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पिछले 5 सालों में जमकर हुई कोर्टरूम ड्रामा की बौछार, क्या इसीलिए ‘जॉली एलएलबी 3’ के लिए ठंडा है माहौल? – jolly llb 3 akshay kumar arshad warsi courtroom drama ntcpsm


अरशद वारसी की ‘जॉली एलएलबी’ (2013) जब रिलीज हुई थी तो ये कोई बहुत चर्चित या बड़ी फिल्म नहीं थी. दर्शकों ने फिल्म देखकर तारीफें शुरु कीं और कमाल ये हुआ कि ये कम चर्चित फिल्म, एक सरप्राइज हिट बन गई. इसके सीक्वल ‘जॉली एलएलबी 2’ में जब अक्षय कुमार आए तो दमदार कंटेंट और सीक्वल के भरोसे के साथ स्टार पावर भी जुड़ गई. 

बिना एक्शन-सस्पेंस वाली कोर्टरूम ड्रामा फिल्म 100 करोड़ से ज्यादा कमाने वाली हिट बन गई. अब ‘जॉली एलएलबी 3’ थिएटर्स में पहुंच चुकी है. एक पॉपुलर और बॉक्स ऑफिस पर कामयाब फ्रैंचाइजी का सीक्वल होने के नाते, तीसरी फिल्म का क्रेज और भी तगड़ा होना चाहिए था. मगर ऐसा नहीं हुआ. ट्रेंड्स से अनुमान लगाया जा सकता है कि शायद ‘जॉली एलएलबी 3’ की ओपनिंग ‘जॉली एलएलबी 2’ से कम ही रहे. 

उम्मीदों से कमजोर लग रहा है ‘जॉली एलएलबी 3’ का क्रेज (Photo: IMDB)

बहुत लोग फिल्म के उम्मीद से ठंडे क्रेज को अक्षय कुमार के स्ट्रगल भरे दौर से जोड़कर देखने लगेंगे. मगर असल में मामला ये नहीं है. असली वजह है कोर्टरूम ड्रामा वाले कंटेंट की बाढ़ जो पिछले 5 सालों में आई है. 

ओटीटी पर कोर्टरूम ड्रामा की बाढ़
‘जॉली एलएलबी’ फ्रैंचाइजी को छोड़ दें तो लॉकडाउन से पहले बॉलीवुड से आईं कोर्टरूम ड्रामा फिल्में बहुत ज्यादा नहीं थीं. ‘मुल्क’ (2018), ‘पिंक’ (2016), ‘सेक्शन 375’ (2019), ‘रुस्तम’ (2016) या ‘OMG’ (2012) जैसी बॉलीवुड फिल्में ही इस टाइप की कुछ पॉपुलर फिल्में थीं. मगर लॉकडाउन के बाद तो जैसे कोर्टरूम ड्रामा कंटेंट का सैलाब ही आ गया है. इसकी बड़ी वजह है ओटीटी क्रांति. 

पिछले 5 साल में हिंदी में कम से कम 7 पॉपुलर कोर्टरूम ड्रामा ओटीटी शोज आए हैं. इन शोज के सिर्फ एक-एक सीजन नहीं हैं. टोटल जोड़ दें तो इन 7 शोज के करीब 17 सीजन पिछले 5 सालों में आए हैं. इनमें से सिर्फ एक, ‘क्रिमिनल जस्टिस’ ही ऐसा है जो लॉकडाउन से पहले शुरू हुआ था. मगर इस शो के 4 सीजन में से 3, 2020 के बाद आए हैं. 

पिछले 5 सालों में आए हैं 7 कोर्टरूम ड्रामा ओटीटी शोज (Photo: IMDB)

पिछले 5 साल में नेहा शर्मा स्टारर ‘इलीगल’ के 3 सीजन आ चुके हैं. जिमी शेरगिल का शो ‘योर ऑनर’ 2 सीजंस में आ चुका है. काजोल के ‘द ट्रायल’ का एक सीजन 2023 में आया था, दूसरा 19 सितंबर को ही रिलीज हुआ है, जब थिएटर्स में ‘जॉली एलएलबी 3’ रिलीज हो रही है. नेटफ्लिक्स भी ‘मामला लीगल है’ के एक सीजन के साथ इस होड़ में उतर चुका है. ‘गिल्टी माइंडस’ के पहले दमदार सीजन के बाद, दूसरे का इंतजार किया जा रहा है. और ‘कोर्ट कचहरी’ हाल ही में सोनी लिव का दूसरा हिंदी कोर्टरूम ड्रामा शो बनकर आया है. 

