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क्या है ‘फ्लाइंग नैकेड ट्रेंड’? पैसे बचाने के लिए ये क्या कर रहें लोग – flying naked trend airline baggage hack story tstsd


इन दिनों  फ्लाइट में यात्रा के दौरान लगेज के लिए चार्जेज काफी बढ़ा दिए गए हैं. प्लेन से सामान ले जाने के लिए कई देशों में एयलाइंस काफी ज्यादा पैसे ले रहे हैं. बैग का वजन जितना ज्यादा होगा शुल्क उसी अनुसार बढ़ता जाएगा. इससे बचने के लिए लोगों के बीच एक ट्रेंड प्रचलन में आया है, ये है ‘फ्लाइंग नैकेड ट्रेंड’.

‘फ्लाइंग नैकेड ट्रेंड’ का मतलब ये नहीं है कि लोग बिना कपड़ों के फ्लाइट में सफर रहे हैं. इस ट्रेंड के तहत लोग ठीक इसका उलट काम करते हैं. अपने बैग पर लगने वाले अतिरिक्त शुल्क से बचने के लिए लोग अपने साथ कोई बड़ा या ज्यादा वजन वाला लगेज नहीं ले जाते, बल्कि जरूरत वाले कई सारे कपड़े पहन लेते हैं.   

आखिर क्या है फ्लाइंग नैकेड ट्रेंड
डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, इस ट्रेंड में ज्यादातर जेनरेशन जेड और मिलेनियल्स शामिल हैं.आजकल कई ऐसे यात्री हैं, जो अपने फोन और बटुए के अलावा किसी भी सामान के बिना फ्लाइट में सवार होते हैं. ऐसे में ये लोग अपनी जेबें कपड़ों और अन्य जरूरी वस्तुओं से भर लेते हैं. इसके बाद अपना बड़ा सा बैग या लगेज डाक के माध्यम से मंगवा लेते हैं. 

डाक से क्यों सामान मंगवा रहे यात्री
डाक के माध्यम से अपना सामान मंगवाना, फ्लाइट में खुद के साथ बैग ले जाने से सस्ता पड़ता है. एस्केप की रिपोर्ट के अनुसार, ‘फ्लाइंग नैकेड’ की घटना ऐसे समय में सामने आई है, जब सेंड माई बैग द्वारा 1,000 प्रतिभागियों पर किए गए सर्वेक्षण में 48 प्रतिशत लोगों ने माना ​ कि एयरलाइन्स कंपनियां जानबूझकर भ्रामक लगेज पॉलिसी से लाभ कमाती हैं.

ऐसे बचा रहे अतिरिक्त लगेज पर लगने वाला पैसा
इस ट्रेंड के तहत लोग कपड़ों की कई परतें पहनने का प्रयोग भी कर रहे हैं. इस ट्रेंड को फॉलो करने वाले लगभग तीन में से एक व्यक्ति ऐसा करते हैं. 28 साल की रेचेल केली ने स्वीकार किया कि इस वर्ष की शुरुआत में जब वह आयरलैंड से ऑस्ट्रेलिया आई थीं, तब उन्होंने ‘फ्लाइंड नैकेड’ का तरीका अपनाया था.वह अतिरिक्त बैग लाने के लिए 1,000 डॉलर (88 हजार रुपये) के बिल से बचना चाहती थी. 

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ऐसे ही एक शिक्षक ने 600 डॉलर बचाने में सफलता प्राप्त की और एस्केप को बताया कि मुझे नहीं लगता कि लोगों पर कैरी-ऑन सामान के लिए भारी जुर्माना लगाना उचित है, जबकि वे पहले से ही हवाई अड्डे पर मौजूद हैं.मैं समझता हूं कि चेक-इन बैग के लिए शुल्क लेना उचित है, लेकिन कीमतें बहुत ज्यादा हैं. यह वास्तव में इसके लायक नहीं हैं.

पहन लेते हैं ढेर सारा कपड़ा
रेचेल ने बताया कि वह अक्सर अन्य उड़ानों के लिए ‘फ्लाइंग नैकेड’ तकनीक का उपयोग करती हैं और अपना बैग कोट के नीचे छिपा लेती हैं. हालांकि, वह मानती हैं कि ऐसा करते समय उन्हें घबराहट महसूस होती है और पकड़े जाने का डर भी रहता है. 

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वह कहती हैं कि यदि मैं जेटस्टार जैसी एयरलाइन से यात्रा कर रही हूं, जिसमें 7 किलोग्राम सामान ले जाने की सीमा है, तो मैं अपना हैंडबैग कोट के नीचे छिपा लेती हूं या जरूरत पड़ने पर सात जंपर्स पहन लेती हूं, ताकि मैं अतिरिक्त सामान पर लगने वाले शुल्क से बच सकूं. एक अन्य यात्री ने बताया कि वह आमतौर पर विमान में चढ़ने के बाद अपना बैग बाहर निकालते हैं.

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