पाकिस्तानी सिख नेताओं और इवेक्वी ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ETPB) ने बुधवार को भारतीय सरकार से अपील की है कि सिख श्रद्धालुओं को 22 सितंबर को गुरु नानक देव की पुण्यतिथि पर करतारपुर साहिब जाने की अनुमति दी जाए.
अप्रैल में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने अटारी-वाघा बॉर्डर को बंद कर दिया था. इसकी वजह से भारतीय सिख श्रद्धालु पाकिस्तान में होने वाले धार्मिक आयोजनों में हिस्सा नहीं ले पा रहे हैं.
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ETPB, जो पाकिस्तान में अल्पसंख्यक धार्मिक स्थलों की देखरेख करता है, ने कहा कि भारत से श्रद्धालुओं का आना बंद हो गया है. पीटीआई से बातचीत में ETPB के प्रवक्ता गुलाम मोहयुद्दीन ने कहा, “हमारे दरवाजे सिख श्रद्धालुओं के लिए हमेशा खुले हैं.” उन्होंने बताया कि गुरु नानक देव की पुण्यतिथि से जुड़े कार्यक्रम 22 सितंबर को करतारपुर साहिब गुरुद्वारे में होंगे.
श्रद्धालुओं की आवाजाही सुगम की जाए- PSGPC
पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (PSGPC) के अध्यक्ष और पंजाब सरकार में मंत्री सरदार रमेश सिंह अरोड़ा ने भी यही अपील की कि भारतीय सिख श्रद्धालुओं को इस धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने का मौका मिलना चाहिए. वहीं, कमेटी के उपाध्यक्ष महेश सिंह ने भी इस मांग का समर्थन किया और कहा कि श्रद्धालुओं की आवाजाही सुगम की जाए.
गौरतलब है कि पाकिस्तान सरकार ने नवंबर 2019 में करतारपुर कॉरिडोर खोला था. यह कॉरिडोर करीब 4.1 किलोमीटर लंबा है और यह पाकिस्तान के करतारपुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत के पंजाब के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक से जोड़ता है.
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बिना वीजा पाकिस्तान जाने और गुरुद्वारा दरबार साहिब के दर्शन की सुविधा
यही वह पवित्र स्थल है जहां सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने जीवन के आखिरी वर्ष बिताए और 16वीं सदी की शुरुआत में यहीं उनका निधन हुआ. करतारपुर कॉरिडोर भारतीय श्रद्धालुओं को बिना वीजा पाकिस्तान जाने और गुरुद्वारा दरबार साहिब के दर्शन करने की सुविधा देता है.
पाकिस्तानी सिख नेता और ETPB लगातार इस बात पर ज़ोर दे रहे हैं कि धार्मिक आयोजनों में राजनीतिक या सुरक्षा कारणों से रुकावट नहीं आनी चाहिए. उनका कहना है कि गुरु नानक देव की पुण्यतिथि पर श्रद्धालुओं को करतारपुर जाने की अनुमति मिलनी चाहिए ताकि वे अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन कर सकें.
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