हरियाणा सरकार ने गुरुवार को अपनी बहुप्रचारित ‘लाडो लक्ष्मी योजना’ का शुभारंभ कर दिया है. इस योजना के तहत राज्य की पात्र महिलाओं को हर महीने 2100 रुपये की आर्थिक मदद देने का वादा किया गया है, लेकिन हकीकत ये है कि राज्य की कुछ ही महिलाओं को शुरुआत में इस योजना का लाभ मिलेगा, जबकि बड़ी संख्या में महिलाएं अभी इंतजार करेंगी.
पिछले साल हरियाणा चुनाव से पहले बीजेपी ने यह बड़ा वादा किया था, लेकिन सरकार बनने के लगभग एक साल बाद अब हरियाणा सरकार ने इस योजना की शुरुआत रजिस्ट्रेशन प्रोसेस के साथ की है, लेकिन पहले चरण में बहुत सी महिलाओं को इससे बाहर रखा गया है.
सरकार की मानें तो एक लाख रुपये से कम पारिवारिक आय वाली महिलाओं को पहले चरण में इसका लाभ मिलेगा, जबकि बाकी महिलाओं को आने वाले समय में अगले चरणों में इसका लाभ मिलेगा. हरियाणा सरकार ने अपने हालिया बजट में इस योजना के लिए 5000 करोड़ रुपये रखे थे और नवंबर से धनराशि जारी करने की योजना है.
भले ही हरियाणा सरकार अपने चुनावी वादे को पूरा करते हुए इस योजना को क्रियान्वित कर रही है, लेकिन कई लोगों का मानना है कि इसकी शुरुआत की टाइमिंग बिहार के बड़े चुनावों से भी जुड़ी हो सकती है.
क्या बोले सीएम सैनी?
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कार्यक्रम में कहा कि आज हम दीनदयाल लाडो लक्ष्मी योजना की शुरुआत कर रहे हैं. पारदर्शिता के लिए हमने दीनदयाल लाडो लक्ष्मी ऐप भी लॉन्च किया है. इसके लॉन्च के बाद से हरियाणा की 50000 महिलाओं ने इसे डाउनलोड किया है और 8000 महिलाओं ने आवेदन जमा कर दिए हैं.
टोल-फ्री नंबर और ऐप भी लॉन्च
सीएम सैनी ने कहा कि मैं दो टोल-फ्री नंबर भी जारी कर रहा हूं, ताकि अगर हमारी बहनों को फॉर्म भरने में कोई परेशानी आए, तो वे इन नंबरों पर कॉल कर मदद ले सकें. इस योजना का लाभ 23 से 60 साल की उन महिलाओं को मिलेगा, जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय 1 लाख रुपये तक है. इन्हें सीधे उनके बैंक खातों में हर महीने 2100 रुपये दिए जाएंगे.
योजना को लेकर क्या बोलीं महिलाएं?
पंजीकरण प्रक्रिया शुरू होने पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं. कई महिलाओं ने इस योजना की सराहना की, लेकिन उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि 1 लाख रुपये की वार्षिक सीमा से बड़ी संख्या में महिलाओं को इसका लाभ नहीं मिल पाएगा.
– मंजीत सिंह ने कहा कि ये अच्छी योजना है, खासकर उन महिलाओं के लिए जो आत्मनिर्भर नहीं हैं. कम से कम उन्हें तो लाभ होगा. अपनी मर्ज़ी से खर्च कर सकेंगी. 23 साल की उम्र से पहले महिलाओं की देखभाल उनके माता-पिता करते हैं, उन्हें काफी सहारा मिलेगा.
– बरवाला की नीता ने कहा कि ये एक अच्छी योजना है. इससे हर महिला को फायदा होगा. लेकिन बुरी बात ये है कि इसमें एक लिमिट फिक्स कर दी है, लेकिन जैसा कहा गया है कि ये योजना पहले गरीबों के लिए है, फिर इस कैटेगरी को बढ़ाया जाएगा.
– दलजीत कौर ने कहा कि ये एक अच्छी योजना है, लेकिन आय की सीमा ज़्यादा होनी चाहिए. एक लाख की सालाना इनकम लिमिट से बहुत कम महिलाओं को इस योजना का लाभ मिल सकेगा. सरकार को इसकी वार्षिक आय बढ़नी चाहिए.
– -मोनिका ने कहा कि मुझे इस योजना से लाभ होगा, मेरी आय थोड़ी कम है, यह एक अच्छी योजना है.
– अंजना ठाकुर ने कहा कि अगर इस योजना का क्रियान्वयन ठीक से हुआ तो विधवाओं या गरीब लोगों को लाभ होगा. महिलाओं को इस योजना के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए.
– प्रमिला ने बताया कि एक लाख की सीमा बहुत कम है, इसे और बढ़ाया जाना चाहिए.
AAP ने साधा निशाना
आम आदमी पार्टी ने इस योजना को लेकर सैनी सरकार पर निशाना साधा और इसे जुमला करार दिया. AAP प्रवक्ता नील गर्ग ने कहा कि हरियाणा में भाजपा की योजना एक जुमला है, क्योंकि यह हरियाणा की एक-चौथाई महिलाओं को कवर कर रही है. पंजाब ने भी महिलाओं को 1000 रुपये प्रति माह देने का वादा किया है, सीएम भगवंत मान ने कहा है कि आगामी मार्च में बजट के दौरान हम इसकी घोषणा करेंगे.
सैनी सरकार का जवाब
सैनी सरकार के 2 मंत्रियों ने इस योजना का बचाव किया. हरियाणा के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने पंजाब सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अन्य राजनीतिक दल केवल घोषणाएं करते हैं, जबकि भाजपा गारंटी पूरी करती है. हमने अन्य गारंटी भी पूरी कर दी हैं.
वहीं, हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती राव ने कहा कि एक लाख रुपये कमाने वाले परिवारों से आने वाली महिलाएं ऐसी श्रेणी से आती हैं, जिसकी जरूरतें बड़ी हैं. सबसे ज़्यादा लाभार्थी इसी वर्ग से आते हैं.
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