टारगेट करती हैं. मोटापे से जुड़ी 200-300 बीमारियों को ये रोक सकती हैं जिसमें डायबिटीज, हार्ट डिजीज, लीवर की समस्या और कुछ कैंसर भी शामिल हैं.

उन्होंने आगे बताया कि 21वीं सदी में इनफ्लुएंस का बड़ा दाम हमने ज्यादा खाना और कम एक्टिविटी के रूप में चुका दिया है. डिजिटल लाइफस्टाइल, नींद की कमी और आरामदायक संसाधनों ने हमारी हेल्थ को गंभीर रूप से प्रभावित किया है. अब हम इसके ख‍िलाफ लड़ रहे हैं. डॉ. जोशी के मुताबिक, GLP-1 दवाओं का सही इस्तेमाल करने पर लोगों की फूड क्रेविंग्स कंट्रोल होती हैं, मेटाबॉलिज़्म में सुधार आता है और वजन घटाना आसान होता है.

ओबेस‍िटी के रिस्क पर 440 मिल‍ियन 

व‍िंसेलो टकर ने कहा कि ये दवा केवल प्रिस्क्रिप्शन के तहत दी जानी चाहिए. हम इसे कॉस्मेट‍िक वेट लॉस के लिए प्रमोट नहीं करते. भारत में 440 मिलियन लोग ओबेस‍िटी के रिस्क पर हैं, लेकिन जागरूकता और अर्ली डायग्नोस‍िस की कमी है. उन्होंने बताया कि Eli Lilly ने डिजीज स्टेट एजुकेशन प्रोग्राम्स लॉन्च किए हैं ताकि मरीज डॉक्टर से कंसल्ट करें और ये stigma खत्म हो. उन्होंने यह भी कहा कि अगर मरीज डॉक्टर की निगरानी में दवा लेते हैं तो वजन कम करना और कम वजन को कंट्रोल रखना संभव है.

‘सर्जरी इन अ पिल’ यानी मोटापे का सीधा इलाज 

डॉ मुफ्फजल लकड़ावाला ने इस सेशन में कहा कि ये पहली बार है जब हमारे पास ऐसी दवा आई है जो मोटापे को डायरेक्ट ट्रीट करती है. जिन लोगों ने डाइट और एक्सरसाइज से नाकामी झेली है, उनके लिए ये दवा गेम चेंजर है. ये कोई शॉर्ट कट नहीं है, ओबेस‍िटी एक क्रोन‍िक ड‍िजीज है और इसका इलाज भी लाइफटाइम मैनेजमेंट होना चाहिए. GLP-1 के साथ लाइफस्टाइल और डाइट मॉडिफिकेशन जरूरी है. उन्होंने ये भी कहा कि यह दवा डायबिटीज और हाई कॉर्ड‍ियोवस्कुलर रिस्क वाले लोगों के लिए सबसे अधिक फायदेमंद है.

मरीजों ने साझा की अपनी GLP-1 जर्नी 

केस 1: छह-सात साल पहले मेरा वजन 168 किलो था. डॉक्टरों की सलाह पर मैंने पेडियाट्रिक सर्जरी करवाई और मेरा वजन 96 किलो तक घट गया. लेकिन जैसे ही मुझे लगा कि सब ठीक है, मेरा वजन फिर बढ़ने लगा. खुशियों और आत्मविश्वास का वो दौर धीरे-धीरे कम हो गया. 2.5 महीने पहले मेरा वजन 114 किलो हो गया. मैं खुद को फिर से असहाय महसूस करने लगा. खुद पर विश्वास खत्म होने लगा था. मैं नहीं चाहता था कि मैं वही शख्स बन जाऊं जैसे मैं पहले था.

इसी समय मैंने GLP-1 लेना शुरू किया. पहली खुराक के 2 से 3 दिन में ही मेरी cravings गायब हो गईं. धीरे-धीरे मेरा वजन 102-103 किलो तक घटा. लेकिन सबसे बड़ी बात, मेरी आत्मविश्वास वापस लौट आया. अब मैं रोज जिम जाता हूं, अपनी डाइट फॉलो करता हूं और GLP-1 के साथ लाइफस्टाइल में बदलाव कर रहा हूं. मुझे लगता है कि ये दवा सिर्फ वजन कम करने में मदद नहीं कर रही, बल्कि मेरी जिंदगी की दिशा बदल रही है. अगर मेरे डॉक्टर नहीं होते तो शायद मैं आज यहां नहीं होता. GLP-1 ने मुझे फिर से जीना सिखाया.

केस 2:  मुझे चलना बहुत मुश्किल और दर्दनाक लगने लगा था. मेरी बैक की समस्याओं और हेल्थ रिपोर्ट्स ने मुझे मानसिक और शारीरिक रूप से तोड़ दिया था. HbA1c 6.4 और हाई कोलेस्ट्रॉल बॉर्डरलाइन के साथ हर दिन खुद को देखते हुए मुझे मृत्यु जैसा अनुभव होता था. मैंने कई वजन कम करने के प्रोग्राम्स आजमाए. कभी-कभी कुछ किलो घटता, लेकिन सब वापस आ जाता. सब कुछ अकेले करना मेरे लिए थकाऊ और निराशाजनक था. फिर GLP-1 मेरी जिंदगी में आया. इसने मेरी भूख कम कर दी. अब मुझे खाने की cravings नहीं हैं. 6 महीनों में मैंने 18 किलो वजन घटाया. सबसे बड़ी बात, अब मुझे अपनी मेहनत और बदलाव में भरोसा है. मैं अकेली नहीं हूं, मेरी टीम मेरे साथ है.

ये हैं चुनौतियां और लीगल मुद्दे

बता दें कि GLP-1 महंगी दवा है और फिलहाल केवल अमीर मरीज इसे आसानी से ले पा रहे हैं. इसके अलावा, दुनिया भर में कई कानूनी केस भी दर्ज हुए  हैं जिसमें ब्लाइंडनेस और 
पैंक्रियाटाइटिस जैसी शिकायतें दर्ज की गईं. 

डॉ जोशी के मुताबिक ये दवा डिजीज मोडीफाइंग ड्रग है, कॉस्मेट‍िक पिल्स नहीं. सबसे ज्यादा जरूरत वाले मरीजों को इसे मिलना चाहिए लेकिन मेडिकल निगरानी जरूरी है, क्योंकि हर प्रभावी दवा के साथ साइड इफेक्ट्स भी होते हैं. Winselow Tucker ने भी संकेत दिए कि आने वाले सालों में ओरल GLP-1 pills और जेनेर‍िक्स आएंगे, जिससे अफोर्डेबिल‍िटी और एक्सेस‍िबिल‍िटी बढ़ेगी. डॉ. लकड़ावाला ने कहा कि इतिहास इसे एक रिवोल्यूशन के तौर पर देख रही है. ये दवा मोटापा, डाइब‍िटीज और इससे जुड़ी समस्याओं को कम करने में सबसे बड़ा बदलाव ला सकती है. लेकिन इसमें शॉर्ट कट नहीं लाइफ लांग मैनेजमेंट जरूरी है.

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