फिल्में भी नहीं कम 
ओटीटी ने एक सुविधा ये दी है कि किसी भी भाषा में बना ऑरिजिनल कंटेंट, आप अपनी भाषा में देख सकते हैं. इसके अपने फायदे-नुकसान हैं. हिंदी दर्शक कंटेंट खपाने के मामले में बहुत तेज हैं और साउथ से आया कंटेंट भी खूब देखते हैं. इसमें भी ओटीटी पर आ चुकीं साउथ की कई पॉपुलर कोर्टरूम ड्रामा फिल्में हैं. सूर्या की तमिल फिल्म ‘जय भीम’ और पृथ्वीराज सुकुमारन की मलयालम कोर्टरूम ड्रामा ‘जन गण मन’ भी 2020 के बाद ही आई हैं. 

5 सालों में आधा दर्जन से ज्यादा फिल्मों में था कोर्टरूम ड्रामा (Photo: IMDB)

मलयालम से ही आई ‘वाशी’ भी दर्शकों में बहुत पॉपुलर हुई. इसी साल तमिल से आई ‘कोर्ट: स्टेट वर्सेज नोबडी’ भी खूब देखी गई. मनोज बाजपेयी की हिंदी ओटीटी रिलीज ‘सिर्फ एक बंदा है काफी है’ ने भी व्यूअरशिप के रिकॉर्ड बनाए. फिल्मों की बात निकली है तो अक्षय कुमार की ही आखिरी फिल्म जिसे जनता ने पसंद किया, वो ‘केसरी चैप्टर 2’ है. ये भी इतिहास पर बेस्ड एक कोर्टरूम ड्रामा थी और अक्षय इसमें भी एक लॉयर बने थे. 

कंटेंट से थक रहे दर्शक
ओटीटी प्लेटफॉर्म्स ने एंटरटेनमेंट को बदल कर जरूर रख दिया है. मगर कंटेंट के मामले में, खासकर हिंदी ऑरिजिनल्स बनाने में, ये प्लेटफॉर्म्स भी ठीक बॉलीवुड इंडस्ट्री की तरह काम करते हैं. अगर एक चीज चल गई, तो सबको वही बनानी है. पहले सिर्फ तीन घंटे की फिल्मों में इस तरह की होड़ होती थी. अब 6 घंटे से 9 घंटे के वॉच टाइम वाले शोज भी इस होड़ में उतर चुके हैं. मगर दर्शकों का भी एक सेचुरेशन पॉइंट होता है. 

तारीफों के बावजूद, बहुत बड़ी हिट नहीं बनी अक्षय की कोर्टरूम ड्रामा ‘केसरी 2’ (Photo: IMDB)

इससे पहले भारत-पाक पर बने देशभक्ति वाले कंटेट के साथ भी ऐसा हो चुका है. रॉ एक्शन वाली गैंगस्टर फिल्मों के साथ भी यही हो रहा है. एक जैसी रंग-ओ-बू वाला कंटेंट इतना हो चुका है कि दर्शक थक कर स्क्रीन्स से हट जा रहा है. ‘जॉली एलएलबी 3’ के रिव्यूज अच्छे आ रहे हैं. मगर ऐसे ही अच्छे रिव्यू अक्षय की ‘केसरी चैप्टर 2’ के भी आए थे. 

वो फिल्म भी अपने पोटेंशियल से काफी कम परफॉर्म कर पाई थी. शायद तब भी कोर्टरूम ड्रामा से दर्शकों की ऊब ही एक बड़ी वजह थी. और यही ‘जॉली एलएलबी 2’ का क्रेज भी फीका कर रही है. अब न जाने बॉलीवुड को ये कब समझ आएगा कि एक ही टाइप का कंटेंट लगातार बनाकर वो सिर्फ अपनी ऑडियंस ही नहीं घटा रहे, बल्कि पूरे जॉनर को ही कमजोर कर दे रहे हैं. 

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