दिल्ली-एनसीआर इन दिनों कई कई वायरस और बैक्टीरियल संक्रमण की गिरफ्त में है. आंकड़ें बताते हैं कि लगभग हर घर में कोई न कोई बुखार, खांसी या बदन दर्द से परेशान दिख रहा है.डॉक्टरों का कहना है कि इस बार वायरल इंफेक्शन सामान्य से ज्यादा लंबे समय तक चल रहे हैं और 7 से 10 दिन तक मरीजों को जकड़े रख रहे हैं. ऐसे में घबराने के बजाय सतर्क रहने और समय पर टेस्ट कराने की जरूरत है.
डॉ. जुगल किशोर ने समझाया वायरस का पैटर्न
सफदरजंग अस्पताल के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के डायरेक्टर प्रोफेसर डॉ. जुगल किशोर का कहना है कि इस वक्त कई तरह के वायरस एक्टिव हैं. इनमें H3N2 इन्फ्लुएंजा A, स्वाइन फ्लू, नॉर्मल फ्लू, डेंगू, चिकनगुनिया और बच्चों में हैंड-फुट-माउथ डिजीज के केस बढ़ रहे हैं.
डॉ. किशोर के मुताबिक वायरस हों या बैक्टीरिया, शुरुआती लक्षण अक्सर एक जैसे होते हैं. ज्यादातर मामलों में बुखार हाई-ग्रेड नहीं होता, ये 101-102 डिग्री तक जाकर थम जाता है. इसके साथ दस्त, पेट दर्द, जोड़ और कमर दर्द, सिरदर्द, मतली और उल्टियां भी हो सकती हैं.
कब समझें डेंगू या हेपेटाइटिस का खतरा
अगर बुखार के साथ जोड़ों में तेज दर्द हो रहा है तो यह डेंगू हो सकता है.हेपेटाइटिस A या E के केस में लिवर इनवॉल्व होता है, जिसमें मतली, कमजोरी, शरीर का पीला पड़ना और लगातार बुखार शामिल है. ऐसे केस में बिना डॉक्टरी सलाह के बुखार की ज्यादा दवाइयां लेने से नुकसान हो सकता है. डॉ. किशोर चेतावनी देते हैं कि डेंगू में एस्पिरिन का ज्यादा सेवन प्लेटलेट्स को नुकसान पहुंचा सकता है.
गले-नाक से जुड़े लक्षण तो समझें रेस्पिरेटरी वायरस
डॉ किशोर ने आगे बताया कि इस वक्त ज्यादातर वायरल केस रेस्पिरेटरी सिस्टम को प्रभावित कर रहे हैं. अगर गला खराब, नाक बहना या खांसी है, तो ये कॉमन फ्लू या इन्फ्लुएंजा वायरस हो सकते हैं. ये सामान्यत: जानलेवा नहीं होते लेकिन डायबिटीज, किडनी, हाइपरटेंशन और हार्ट पेशेंट्स के लिए यह निमोनिया का रूप ले सकते हैं. ये वायरस पहले से किसी रोग से जूझ रहे और दवाईयों का सेवन कर रहे लोगों के लिए मुश्किल पैदा कर सकता है.
घर में कब तक इलाज और कब कराएं टेस्ट
डॉ. किशोर के मुताबिक डेंगू जैसे वायरस के लक्षण कई मामलों में घर पर भी ठीक हो सकते है, बशर्ते समय पर जांच हो और मरीज में प्लेटलेट्स गिरने के लक्षण (चकत्ते) न दिखें. डॉक्टर का कहना है कि किसी भी मरीज को अगर बुखार 1-2 दिन में न उतरे, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह जरूर लें.कभी भी बुखार के मामले में स्वयं के डॉक्टर न बनें. इस समय डेंगू, हेपेटाइटिस और मलेरिया के केस भी सामने आ रहे हैं, इसलिए सही बीमारी पता करने के लिए टेस्ट जरूरी है.
वक्त ले रहे वायरल संक्रमण
विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार वायरस 7 से 10 दिन तक मरीजों को परेशान कर रहे हैं. सामान्य वायरल जहां 3-4 दिन में उतर जाता था, वहीं अब मरीज लंबा समय तक थकान, बुखार और दर्द झेल रहे हैं. डॉक्टर मानते हैं कि यह शायद लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होने का संकेत है. इसलिए खानपान और लाइफस्टाइल का ध्यान जरूर रखें.
बचाव ही है सबसे बड़ा इलाज
साफ पानी पिएं और बाहर का कच्चा या गंदा खाना न खाएं.
मच्छरों से बचाव करें.
फ्लू जैसे लक्षणों पर ओवर-द-काउंटर दवाइयों के बजाय डॉक्टर की सलाह लें.
हाई-रिस्क ग्रुप (बुजुर्ग, बच्चे, क्रॉनिक पेशेंट) सतर्क रहें.
—- समाप्त —-