महिलाओं और बच्चों के लिए देश में अब तक का सबसे बड़ा स्वास्थ्य अभियान शुरू किया गया है. 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक देश भर के सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में शिविर लगाकर महिलाओं, किशोरियों और बच्चों की स्वास्थ्य जांच की जाएगी.
देशभर के जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, अनुमंडल अस्पताल, रेफलर अस्पताल और अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्रों पर एक लाख से ज्यादा स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएंगे.
महिला स्वास्थ्य जांच के लिए लगेंगे शिविर
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को इस अभियान को सफल बनाने का निर्देश दिया गया है. इस अभियान का उद्देश्य महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समाधान सुनिश्चित करना है. इसके तरत एनीमिया, ब्लडप्रेशर, डायबिटिज और कैंसर के लिए व्यापक जांच की व्यवस्था इन शिविरों में की जाएगी.
यह अभियान स्वास्थ्य की प्रगति की निगरानी के लिए प्रसवपूर्व देखभाल (एएनसी) जांच, परामर्श और मातृ एवं बाल संरक्षण (एमसीपी) कार्डों का वितरण करके मातृ एवं बाल स्वास्थ्य को मजबूत करता है. इस पहल के तहत जिला अस्पतालों की ओर से स्त्री रोग विशेषज्ञ, सर्जन और दंत चिकित्सक जैसे विशेषज्ञ कैंप में मौजूद रहेंगे. ये डॉक्टर महिलाओं और बच्चों की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सटीक निदान और देखभाल की सही सलाह देंगे.
अभियान का मकसद मां और बच्चों के मृत्युदर को कम करना है
अभियान का दूसरा मकसद मां और बच्चे के मृत्यु दर को कम करना भी है. इसके तहत टीकाकरण प्रयासों और पोषण संबंधी लाभों को बढ़ावा देना है. इस अभियान की सफलता के लिए सशक्त पोर्टल के माध्यम से वास्तविक समय पर निगरानी भी की जाएगी.
स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान (एसएनएसपीए) स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा एक ऐतिहासिक पहल है. इसमें महिला और बाल विकास मंत्रालय प्रमुख सहयोगी है. जनभागीदारी अभियान के रूप में यह कार्यक्रम समावेशी स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा देने के लिए निजी अस्पतालों और स्वास्थ्य क्षेत्र के पेशेवरों की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करता है.
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