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किसी ने गंवाई आंख, तो किसी की उंगलियां कटीं… इन क्रिकेटर्स ने अटूट जज्बे से रचा इतिहास – cricketers Missing body parts From Waqar younis Garry Sobers martin Guptill ntcpas


खेल की दुनिया में जुनून ही खिलाड़ी का असली हथियार होता है. कई बार हमने मैदान पर खिलाड़ियों को खून से लथपथ होते, फ्रैक्चर से जूझते और दर्द से कराहते हुए भी अपने देश के लिए लड़ते देखा है. क्रिकेट में तो इसके कई किस्से हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि कई दिग्गज क्रिकेटर ऐसे रहे हैं जिन्होंने उंगलियां, पैर की उंगलियां, हाथ, घुटना और यहां तक कि आंख खो देने के बाद भी क्रिकेट के मैदान पर कमाल किया. आइए आपको ऐसे ही कुछ क्रिकेटरों के बारे में बताते हैं…

मार्टिन गप्टिल– पैर की 3 उंगलियां नहीं फिर भी…

न्यूजीलैंड के इस दिग्गज खिलाड़ी ने 13 साल की उम्र में एक एक्सीडेंट के दौरान पैर की तीन उंगलियां खो दी थीं. फिर भी न्यूजीलैंड के सबसे सफल बल्लेबाजों में उनका नाम है. अपनी पावर हिंटिंग और फील्डिंग से गप्टिल ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है. करियर पर नजर डालें तो गप्टिल ने 47 टेस्ट, 198 वनडे और 122 टी20 मैच खेले हैं. गप्टिल ने वनडे में 18 और टी20 में भी दो शतक लगाए हैं.

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गैरी सोबर्स की उंगलियां कटीं

‘गैरी सोबर्स: माय ऑटोबायोग्राफी’ में उन्होंने उस ‘खासियत (12 उंगली) ‘ का जिक्र किया है. सोबर्स ने लिखा, ‘दूसरे बच्चे कहेंगे कि मैं क्रिकेट में बहुत अच्छा था क्योंकि मेरे हाथ में छह उंगलियां थीं … दरअसल, पहली अतिरिक्त उंगली काफी जल्दी गिर गई, जब मैं लगभग 9 या 10 साल का था. मैंने 11 उंगलियों के साथ पहली बार क्रिकेट खेला और इसके बाद 14 या 15 साल की उम्र में दूसरे हाथ की उंगली को खुद निकलवा लिया था.’ सोबर्स की गिनती महान क्रिकेटर्स में होती है. उन्होंने 6 गेंद में 6 छक्के भी लगाए.

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अजीम हफीज जिसने वसीम को प्रेरित किया

अजीम हफीज ने 18 टेस्ट मैचों में 63 विकेट लिए. जब भी वह गेंदबाजी करने आते, मीडिया यह बात जरूर कहता कि उनके दाहिने हाथ में दो उंगलियां नहीं हैं. उन्होंने अपने बाएं हाथ से गेंदबाजी की और युवा वसीम अकरम को प्रेरित किया. वसीम अकरम की भी एक उंगली नहीं थी. लेकिन हफीज उनके लिए प्रेरणा बने और अकरम ने गेंदबाजी में कई कीर्तिमान बनाए.

बर्ट आयरनमॉन्गर
कई खिलाड़ियों की चोटें उनके खेल को सीधे प्रभावित नहीं करतीं, लेकिन “डेन्टी” बर्ट आयरनमॉन्गर के पास अपनी गेंदबाजी वाली उंगली ही नहीं थी. बचपन में चाफ कटर मशीन में उनकी बाईं तर्जनी कट गई थी. बहन ने तुरंत उनका हाथ आटे की बोरी में डाल दिया ताकि खून रुक सके. 46 साल की उम्र में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के लिए डेब्यू किया और उसी अधूरी उंगली से बेहतरीन स्पिन डालकर 18 से भी कम की टेस्ट औसत निकाली.

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भगवत चंद्रशेखर
भारतीय लेग स्पिनर चंद्रशेखर ने बचपन में पोलियो झेला था. इसके चलते उनका दायां हाथ हमेशा पतला और कमजोर रहा. यही वजह थी कि उनकी गेंदों में अजीब लचक और अनोखा उछाल था. कभी-कभी तो खुद चंद्रा को भी पता नहीं होता था कि गेंद कहां जाएगी. लेकिन 58 टेस्ट में 242 विकेट यह साबित करते हैं कि बल्लेबाज़ों को भी अंदाज़ा नहीं होता था.

लियोनार्ड हट्टन

द्वितीय विश्वयुद्ध ने हट्टन से दो चीजें छीन लीं- करियर के छह साल और बाएं हाथ के दो इंच. 1941 में एक एक्सरसाइज ड्रिल के दौरान उनका हाथ बुरी तरह घायल हो गया. कई ऑपरेशनों के बाद उनका बायां हाथ दाएं से छोटा हो गया. लेकिन रन बनाने की उनकी क्षमता बरकरार रही और वे इंग्लैंड के महान बल्लेबाजों में गिने जाते हैं.

फ्रेड टिटमस

1968 में बारबाडोस टेस्ट से पहले इंग्लैंड टीम समुद्र में घूमने गई थी. मोटरबोट के पास चढ़ने की कोशिश करते हुए टिटमस का पैर प्रोपेलर में फंस गया और उनकी दो उंगलियां कट गईं, बाकी दो बाद में काटनी पड़ीं. लेकिन उन्होंने फिर भी क्रिकेट के मैदान पर कमाल किया.

जैकब ओरम

न्यूजीलैंड ऑलराउंडर जैकब ओरम की 2007 में उंगली टूट गई.  उन्होंने मजाक में कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो मैं यह उंगली कटवा दूंगा. मीडिया ने इसे सच मान लिया, लेकिन बाद में वे पूरी तरह ठीक होकर लौटे और बोले, ‘मेरे चेहरे की मुस्कान से ही समझ जाना चाहिए था कि मैं मज़ाक कर रहा हूं.’

कॉलिन मिलबर्न

यह कहानी दुखद है. मजाकिया और मस्तमौला बल्लेबाज कॉलिन मिलबर्न ने इंग्लैंड के लिए नौ टेस्ट खेले और दो शतक लगाए. लेकिन एक कार दुर्घटना में उनकी बाईं आंख चली गई और करियर खत्म हो गया. नवाब पटौदी ने एक आँख गंवाने के बाद क्रिकेट खेलना जारी रखा था, लेकिन मिलबर्न की वापसी असफल रही. 1990 में 48 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया.

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