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क्या स्मार्टफोन्स खत्म हो जाएंगे? एक ऐसा डिवाइस जो आपकी आखों के पास रहेगा, हाथ लगाने की जरूरत नहीं – meta rayban display smart glasses future tech can replace smartphones ttecm


स्मार्टफ़ोन की जगह फ्यूचर में कौन सा डिवाइस लेगा? कुछ समय से ऐसी डिस्कशन देखने को मिल रही है. आपको याद हो तो हाल ही में Humane AI Pin लॉन्च किया गया था. इसे ऐपल के ही एक फॉर्मर एग्जिक्यूटिव ने लॉन्च किया था. इस AI डिवाइस की हाइप भी काफी थी, लेकिन ये फ्लॉप हो गया. 

स्मार्ट ग्लासेज का कॉन्सेप्ट नया नहीं है, लेकिन पिछले दो सालों में AI पावर्ड स्मार्ट ग्लासेज का क्रेज़ तेजी से बढ़ा है. ख़ास तौर पर MetaRayban स्मार्ट ग्लासेज दुनिया भर में हॉट सेलिंग रहे हैं. मेटा को लग रहा है कि कंपनी स्मार्ट ग्लासेज के ज़रिए पूरा इकोसिस्टम तैयार कर सकती है. 

Meta CEO मार्क जकरबर्ग ने हाल ही में कहा कि फ्यूचर में जिनके पास स्मार्ट ग्लासेज नहीं होंगे वो पीछे रह जाएंगे. ज़ाहिर ये बात उनके प्रचार का हिस्सा है, लेकिन ये कई मायनों में सही भी है. 

Meta Connect इवेंट में मार्क जकरबर्ग ने लेटेस्ट जेनेरेशन Meta Rayban Display लॉन्च किया है. ये मौजूदा Meta RayBan स्मार्ट ग्लासेज से काफी अलग हैं और इसमें इनबिल्ट स्क्रीन भी है जहां आप वीडियोज भी देख सकते हैं और यहां लाइव नेविगेशन भी दिख सकता है. इसे ऑग्मेंटेड रिएलिटी (AR) ग्लास कहा जा सकता है. 

Meta ने कुछ समय पहले Orion Glasses भी अनवील किया था जो Snapchat के ऑग्मेंटेड रिएलिटी ग्लासेज का राइवल है. हालांकि ये अभी बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं है. लेकिन कंपनी इसपर काफी अग्रेसिवली काम कर रही है. कुछ सालों में इसका फाइनल बिल्ड किया जा सकता है. अगर ऐसा हुआ तो Apple Vision Pro जैसे डिवाइसेज के लिए बड़ा खतरा होगा. क्योंकि Apple Vision Pro काम तो बेहतर करता है, लेकिन ये काफी भारी है और लंबे समय तक पहन कर रहने में लोग कंफर्टेबल नहीं हो सकते. 

स्मार्ट ग्लासेज़ का मार्केट

मार्केट में जो भी मौजूदा स्मार्ट ग्लासेज हैं उनमें स्पीकर्स, माइक्रोफोन्स और कैमरे दिए गए हैं, लेकिन डिस्प्ले नहीं होता है. हाल ही में Halliday Glasses लॉन्च हुए थे जिनमे एक व्यू फ़ाइंडर दिया गया है. एक ग्लास में आप स्क्रीन देखने लगते हैं, लेकिन Meta का RayBan Display में ग्लास पर ही स्क्रीन एंबेड कर दी गई है. 

आपको ऐसा लग रहा होगा कि चश्मे में डिस्प्ले दी गई है तो इससे काफी डिस्ट्रैक्शन होगा. यानी आप सामने देखेंगे और डिस्प्ले ऑन हो गई तो मुश्किल हो जाएगी. लेकिन ऐसा नहीं है. 

