हमसे और आपसे ज्यादा भारतीय तो बांग्लादेशी घुसपैठिये बन गए हैं। ये न सिर्फ फर्जी वोटर बनकर सत्ता के खेल में शामिल हो रहे हैं, बल्कि आतंक की नर्सरी भी चला रहे हैं। ये घुसपैठिये बांग्लादेश से आकर फर्जी पहचान पत्र, वोटर कार्ड, बैंक अकाउंट और पासपोर्ट तक बनवा ले रहे हैं और जिहाद के नाम पर खतरनाक खेल भी खेल रहे हैं।
विशेष मतदाता पुनरीक्षण (एसआईआर) पर मचे सियासी शोर के बीच यह सच इतना खतरनाक है, जिसे जानकर आप भी दहशत में आ जाएंगे। पश्चिम बंगाल से घुसपैठ कर उस राज्य के साथ-साथ पड़ोसी असम से लेकर बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में जिहाद का व्याकरण रच रहे हैं। वह भी मस्जिद, मदरसे और इमामों की आड़ में। अमर उजाला को कुछ ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जिससे एसआईआर ही नहीं, राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की अहमियत भी स्पष्ट हो जाती है। ये घुसपैठिये सिर्फ संसाधन ही नहीं लूट रहे, बल्कि देश के नीचे एक ऐसा डायनामाइट बिछा रहे हैं, जिसे पहचाना नहीं गया तो परिणाम घातक हो सकते हैं। इस चक्रव्यूह को गैरजिम्मेदार राजनीति मजबूत कर रही है। कुछ किरदारों और केस स्टडी के जरिये इस साजिश की परतें उधेड़ते हैं।