रूस ने मंगलवार को नेपाल में हो रही घटनाओं पर चिंता जताई और संकट का शांतिपूर्ण समाधान निकालने की अपील की। साथ ही रूस ने अपने नागरिकों को फिलहाल नेपाल की यात्रा न करने की सलाह दी है।
रूसी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘रूसी पक्ष राष्ट्रीय कानूनों के दायरे में आंतरिक राजनीतिक संकट के शांतिपूर्ण समाधान की अपील करता है और मित्र देश में स्थिति के शीघ्र सामान्य होने की आशा करता है।’
स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा रूस
मास्को ने कहा, ‘स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है, जो बड़े पैमाने पर सड़कों पर विरोध प्रदर्शनों से लेकर हताहतों के साथ बड़े पैमाने पर दंगों में बदल गई है।’ विदेश मंत्रालय ने कहा कि अभी तक की जानकारी के मुताबिक, पीड़ितों में कोई रूसी नागरिक नहीं है। काठमांडू स्थित रूसी दूतावास के आसपास की स्थिति भी शांत है।
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नेपाल में मौजूद रूसियों को सतर्क रहने की सलाह
विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा है कि रूसी नागरिकों को सलाह दी जाती है कि जब तक स्थिति स्थिर न हो जाए, वे अस्थायी रूप से नेपाल की यात्रा करने से बचें। वहीं, जो रूसी पहले से नेपाल में मौजूद हैं, उन्हें सतर्क रहने, भीड़-भाड़ वाले इलाकों से बचने और नेपाल सरकार के निर्देशों का पालन करने को कहा गया है। जरूरत पड़ने पर वे काठमांडू स्थित रूसी दूतावास से संपर्क करें।
भारी विरोध प्रदर्शन के बीच पीएम ओली ने दिया इस्तीफा
दरअसल, सोमवार को नेपाल में सोशल मीडिया साइट्स पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। सरकार के इस फैसले के खिलाफ काठमांडू और कुछ अन्य जगहों पर युवाओं ने हिंसक प्रदर्शन किया, जिसमें कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई और 300 से ज्यादा घायल हुए। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने मंगलवार को भारी विरोध प्रदर्शनों के बीच इस्तीफा दे दिया। प्रदर्शनकारियों ने कई वरिष्ठ नेताओं के निजी घरों, राजनीतिक दलों के मुख्यालयों और यहां तक कि संसद भवन पर भी हमला कर तोड़फोड़ की।
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नेपाल में करीब 200 रूसी पर्यटक
इस बीच, रूसी पर्यटन संघ की प्रमुख नतालिया ओसिपोवा ने कहा कि इस समय नेपाल में करीब 200 रूसी पर्यटक हैं। वहीं, TASS के अनुसार, नेपाल के विभिन्न हिस्सों में कुल मिलाकर 400 से ज्यादा रूसी पर्यटक नहीं हैं। रूसी पर्वतारोहण संघ के अनुसार, उसके कई सदस्य नेपाल में हैं। रूसी दूतावास ने उन्हें पहाड़ों में ही रहने और दंगों के मुख्य स्थल काठमांडू की यात्रा न करने को कहा है।