इससे आपको विजन ब्लॉक नहीं होगा, क्योंकि  आपको ऐसा लगेगा कि आपके सामने डिस्प्ले प्रोजेक्ट की जा रही है. अगर आपने कार में HUD देखा है तो ये कमोबेश वैसा ही लगता है. यानी स्क्रीन आपसे दूर दिखेगी और पेरिफेरल विजन में रहेगी. 

Meta RayBan Display ग्लासेज से आप क्या-क्या कर सकते हैं?

पहले वाले MetaRayban वेरिएंट्स को आप बोल कर कमांड दे सकते थे, लेकिन यहां आप देख कर जेस्चर के ज़रिए कमांड दे सकते हैं. पहनने के बाद आपको ऐसा लगेगा कि आपसे कुछ फ़ीट की दूरी पर डिस्प्ले है जिससे आपका विजन भी ब्लॉक नहीं होगा. आप इसे चाहें तो ऑफ भी कर सकते हैं और इसे नॉर्मल सनग्लासेज की तरह यूज़ कर सकते हैं. 

आपके सामने हर समय एक फ़्लोटिंग स्क्रीन दिखेगी जिसे आप कमोबेश फ़ोन की तरह ही यूज़ कर पाएंगे. कोई दूसरा ये डिस्प्ले नहीं देख पाएगा, सिर्फ आपको ही ये स्क्रीन दिखेगी. 

आप चश्मे में ही शॉर्ट वीडियोज या रील्स स्क्रॉल कर सकते हैं जैसे फ़ोन पर करते हैं. ऑडियो क्वॉलिटी भी अच्छी होती है, इसलिए सिर्फ आपको ही ऑडियो भी सुनाई देगी, पास वालों को अंदाजा भी नहीं होगा कि आप चश्मे में ही वीडियो देख रहे हैं. कॉलिंग, मैसेजिंग से लेकर म्यूजिक का एक्स्पीरिएंस भी इसमें मिलता है. 

MetaRaban Display के साथ एक न्यूरल रिस्ट बैंड भी आता है. इसके जरिए आप हैंड जेस्चर यूज करके स्क्रीन पर नेविगेशन कर सकते हैं, यानी कोई भी ऑप्शन को सेलेक्ट कर सकते हैं या बंद करके कुछ नया ओपन कर सकते हैं. 

मैप्स रियल टाइम चलता है, इसलिए आपको फ़ोन निकालने की ज़रूरत नहीं होगी. स्मार्ट ग्लास की ही स्क्रीन में आपको रियल टाइम नेविगेशन मिल जाएगा. 

ऐसे कई फीचर्स हैं जो यूजफुल हैं, लेकिन अभी ये परफ़ेक्शन से दूर हैं. लेकिन MetaRayban Display के बाद ये तो साफ है कि स्मार्ट ग्लासेज फ्यूचर में एक जरूरी गैजेट बन सकते हैं. इतना ही नहीं इससे स्मार्टफोन की डिपेंडेंसी भी कम हो सकती है. 

फ़िलहाल ये अर्ली वर्जन्स हैं, लेकिन कुछ सालों के बाद स्मार्ट ग्लासेज के फीचर्स परफ़ेक्शन की तरफ़ जाएंगे और ये प्रैक्टिकल भी होंगे. दूसरी कंपनियां भी लगातार स्मार्ट ग्लासेज पर काम कर रही हैं. 

स्मार्ट ग्लासेज के साथ बड़ा पॉजिटिव प्वाइंट ये है कि आप इसे पहन कर अनकंफर्टेबल नहीं होते जैसे Vision Pro या Oculus जैसे ऑग्मेंटेड रिएयलिटी हेडसेट को पहन कर होते हैं. अमूमन ऑग्मेंटेंड रियलिटी हेडसेट काफी भारी होते हैं. अगर Meta या कोई भी कंपनी Apple Vision Pro जैसे तमाम फीचर्स अगर स्मार्ट ग्लासेज में ही फिट करने में पूरी तरह सफल रहती है तो ये एक बड़ा ब्रेकथ्रू होगा. 

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